Monday 30 May 2022

कलेक्टर द्वारा 2004 में निरस्त पट्टों पर चल रहा निर्माण कार्य, ग्रामीणों की शिकायत व पंचायत के नोटिस देने के बाद भी बन्द नही हुआ काम


प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर
पिपलिया स्टेशन - ग्राम कनघट्टी में 2004 में कलेक्टर द्वारा निरस्त किए गए पट्टों पर वर्तमान में निर्माण कार्य शुरु हो गया है, ग्रामीणों की शिकायत व ग्राम पंचायत के नोटिस के बाद भी कब्जाधारियों ने निर्माण कार्य बन्द नही किया है। ग्रामीणों ने प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। ग्रामीण किशोर टेलर, आशीष सुथार, एटमसिंह, प्रतापसिंह सोनगरा ने बताया वर्ष 1998 में सरपंच ने भूमि स.नं. 1656/2 पर 40 बाय 30 वर्गफिट के 65 भूखण्ड जारी किए थे, इसमें इसमें 41, 52, 53, 56, 57 क्रमांक के पट्टेधारियों के गांव में निवास नही होने के कारण कलेक्टर न्यायालय मन्दसौर ने 28 मई 2004 को आदेश जारी कर उक्त पट्टों को निरस्त कर दिया था। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उक्त पांच भूखण्ड पर वर्तमान में निर्माण कार्य किया जा रहा है, शिकायतों के बाद भी प्रशासन इसे नजर अंदाज कर रहा है, राजनैतिक संरक्षण के कारण भूमाफियाओं के हौंसले बुलन्द है। ग्रामीणों ने तत्काल कार्य बन्द नही होने पर आन्दोलन की चेतावनी दी।

भष्ट्राचार में डूबे प्रधान पर मेहरबान अधिकारी नहीं हो रही कोई कार्यवाही।

पूजा मण्डल प्रदेश सह संपादक UP


लखीमपुर-खीरी विकास खंड पसगवां की ग्राम पंचायत गुरदेव खेड़ा की जनता विकास कार्यों से कोसों दूर जनता के विकास कार्य के लिए आई हुई धनराशि को खुद के विकास में लगा रहे ग्राम प्रधान व पचायत सचिव वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 जम कर की गई धांधली नल मरम्मत के नाम से निकाली गई लाखों की धनराशि 05/05/2021 से 11/3/2022 तक ग्राम प्रधान व सचिव के द्वारा नल मरम्मत के नाम पर लाखों रूपये राशि खर्च हुई 59400 रूपये S बना कर पेमेंट किया गया 05/5/2021 इसी दिनांक में 64200 रुपए नल रिवोर  के नाम पर 45000 रुपए 08/5/2021 नल मरम्मत 20000 रुपए मरम्मत के नाम पर 11/3/2022 36000 रुपए इसी  दिनांक मरम्मत कार्य के नाम पर 19950 14/7/2021 नल मरम्मत 32000 और 28 100 व 28 090 रुपए 16/2/2022 इसी दिनांक में तीन बार धन राशि निकाली गई नल मरम्मत के नाम पर लूट का सिलसिला यहीं पर नहीं रुका फिर से 16/12/2021 को 19200 रुपए नल मरम्मत के नाम से और 34800 22/5/2021 सिर्फ A  बनाकर 19950 रुपए27/7/2021 15160 M बनाकर इसे दिनांक में दो बार पेमेंट किया गया 280 90 और 28760 व 36000 व 19950 दिनांक 09/3/2022 नल रिवोर व मरम्मत के नाम पर 35400 रुपए और 54 100 H व P बनाकर दिनांक 24/7/2021 दो बार की पेमेंट किया गया 35400 27/7/2021 HP 8000 रुपए नल मरम्मत के नाम पर43690 रुपए व 51950 और 4284 सीमेंट पाइप खरीद की गई जबकि जनता को इन कार्यों की भनक तक नहीं है और जब जनता से बात की गई गांव वालों ने बताया हमें जानकारी तक नहीं है खंड विकास अधिकारी सख्त होने के बावजूद भ्रष्टाचार चरम पर है देखना या है खंड विकास अधिकारी व  जिले के आला अधिकारी ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव कार्रवाई करने में सक्षम रहेंगे या मौन धारण अपनी कुर्सी से चिपके बैठे रहेंगे

Sunday 29 May 2022

ज़रूरतमन्दों के लिऐ घडकता हुआ दिल रखती है मोहम्मदी की पूर्व व सवायजपुर की वर्तमान उपजिलाधिकारी स्वाति शुक्ला।

उत्कर्ष शुक्ला संस्थापक/संपादक


आने बाले हर फरियादी के चेहरे पे नजर रखती है मोहम्मदी पूर्व उपजिलाधिकारी स्वाति शुक्ला

ये बात पूर्व में तैनात मोहम्मदी मे एक महिला अधिकारी पर पूरी तरह सटीक  बैठती है और सही साबित  होती है।वहीं दूसरी ओर जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि किसी की आंख मे आंसू आप की दया दृष्टि देख कर आए और आप वो आसू पोछने का काम करे तो निश्चित रूप से ईश्वर उस  व्यक्तित्व से बेहद खुश रहेगा ,और ईश्वर ऐसे ही लोगो से ही अपने बंदो की मदद कराता है। हा ऐसा ही एक मामला पूर्व में उप जिलाधिकारी स्वाति शुक्ला के कार्यालय मोहम्मदी तहसील में नगर की एक महिला के साथ देखने को मिला, वो महिला जो शक्ल सूरत और हाव-भाव से बेहद दुखी और परेशान दिख रही थी पूछने पर मालूम हुआ कि महिला के चार छोटे बच्चे है और पति और पत्नी दोनो की आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा चुकी है मदद की लालसा में वह महिला SDM स्वाति शुक्ला के पास पहुंची तो ऐसे लोगों की सहायता करने के लिए धड़कता हुआ दिल रखती है पूर्व में मोहम्मदी में तैनात रही उपजिलाधिकारी स्वाति शुक्ला ,उसकी पीडा सुन उपजिलाधिकारी उस महिला को अपने आवास पर लेकर आई जरूरत की हर चीज के साथ राशन किट और आर्थिक सहायता जैसे ही उसके हाथो मे दी उसके जुवान पर दुआओ के शब्द ,आखो मे खुशी के आसू,और चेहरे के भाव देखते ही बन रहे थे,वही उपजिलाधिकारी ने उस महिला की हर माह इसी तरह मदद करने का  आश्वासन देकर विदा किया। वही महिला को मिले इस अपार स्नेह का बयान वो अपने अंदाज में करती नजर आई और बोली आज भी अच्छे लोग और इसानियत जिदा है,वही ये बात भी सच है जो काम समाज के ठेकेदारों को करना चाहिऐ वो काम लगातार एक तहसील की बडी अधिकारी बगैर लालसा और लालच के लगातार करती  थी ओर हमेशा जनता दरबार मे ज़्यादा से ज़्यादा टाइम  देती  थी  कोई भी फरियादी खाली हाथ नही जाता चाहे वो ऑफिस टाइम में आये या आवास पर इसी लिए लोग उनको आज भी याद करते हैं।

उपजिलाधिकारी स्वाति शुक्ला जी का नाम सुनकर  मुस्कुरा कर एक ही बात बोलती है मोहम्मदी की जनता मेडम बहुत अच्छी थी  क्या दोबारा मोहम्मदी में नही आएंगी

पंजाबी सिंगर सिद्दू मूसेवाला की मौत पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार पर सवाल खड़े करती है।


उत्कर्ष शुक्ला संस्थापक / संपादक

पंजाब के मानसा में पंजाबी सिंगर और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला पर गोलियां चली हैं जिसके बाद उनकी मौत हो गई है.
बीबीसी संवाददाता सुरिंदर मान ने मानसा के एसएसपी गौरव तोरा के हवाले से सिद्धू मूसेवाला की मौत की पुष्टि की है. मानसा के सिविल सर्जन डॉ रंजीत सिंह ने बीबीसी संवाददाता अरविंद छाबड़ा को बताया, ''सिद्धू मूसेवाला समेत तीन लोगों को अस्पताल लाया गया था. सिद्धू मूसेवाला की अस्पताल लाने से पहले ही मौत हो चुकी थी. बाकी घायल लोगों को पटियाला के राजिंद्र अस्पताल रेफर कर दिया गया है. सिद्धू मूसेवाला को सीने और जांघ में गोली लगी है." बठिंडा रेंज के आईजी शिव कुमार वर्मा ने बीबीसी पंजाबी के संवाददाता अरविंद छाबड़ा को बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है. "फिलहाल घटना की जानकारी सामने आ रही है. एक चलती गाड़ी पर हमला किया गया और घटना जवाहर गांव में हुई है. घटना की जांच एसएसपी कर रहे हैं"

सोशल मीडिया पर पंजाब की आप सरकार की हो रही आलोचना

इससे पहले पंजाब सरकार ने शनिवार को 424 धार्मिक, राजनीतिक और पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा वापस ले ली थी या कम कर दी थी. इसमें सिद्धू मूसेवाला का नाम भी शामिल था कांग्रेस नेता राहुल गाधी ने सिद्धू मूसेवाला की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि "एक उभरते हुए कांग्रेस नेता और टेलेन्टेड कलाकार की मौत से दुखी हूं. मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और दुनिया भर में फैले उनके फैन्स के साथ हैं." युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने सिद्धू मूसेवाला की मौत के लिए प्रदेश की आम आदमी पार्टी की सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया है. एक ट्वीट कर उन्होंने कहा, "केजरीवाल और भगवंत मान सिद्धू मूसेवाला का खून आपके हाथों में लगा है. शर्म करें और इस्तीफ़ा दें." राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के संयोजक और नेता जिग्नेश मेवाणी ने लिखा "सिद्धू मूसेवाला की हत्या की ख़बर से स्तब्ध हूं, बिल्कुल सदमे में हूं. उनके परिवार और दोस्त को मेरी संवेदनाएं. ये घटना भगवंत मान सरकार के उनकी सुरक्षा हटाने के फ़ैसले के एक दिन बाद हुई है. कांग्रेस इस पर खामोश नहीं बैठेगी." जम्मू कश्मीर के पूर्व डीजीपी शेष पाल वैद ने ट्वीट कर कहा है, "ये चौंकाने वाली घटना है. पंजाब की नई आम आदमी पार्टी सरकार का सुरक्षा वापस लेने का पहला बिना सोचे समझे लिया गया फ़ैसला है. सुरक्षा कवर से जुड़ा फ़ैसला राजनीतिक नहीं होना चाहिए बल्कि इसका आकलन इस आधार पर होना चाहिए कि व्यक्ति को कितना ख़तरा है." सिद्धू मूसेवाला की मौत पर संगीतकार विशाल ददलानी ने लिखा, "मैं सिद्धू मूसेवाला को उनके संगीत के माध्यम से ही जानता था, फिर भी उनकी मौत की ख़बर ने मुझे भीतर तक दुखी कर दिया है. भारत में कुछ ही प्रामाणिक आधुनिक कलाकार हैं. इस सूची में वो सबसे ऊपर थे. मेरे पास शब्द नहीं हैं."

सिद्धू मूसेवाला कौन हैं सिद्धू मूसेवाला ?

कुछ साल पहले पंजाबी एंटरटेनमेंट की दुनिया में कदम रखने वाले शुभदीप सिंह सिद्धू जल्द ही सिद्धू मूसेवाला के नाम से मशहूर हो गए. मुसेवाला मानसा जिले का एक गाँव है. सिद्धू मूसेवाला की लोकप्रियता खासकर साल 2018 से बढ़ी जब गन कल्चर से जुड़े उनके कई गाने सामने आए. पंजाब सरकार ने शनिवार को 424 धार्मिक, राजनीतिक और पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा वापस ले ली थी और कम कर दी थी. इसमें सिद्धू मूसेवाला का नाम भी शामिल है. सिद्धू मूसेवाला की मां चरणजीत कौर मूसेवाला गांव की सरपंच हैं. सरपंच चुनाव के दौरान सिद्धू मूसेवाला ने अपनी मां के लिए खूब प्रचार किया था.ईसके बाद खुद सिद्धू मूसेवाला राजनीति में आ गए. उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर पंजाब की मानसा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. बीबीसी पंजाबी के संवाददाता सुरिंदर मान के मुताबिक, सिद्धू ने सरदार चेतन सिंह सर्वहितकारी विद्या मंदिर मानसा से बारहवीं कक्षा तक नॉन मेडिकल की पढ़ाई की है. इसके बाद ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और कनाडा से एक साल का डिप्लोमा किया.

राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून सुरक्षा संघ के पदाधिकारी प्रेमपाल महाराज ने उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी से की मुलाकात


विपिन राठौर UP HEAD

लखीमपुर खीरी। राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून सुरक्षा संघ ट्रस्ट भारत, नई दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री विपिन कुमार एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के निर्देशन में संगठन के पदाधिकारी श्री प्रेमपाल महाराज जी (पीलीभीत जिला अध्यक्ष, लखनऊ मंडल संगठन मंत्री, उत्तराखंड प्रभारी) ने माननीय मुख्यमंत्री (उत्तराखंड) श्री पुष्कर सिंह धामी से लगातार चौथी बार मुलाकात की। माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी अपने दो दिवसीय दौरे पर दिल्ली से चलकर खटीमा में स्थित राधा स्वामी आश्रम में आए थे। जहां हेलीपैड से उतरते ही प्रेमपाल महाराज जी ने उनका स्वागत किया जिसके पश्चात संगठन के बारे में बातचीत की। माननीय मुख्यमंत्री जी ने बताया की राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून सुरक्षा संघ ट्रस्ट भारत, नई दिल्ली सामाजिक संगठन हमेशा दीन-दुखी, गरीब व असहाय लोगों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहता है।

गरीब बच्चों के लिए निशुल्क इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स

राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून सुरक्षा संघ ट्रस्ट भारत, नई दिल्ली  द्वारा गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए शाहजहांपुर जिले के पुवायां कस्बा में निगोही रोड पर शिक्षण संस्थान चल रहा है, जिसमें समर कैंप का आयोजन किया गया है । 1 जून से निशुल्क स्पोकन इंग्लिश क्लासेस शुरू होंगी । समर कैंप आयोजनकर्ता श्रीकांत सिंह शाक्य, वी.के. राठौर, पीयूष वर्मा व दिनेश यादव ने बताया कि हमारा संगठन लगातार गरीब व कमजोर लोगों की मदत के लिए तत्पर रहता है चाहे वह किसी भी धर्म अथवा जाती का हो, संगठन के सभी पदाधिकारियों का बहुत बहुत आभार।

Saturday 28 May 2022

तंबाकू निषेध कार्यक्रम के अंतर्गत पुलिस औरस्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा संयुक्त से तंबाकू बेचने बाले दुकानदारों के चालान किये गए



पूजा मंडल प्रदेश सह संपादक उत्तर प्रदेश
  
खीरी। तंबाकू निषेध कार्यक्रम के अंतर्गत 15 जून से 15 मई तक चलने वाले अभियान के क्रम में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा संयुक्त रुप से तंबाकू उत्पाद बेचने वाले दुकानदारों का चालान किया गया। इस दौरान तीन दुकानों का चालान काटा गया वहीं दो को नोटिस दी गई है।

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग एवं नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की ओर से बच्चों को मादक पदार्थों के सेवन से रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग और पुलिस द्वारा संयुक्त रुप से अभियान चलाया जा रहा है। वहीं 15 मई से 15 जून तक तंबाकू निषेध कार्यक्रम के अंतर्गत विशेष जागरूकता कार्यक्रम किए जा रहे हैं। इन्हीं के क्रम में शैक्षणिक संस्थानों, छात्रावास, कोचिंग आदि से 100 मीटर की परिधि में पान, मसाला, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट, खैनी, सहित अन्य मादक पदार्थ की बिक्री करने वाले लोगों पर एंटी टोबैको सेल व एएचटीयू सहित स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने शुक्रवार को शहर में अभियान चलाकर तीन दुकानदारों का कुल 600 का चालान काटा गया, वहीं दो दुकानदारों को नोटिस दी है। इस टीम में स्वास्थ विभाग की ओर से काउंसलर जिला चिकित्सालय देवनंदन श्रीवास्तव, साइकेट्रिक सोशल वर्कर अतुल पांडे सहित एएचटीयू टीम से टीम इंस्पेक्टर जैनेंद्र कुमार, कांस्टेबल आशीष सिंह चौहान, कांस्टेबल राजेश यादव सहित कांस्टेबल अभिनव पांडे मौजूद रहे।

पत्नी ने पति की हत्या कर शव को घर के बाहर दफनाया, 25 दिन बाद ऐसे हुआ खुलासा.।


प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश
पत्नी ने अपने ही पति की हत्या कर शव को घर के पास बने बाड़े मे दफना दिया. पुलिस ने शव को बाहर निकाल पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी मे रखवा मामले की जांच में जुट गई.
लूणकरणसर के कालू थाना क्षेत्र में रिश्ते तार-तार होने का मामला सामने आया है. पत्नी ने अपने ही पति की हत्या कर शव को घर के पास बने बाड़े मे दफना दिया. पुलिस ने शव को बाहर निकाल पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी मे रखवा मामले की जांच में जुट गई.
तहसील के कपुरीसर गांव में युवक की हत्या कर शव दफनाने का मामला सामने आया है. कपुरीसर निवासी द्वारकाप्रसाद पुत्र चोरुलाल जाट के घर के पास बाड़े में चोरुलाल का शव गाड़ा हुआ मिला. सूचना के बाद सीओ लूनकरणसर, एसडीएम लूनकरणसर और थानाधिकारी कालू मौके पर पहुंचे. मृतक की पत्नी की निशानदेही पर शव को तीन घण्टे की खुदाई के बाद निकाला गया.
तहसील के कपुरीसर गांव में युवक की हत्या कर शव दफनाने का मामला सामने आया है. कपुरीसर निवासी द्वारकाप्रसाद पुत्र चोरुलाल जाट के घर के पास बाड़े में चोरुलाल का शव गाड़ा हुआ मिला. सूचना के बाद सीओ लूनकरणसर, एसडीएम लूनकरणसर और थानाधिकारी कालू मौके पर पहुंचे. मृतक की पत्नी की निशानदेही पर शव को तीन घण्टे की खुदाई के बाद निकाला गया.
कालू थानाधिकारी रजीराम ने बताया कि उनको इतला मिली कि कपुरीसर गांव में एक युवक की हत्या कर शव को बाड़े में गाड़ दिया. पुलिस मौके पर पहुंची तो मृतक के पिता चोरुलाल ने बताया कि उसकी पुत्रवधू मनोज देवी ने उसके बेटे और अपने पति द्वारकाप्रसाद की 25 दिन पहले हत्या की है और शव को जमीन में गाड़ दिया. पुलिस ने जेसीबी ओर ग्रामीणों की मदद से तीन घण्टे की मशक्कत के बाद शव को बाहर निकलावा और मोर्चरी में रखवाया है, जहां पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है. हालांकि पुलिस ने अभी तक इस मामले में किसी आरोपी को हिरासत में नहीं लिया. नहीं ही पुलिस ने पत्नी द्वारा पति की हत्या करने की पुष्टि की.
कालू थानाधिकारी रजीराम ने बताया कि उनको इतला मिली कि कपुरीसर गांव में एक युवक की हत्या कर शव को बाड़े में गाड़ दिया. पुलिस मौके पर पहुंची तो मृतक के पिता चोरुलाल ने बताया कि उसकी पुत्रवधू मनोज देवी ने उसके बेटे और अपने पति द्वारकाप्रसाद की 25 दिन पहले हत्या की है और शव को जमीन में गाड़ दिया. पुलिस ने जेसीबी ओर ग्रामीणों की मदद से तीन घण्टे की मशक्कत के बाद शव को बाहर निकलावा और मोर्चरी में रखवाया है, जहां पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है. हालांकि पुलिस ने अभी तक इस मामले में किसी आरोपी को हिरासत में नहीं लिया. नहीं ही पुलिस ने पत्नी द्वारा पति की हत्या करने की पुष्टि की.

सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान के तहत एसएस महाविद्यालय में कराई गई निबंध प्रतियोगिता।

पूजा प्रदेश सह संपादक उत्तर प्रदेश

25 मई 2022 दिन बुधवार को एसएस महाविद्यालय के डीएलएड विभाग में सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान के उपलक्ष में एक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनुराग अग्रवाल ने कहा की सड़क सुरक्षा पिछले कुछ सालों से एक बड़ा मुद्दा रहा है। हर साल वाहनों और यातायात नियमों का पालन नहीं करने के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या काफी चिंताजनक है। इस प्रकार लोगों को उनकी सुरक्षा के लिए बनाए गए सड़क सुरक्षा कानूनों का पालन करना चाहिए। अभिभावकों को अपने बच्चों को कम उम्र से ही सड़क सुरक्षा के बारे में दिखाना चाहिए ताकि उनके दिमाग में यह विचार पैदा हो जाए कि वे इसे ना भूलें। बच्चे आदतों का पालन करते हैं और अपने आसपास के व्यवसायों को देखकर सीखते हैं। यदि वयस्क नियमों को तोड़कर उनका अनादर करते हैं तो बच्चे भी इन मूलभूत नियमों का सम्मान करना कभी नहीं सीखेंगे। बच्चों में युवा प्रभावशाली दिमाग होता है। इसलिए वयस्कों को नियमों का पालन करने और बच्चों को इसे सिखाने की पूरी कोशिश करनी चाहिए। यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है।
डीएलएड प्रभारी डॉ मनोज मिश्र ने कहा हम रोजाना अखबारों में वाहनों और सड़कों से जुड़े खतरनाक और भीषण हादसे के बारे में पढ़ते हैं। यातायात नियमों का पालन न करने के कारण मरने वालों की संख्या बहुत बड़ी है। इसलिए किसी भी तरह की दुर्घटना ना हो इसके लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। पैदल चलने वालों को नुकसान से बचाने के लिए यातायात कानून हैं। लेकिन पैदल चलने वालों को भी उन कानूनों का पालन करना चाहिए न केवल उनका पालन करते हुए यदि वे उन्हें कानूनों के विरुद्ध जाते हुए देखते हैं तो दूसरों को इसके बारे में सचेत करना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डीएलएड प्रवक्ता गौरव शर्मा ने की प्रतियोगिता में प्रथम स्थान संज्ञा मिश्रा द्वितीय स्थान दीप्ति सिंह व तृतीय स्थान संयुक्त रूप से अनामिका चौधरी और अनुराग कुमार ने प्राप्त किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्रीमती अमिता रस्तोगी श्रीमती शिवानी भारद्वाज श्रीमती नीरज गुप्ता श्रीमती रचना रस्तोगी श्रीमती प्रतिभा द्विवेदी श्री शैलेंद्र द्विवेदी श्री सर्वोत्तम शर्मा धर्मेंद्र आदि उपस्थित रहे।  कार्यक्रम के अंत में श्री गौरव शर्मा ने सभी का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में मंच संचालन का कार्य श्री अभिषेक बाजपेई जी ने किया।

Friday 27 May 2022

ग्राम गुरुदेव खेड़ा में बना भ्रष्टाचार का अड्डा

गुफरान खान ब्यूरो चीफ लखीमपुर खीरी*

*विकास खंड पसगवां की ग्राम पंचायत गुरदेव खेड़ा की जनता विकास कार्यों से कोसों दूर जनता के विकास कार्य के लिए आई हुई धनराशि को खुद के विकास में लगा रहे ग्राम प्रधान व पचायत सचिव महोदय*

वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 जम कर की गई धांधली नल मरम्मत के नाम से निकाली गई लाखों की धनराशि

05/05/2021 से 11/3/2022 तक ग्राम प्रधान व सचिव के द्वारा नल मरम्मत के नाम पर लाखों रूपये राशि खर्च हुई

59400 रूपये S बना कर पेमेंट किया गया 05/5/2021 इसी दिनांक में 64200 रुपए नल रिवोर  के नाम पर 45000 रुपए 08/5/2021 नल मरम्मत 20000 रुपए मरम्मत के नाम पर 11/3/2022 36000 रुपए इसी  दिनांक मरम्मत कार्य के नाम पर 19950 14/7/2021 नल मरम्मत 32000 और 28 100 व 28 090 रुपए 16/2/2022 इसी दिनांक में तीन बार धन राशि निकाली गई नल मरम्मत के नाम पर

लूट का सिलसिला यहीं पर नहीं रुका फिर से 16/12/2021 को 19200 रुपए नल मरम्मत के नाम से और 34800 22/5/2021 सिर्फ A  बनाकर 19950 रुपए27/7/2021 15160 M बनाकर इसे दिनांक में दो बार पेमेंट किया गया 280 90 और 28760 व 36000 व 19950 दिनांक 09/3/2022 नल रिवोर व मरम्मत के नाम पर 35400 रुपए और 54 100 H व P बनाकर दिनांक 24/7/2021 दो बार की पेमेंट किया गया 35400 27/7/2021 HP 8000 रुपए नल मरम्मत के नाम पर

43690 रुपए व 51950 और 4284 सीमेंट पाइप खरीद की गई जबकि जनता को इन कार्यों की भनक तक नहीं है और जब जनता से बात की गई गांव वालों ने बताया हमें जानकारी तक नहीं है

खंड विकास अधिकारी सख्त होने के बावजूद भ्रष्टाचार चरम पर है देखना या है खंड विकास अधिकारी व  जिले के आला अधिकारी ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव कार्रवाई करने में सक्षम रहेंगे या मौन धारण अपनी कुर्सी से चिपके बैठे रहेंगे

Thursday 26 May 2022

मोबाइल में गेम ना खेलने देना बना मौत का कारण बड़े भाई ने की छोटे भाई की हत्या


प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर
अहमदाबाद: लगभग हम सभी लोगों ने बचपन में ही यह पढ़ा था कि विज्ञान जीवन के लिए जितना वरदानकारी है उतना ही वह अभिशाप है. आज विज्ञान ने मनुष्य और बच्चों की सोचने की क्षमता को नष्ट कर दिया है.
विज्ञान किस तरह से हमारे जीवन को खतरे में डाल रहा है उसकी एक खबर गुजरात से सामने आई और जिसने भी इसे सुना वह दंग रह गया. गुजरात (Gujarat News) के खेड़ा जिले में ऑनलाइन गेम (Online Game) खेलने के लिए मोबाइल फोन शेयर न करने की वजह से से दो भाइयों में लड़ाई हो गई और विवाद इतना बढ़ गया कि बड़े भाई ने छोटे भाई को मौत के घाट उतार दिया.

मोबाइल फोन शेयर करने को लेकर हुए झगड़े के बाद 16 वर्षीय किशोर ने अपने छोटे भाई पर पत्थर से हमला कर उसकी हत्या कर दी और शव को कुएं में फेंक दिया. पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

नाबालिग आरोपी हिरासत में

खेड़ा पुलिस के उप-निरीक्षक एसपी प्रजापति ने बताया कि घटना सोमवार को गोबलेज गांव में हुई थी. नाबालिग आरोपी को बुधवार को हिरासत में लिया गया. पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा कि आरोपी की उम्र 16 वर्ष है और उसने पत्थर से अपने भाई की हत्या कर दी और शव को कुएं में फेंक दिया.

प्रजापति के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में पता लगा है कि परिवार पड़ोसी राजस्थान के बांसवाड़ा जिले का रहने वाला है और गांव के बाहरी इलाके में एक खेत में मजदूर के रूप में काम करने के लिए गोबलेज आया था.

गेम खेलते समय शुरू हो गई लड़ाई

पुलिस अधिकारी ने बताया, ''23 मई को जब दोनों भाई बारी-बारी से मोबाइल पर गेम खेल रहे थे. उसी दौरान आरोपी ने अपने 11 वर्षीय भाई के साथ झगड़ा शुरू कर दिया क्योंकि उसने अपनी बारी आने पर मोबाइल बड़े भाई को देने से मना कर दिया. किशोर ने गुस्से में अपने छोटे भाई के सिर पर एक बड़े पत्थर से हमला कर दिया.”

उन्होंने बताया कि जब वह (छोटा भाई) बेहोश हो गया तो किशोर ने तार की मदद से उसके शरीर को पत्थर से बांधा और एकांत देखकर उसे कुएं में फेंक दिया. उसके बाद, अपने माता-पिता को बताए बिना आरोपी नाबालिग एक बस में चढ़ गया और अपने गृहनगर राजस्थान चला गया.

अधिकारी ने बताया, ''जब देर शाम तक माता-पिता को दोनों बेटे घर पर नहीं मिले तो उन्होंने अपने गृहनगर में पूछताछ की और अपने बड़े बेटे के ठिकाने के बारे में पता लगाया. जब वह उसे वापस लाए और छोटे भाई के बारे में पूछा, तो आरोपी ने उन्हें बताया कि झगड़े के बाद उसने भाई की हत्या कर दी थी.”

प्रजापति ने बताया कि बुधवार को परिवार से घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कुएं से बाहर निकाला. पुलिस ने नाबालिग आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया.

Wednesday 25 May 2022

माता पिता को प्रताड़ित करने वाले बच्चे होंगे घर से बेदखल हरिद्वार हाईकोर्ट का आदेश।

माता पिता को प्रताड़ित करने वाले बच्चे होंगे घर से बेदखल हरिद्वार हाईकोर्ट का आदेश।

लक्ष्मी गुप्ता एंकर मिनेर्वा न्यूज़ लाइव


माता-पिता की सेवा करने की बजाय उन्हें प्रताड़ित करने वाले बच्चों को सचेत होने की जरूरत है। हरिद्वार एसडीएम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए ऐसे छह बुजुर्गों के बच्चों को माता-पिता की संपत्ति से बेदखल करते हुए एक महीने के अंदर घर खाली करने के आदेश दिए हैं।
कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर पुलिस प्रशासन को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण और कल्याण अधिनियम के तहत कोई भी व्यक्ति एसडीएम कोर्ट में अपने बच्चों के खिलाफ वाद दायर कर सकता है। अधिनियम की धारा के तहत एसडीएम की ओर से सुनवाई के बाद बच्चों को उनकी संपत्ति से बेदखल कर दिया जाता है। ऐसे ही छह बुजुर्गों की ओर से हरिद्वार एसडीएम कोर्ट में वाद दायर किया गया था।
बुधवार को एसडीएम पूरण सिंह राणा इन मामलों की सुनवाई कर रहे थे। ज्वालापुर, कनखल और रावली महदूद के बुजुर्गों की ओर से कोर्ट में वाद दायर किया गया था कि उनके बच्चे उनके साथ ही रहते हैं, लेकिन न तो उनकी कोई सेवा करते हैं और न ही खाना देते हैं। उल्टे उनके साथ मारपीटकर प्रताड़ित करते हैं। जिससे उनका बुढ़ापे का जीवन नरक बन गया है।
वरिष्ठ नागरिकों की ओर से अपने बच्चों से राहत दिलाने के लिए कोर्ट से गुहार लगाई गई थी जिसमें उन्हें अपनी चल और अचल संपत्ति से बेदखल कर घरों से बाहर निकालने की मांग की गई थी। बुजुर्गों की याचिका पर सुनवाई करते हुए एसडीएम पूरण सिंह राणा ने सभी छह मामलों में बच्चों को माता-पिता की संपत्ति से बेदखल करने का फैसला सुनाया है। साथ ही 30 दिन के भीतर घर खाली करने के आदेश दिए। फैसले में कहा गया कि यदि यह लोग घर खाली नहीं करते हैं तो संबंधित थाना प्रभारियों को इस मामले में कार्रवाई करने के लिए कहा है। संवाद

धोखाधड़ी के मामलों में भी जल्द निर्णय
एसडीएम कोर्ट में कुछ मामले ऐसे भी चल रहे हैं, जिसमें धोखाधड़ी से अपने माता-पिता की संपत्ति को अपने नाम कर लिया है और उनकी ओर से बुजुर्गों को परेशान किया जा रहा है। एसडीएम पूरण सिंह राणा ने बताया कि ऐसे मामलों की भी सुनवाई अंतिम दौर में चल रही है। जल्द ही ऐसे मामलों में माता-पिता से ट्रांसफर कर गई जमीन को शून्य माना जाएगा। इस संबंध में पूरी सुनवाई होने के बाद कोर्ट की ओर से अतिशीघ्र निर्णय दे दिया जाएगा।

Sunday 22 May 2022

मोहम्मदी से दिल्ली जाने वाली अवैध बसों पर कब होगी कार्यवाही।

प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश
मोहम्मदी खीरी एआरटीओ साहब आखिर कब होगी मोहम्मदी क्षेत्र से दिल्ली तक चलने वाली अवैध बसों पर कार्यवाही कल आपने बहुत अच्छा कार्य किया प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर डग्गामार मैजिकों का चालान किया  टैक्सी स्टैंड बंद करवाए लेकिन मोहम्मदी से दिल्ली तक चलने वाली अवैध बसें आखिर कब बंद होगी जिन से दिल्ली से तमाम अवैध माल मोहम्मदी तक आता है अवैध रूप से सवारियां ढोई जाती हैं अमीन नगर मोहम्मदी सराय और जाने कहां-कहां से अवैध रुप से दिल्ली के लिए सवारिया ले जाती है और वहां से अवैध माल लेकर मोहम्मदी आती हैं आखिर इन पर क्यों नहीं हो रही है कार्रवाई छोटे वाहनों पर कार्रवाई और बड़े वाहनों पर दया दृष्टि ऐसा क्यों

वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद मामले में गोवा के सीएम का बड़ा बयानगोवा सीएम सावंत बोले नष्ट हुए सभी मंत्रों का हो फिर से जीर्णोद्धार।

प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश।


वाराणसी से ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर शुरू हुए विवाद की आंच अब दूसरे राज्यों तक भी पहुंच रही है। ताजा मामला गोवा के सीएम से जुड़ा हुआ है। गोवा के सीएम प्रमोद सांवत ने रविवार को कहा कि अतीत में नष्ट किए गए सभी मंदिरों का पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने राज्य में पुर्तगालियों द्वारा आक्रमण के समय नष्ट किए गए मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए बजटीय आवंटन किया है। प्रमोद सांवत के बयान के बाद राजनीति तेज हो गई है।
सीएम सावंत ने दिया बड़ा बयान
सावंत ने यह भी कहा कि गोवा सरकार राज्य में सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही है और लोगों को गोवा के मंदिरों में आने के लिए प्रेरित कर रही है। आरएसएस की साप्ताहिक पत्रिका पांचजन्य के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर यहां आयोजित एक मीडिया सम्मेलन में भाग लेते हुए गोवा के सीएम सावंत ने ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि पुर्तगाली शासन के 450 वर्षों में हिंदू संस्कृति का विनाश हुआ और कई लोगों का धर्मांतरण हुआ। राज्य के मंदिरों को नष्ट कर दिया गया था। हम इस सब का कायाकल्प करने जा रहे हैं। मेरा मानना है कि जहां भी मंदिर नष्ट हो गए हैं, उन्हें फिर से बनाया जाना चाहिए। सावंत ने आगे कहा कि उनकी सरकार गोवा में सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त काम कर रही है।

"सांस्कृतिक पर्यटन" पर जोर दे रही सरकार
सीएम सावंत ने कहा कि उनकी सरकार "सांस्कृतिक पर्यटन" पर जोर दे रही है। हर गांव में एक दो मंदिर होते हैं। हमें लोगों को समुद्र तट से मंदिर तक ले जाना है। इस दौरान यूनिफार्म सिविल कोड (यूसीसी) पर बोलते हुए सावंत ने कहा कि गोवा में पहले से ही यूनिफार्म सिविल कोड लागू है। इसे हर राज्य में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं गर्व से कहता हूं कि गोवा आजादी के बाद से यूनिफार्म सिविल कोड का पालन कर रहा है। मेरा मानना है कि अन्य सभी राज्यों को यूसीसी का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने गोवा यूसीसी पर अन्य मुख्यमंत्रियों से भी चर्चा की है।

कांग्रेस पर साधा निशाना
संबोधन के दौरान सीएम सावंत ने गोवा की मुक्ति में देरी के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार को भी दोषी ठहराया और कहा कि भारत 1947 में स्वतंत्र हुआ जबकि राज्य ने 1961 में अपनी मुक्ति हासिल की। गोवा में खनन के बारे में पूछे जाने पर सावंत ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में खनन को फिर से शुरू करने पर काम कर रही है, जो 2012 से प्रतिबंधित है।

गौरतलब है कि 16 मई को जब हिंदू याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने कहा कि अदालत द्वारा अनिवार्य वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान एक शिवलिंग पाया गया है, तब वाराणसी की एक स्थानीय अदालत ने जिला प्रशासन को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर उस जगह को सील करने का निर्देश दिया था। हालांकि, मस्जिद प्रबंधन समिति के प्रवक्ता ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि वो वास्तव में एक फव्वारा है।

वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद की पहली सुनवाई आज शिवलिंग की पूजा के लिए वहां के पुजारी भी करेंगे केस फाइल।


प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश
 ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी विवाद सेशंस कोर्ट से ट्रासंफर होने के बाद आज पहली बार जिला अदालत में सुनवाई होगी.
जिला जज अजय कुमार विश्वेश की कोर्ट में पहली बार केस ओपन होगा और केस की रोजाना सुनवाई भी की जा सकती है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने जिला अदालत को 8 हफ्ते में सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया है.

दरअसल, हिंदू पक्ष की मांग है कि नंदी के सामने वाली दीवार को तोड़ा जाए जबकि मुस्लिम पक्ष की दलील है कि जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है वो फव्वारा है. हिंदू पक्ष की मांग है कि मस्जिद में मिले मंदिरों के प्रतीक चिह्नों की जांच आगे बढ़ाई जाए लेकिन मुस्लिम पक्ष की दलील है कि मस्जिद में किसी तरह की तोड़फोड़ या जांच नहीं होनी चाहिए.

काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत कुलपति पूजा-अर्चना के लिए दाखिल करेंगे अर्जी

ऐसे में जिला अदालत अब नए सिरे से दोनों पक्षों की सुनेगा. इस बीच काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत कुलपति तिवारी वाराणसी कोर्ट में ज्ञानवापी में पूजा-अर्चना के लिए अर्जी दाखिल करेंगे तो वहीं इंतजामिया कमेटी सर्वे रिपोर्ट लीक होने के मामले में कानूनी कार्रवाई की मांग करेगी. ज्ञानवापी विवाद पर आज वाराणसी के जिला जज की अदालत में पहली सुनवाई-काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत भी शिवलिंग की पूजा के लिए वाराणसी कोर्ट में केस फाइल करेंगे.

क्या थी सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी?

मुस्लिम पक्ष के वकील ने प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि एक्ट की धारा 3 के तहत किसी धार्मिक जगह का चरित्र नहीं बदला जा सकता. इस पर बेंच के अध्यक्ष जस्टिस चंद्रचूड़ ने उन्हें टोकते हुए कहा कि किसी जगह के धार्मिक चरित्र का पता लगाने का प्रयास धारा 3 का उल्लंघन नहीं है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर किसी पारसी पूजा स्थल में ईसाई धार्मिक प्रतीक क्रॉस रखा हो और मामला कोर्ट में आ जाए, तो जज उस जगह के धार्मिक स्टेटस की जांच कर सकते हैं.

जजों ने यह भी साफ किया कि मामला ज़िला जज को भेजने का अर्थ यह नहीं है कि वह अब तक मामले को सुन रहे सीनियर डिवीजन सिविल जज के काम पर कोई नकारात्मक टिप्पणी कर रहे हैं. मामले के जटिल कानूनी सवालों को देखते हुए ज़िला जज के पास इसे भेजा जा रहा है क्योंकि उन्हें सिविल मामलों में 25 से 30 साल का अनुभव होता है.

सफाई के नाम पर लाखों खर्च, फिर भी गन्दगी में जीने को मजबूर तहसील मितौली के ग्रामीण

प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश

*मितौली खीरी* - उत्तर प्रदेश के जनपद लखीमपुर खीरी के मितौली कस्बे के ग्रामीण गलियों में जलभराव की वजह से नरकीय जीवन जीने को विवश है। केंद्र व राज्य सरकार एक तरफ जहाँ स्वच्छ भारत मिशन जैसे अभियान के जरिए हर रोज साफ सफाई के लिए लोगो को जागरूक कर रहे है तो वही दूसरी तरफ मितौली कस्बे के ग्रामीण गंदगी में जीने को मजबूर है। कहने को तो मितौली तहसील के दर्जा रखती है और हर साल सफाई के नाम पर लाखों खर्च भी होते है, लेकिन धरातल पर यह काम शून्य नजर आता हैं। ग्रामीणों के अनुसार नालियों की सफाई न होने की वजह से घरों का गन्दा पानी गलियों में भर जाता है। जिससे गली से गुजरने वाले राहगीरों को गन्दे पानी से होकर गुजरना पड़ता है। इस गन्दे पानी मे राहगीर व छोटे बच्चे अक्सर गिरकर घायल भी होते है लेकिन फिर भी जिम्मेदारों का इस तरफ ध्यान नही जाता। एक तरफ गलियों में भरे गन्दे पानी से जहां संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा है , तो वही दूसरी तरफ जिम्मेदार देखकर भी अंजान बने रहते है। ऐसा लगता है कि जैसे कि वो क्षेत्र में महामारी फैलने का इंतजार कर रहे हो।
अब देखना यह है कि स्वच्छ भारत मिशन का दावा करने वाले प्रसाशनिक अधिकारियों व शासन की नजर कब तक पड़ती है।

Tuesday 17 May 2022

पूर्व प्रधान के बेटे ने गोली मारकर की आत्महत्या।


प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश
बरेली, 16 मई। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के बहेडी थाना क्षेत्र के लबेदा गांव में एक पूर्व प्रधान के बेटे का शव खेत में मिला है और उसके सिर में गोली लगने का निशान है। एक पुलिस अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है, जबकि पुलिस आत्महत्या का अंदेशा जता रही है।

अधिकारियों के मुताबिक, लबेदा गांव निवासी पूर्व प्रधान प्रेमदास गंगवार के पुत्र संजय गंगवार (35) का शव सोमवार सुबह छह बजे उनके घर के सामने खेत में पड़ा मिला। उन्होंने बताया कि प्रेमदास सुबह अपने खेत में टहलने गए थे, तभी उन्होंने वहां अपने पुत्र का शव देखा। प्रेमदास ने आरोप लगाया कि संजय के सिर में गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राजकुमार अग्रवाल के अनुसार, लबेदा गांव में संजय नाम के एक युवक की सिर में गोली लगने के कारण मौत होने की सूचना मिली है। उन्होंने कहा कि पुलिस को मौके पर जो साक्ष्य मिले हैं, उससे घटना प्रथम दृष्टया आत्महत्या प्रतीत हो रही है। अग्रवाल के मुताबिक, जिस असलहे से गोली लगने की बात कही जा रही है, वह भी मौके से बरामद हुआ है। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए हैं और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

Monday 16 May 2022

पहली बार किसी मामले की हाईकोर्ट ने व्हाट्सएप के माध्यम से की केस की सुनवाई जाने क्या रही वजह।

लक्ष्मी गुप्ता एंकर MINERVA NEWS LIVE


हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार किसी जज ने व्हाट्सएप के जरिए किसी मामले की सुनवाई की है। ये हैरान कर देने वाला मामला रविवार की छुट्टी वाले दिन हुआ है।
दरअसल, मद्रास हाईकोर्ट के जज जस्टिस जी आर स्वामीनाथन रविवार को एक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए शहर से बाहर नागरकोइल गये थे। वहीं से उन्होंने वॉट्सऐप से एक मामले की सुनवाई की।



मंदिर से जुड़ा था मामला
दरअसल, मामला धर्मपुरी जिले के एक मंदिर से जुड़ा हुआ है। श्री अभीष्ट वरदराजा स्वामी मंदिर से हर साल निकलने वाली रथ यात्रा पर हिंदू धार्मिक और परमार्थ विभाग से संबद्ध निरीक्षक ने मंदिर प्रशासन और ट्रस्टी को रथयात्रा रोकने का आदेश दिया था। इस मामले में श्री अभीष्ट वरदराजा स्वामी मंदिर के वंशानुगत ट्रस्टी पी आर श्रीनिवासन ने दलील दी थी कि अगर सोमवार को उनके गांव में प्रस्तावित रथ महोत्सव आयोजित नहीं किया गया तो गांव को 'दैवीय प्रकोप' झेलना पड़ेगा। इस मामले में इमरजेंसी को देखते हुए जज जस्टिस जी आर स्वामीनाथन ने व्हाट्सएप के जरिए मामले की सुनवाई की।



व्हाट्सएप से हुई सुनवाई
उन्होंने मामले की सुनवाई की शुरुआत में ही कहा कि रिट याचिकाकर्ता की प्रार्थना की वजह से मुझे नागरकोइल से इमरजेंसी सुनवाई करनी पड़ी है और व्हाट्सएप के जरिए मामले की सुनवाई की जा रही है। सुनवाई के दौरान जस्टिस जी आर स्वामीनाथन ने नागरकोइल से मामले की सुनवाई कर रहे थे, वहीं याचिकाकर्ता के वकील वी राघवाचारी एक स्थान से और सॉलिसिटर जनरल आर षणमुगसुंदरम दूसरी जगह से इस सुनवाई में हिस्सा ले रहे थे।

सुनवाई करते हुए जस्टिस ने यह कहते हुए कि हिंदू धार्मिक और परमार्थ विभाग से संबद्ध निरीक्षक को मंदिर प्रशासन और ट्रस्टी को रथयात्रा रोकने का आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है, आदेश को खारिज कर दिया।

जज ने दिए आदेश
सुनवाई के दौरान सालिसिटर जनरल ने जज से कहा कि सरकार को महोत्सव के आयोजन से कोई दिक्कत नहीं है। सरकार की चिंता केवल आम जनता की सुरक्षा है। उन्होंने तर्क दिया कि सुरक्षा मानकों का पालन नहीं होने की वजह से तंजोर जिले में हाल में ऐसी ही एक रथ यात्रा में बड़ा हादसा हो गया था। इस पर जज ने मंदिर के अधिकारियों को निर्देश दिया कि रथ यात्रा के आयोजन के दौरान सरकार की ओर से निर्धारित नियम एवं शतरें का कड़ाई से पालन किया जाए। इसके साथ ही जज ने सरकारी विद्युत वितरक कंपनी टैनगेडको रथयात्रा शुरू होने से लेकर इसके गंतव्य पर पहुंचने तक कुछ घंटे के लिए क्षेत्र की बिजली काट देने का निर्देश दिया है।

ज्ञानवापी मस्जिद के 3 दिन के सर्वे में मूर्तियां कलश और शिवलिंग के अलावा क्या-क्या दावे हुए पेश पढ़िए और जानिए।

प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में तीन दिन तक चले सर्वे का काम खत्म हो गया है. तीसरे दिन सर्वे टीम ने नंदी की मूर्ति के पास के कुएं की पड़ताल हुई. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन का दावा है कि कुएं के अंदर शिवलिंग मिला और वो कब्जे में लेने के लिए सिविल कोर्ट जा रहे हैं.
हालांकि हिंदू पक्ष के दावे को मुस्लिम पक्ष ने खारिज कर दिया.

तीसरे दिन सर्वे टीम ने उस कुएं की पड़ताल की, जो नंदी की मूर्ति के पास है. प्राचीन कुएं की वीडियोग्राफी के लिए अंदर वाटर प्रूफ कैमरा डाला गया. तीसरे राउंड के साथ ही सर्वे का काम खत्म हो गया. तीन दिनों के सर्वे में ज्ञानवापी मस्जिद में तहखाने से लेकर गुंबद और पश्चिमी दीवारों की वीडियोग्राफी हुई. अब यह सबूत कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा.

वजुखाने में 12 फीट 8 इंच का शिवलिंग!

इस बीच हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने दावा किया कि ज्ञानवापी के वजुखाने में 12 फीट 8 इंचा का शिवलिंग मिला है. उनका कहना है कि यह शिवलिंग नंदीजी के सामने है और पूरा पानी निकालकर देखा गया, शिवलिंग 12 फीट 8 इंच का है, जो काफी अंदर गहराई तक है, शिवलिंग जब मिला तो लोग झूम उठे और हर-हर महादेव का नारे लगे.

हिंदू पक्षकार बोले- आज बाबा मिल गए

वादी महिला लक्ष्मी देवी के पति और सर्वे टीम में शामिल सदस्य सोहनलाल आर्य ने कहा कि आज बाबा मिल गए, इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं बोलूंगा, जो इतिहासकारों ने लिखा था वह मिल गए, जिसकी नंदी प्रतिक्षा कर रही थीं वह बाबा मिल गए, जो सोचा गया था उससे ज्यादा परिणाम मिला है, इसके बाद हम पश्चिम दीवार में 75 फीट लंबा और 35 फीट ऊंचे मलबे की जांच करने की मांग करेंगे.

तीन दिन तक चला सर्वे, सारे सबूत कैद

ज्ञानवापी मस्जिद का सच कानूनी रिकॉर्ड में दर्ज हो गया. सबूत तस्वीरों में कैद हो गए. तहखाने से लेकर गुंबद तक का वीडियो तैयार हो गया. तीन राउंड में सर्वे का काम हो गया. अब सच का इंतजार है. आज सर्वे का फाइनल राउंड था. सुबह 8 बजते ही सर्वे टीम ज्ञानवापी मस्जिद पहुंच गई. आज बाकी बजे 20 फीसदी काम को खत्म किया गया.

पहले दिन खुलवाए गए थे सभी चार तहखाने

सूत्रों के मुताबिक, नंदी के सामने बने कुएं की ओर सर्वे हुआ. कुएं में वाटर रेसिस्टेंट कैमरा डालकर अंदर की वीडियोग्राफी भी हुई. ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर सर्वे का 14 मई को हुआ. पहले दिन सुबह 8 बजे से 12 बजे तक सर्वे हुआ. राउंड-1 में सभी 4 तहखानों के ताले खुलवा कर का सर्वे किया गया.

दूसरे दिन गुंबद, नमाज स्थल और वजू स्थल का सर्वे

15 मई को दूसरे राउंड का सर्वे हुआ. दूसरे दिन भी चार घंटे सर्वे का काम चला, लेकिन कागजी कार्रवाई के कारण सर्वे टीम डेढ़ घंटे देर से बाहर निकली. राउंड -2 में गुंबदों, नमाज स्थल, वजू स्थल के साथ-साथ पश्चिमी दीवारों की वीडियोग्राफी हुई. मुस्लिम पक्ष ने चौथा ताला खोला. साढ़े तीन फीट के दरवाजे से होकर गुंबद तक का सर्वे हुआ.

तीसरे दिन का सर्वे, शिवलिंग का दावा

आज तीसरे दिन करीब 2 घंटे का काम हुआ. आज सर्वे टीम नंदी के पास के कुएं से लेकर बाकी बचे इलाकों का मुआयना किया. फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी हुई. कोर्ट की सख्ती है. लिहाजा कोई भी पक्ष सर्वे पर खुल कर नहीं बोल रहा. अंदर क्या दिखा? क्या सबूत दर्ज हुए? लेकिन दबी जुबान से दावे जरूर कर रहे हैं.

सर्प, कलश, घंटियां, स्वास्तिक, स्वान मिलने का दावा

हिंदू पक्ष दावे मजबूत होने की बात कर रहा है तो मुस्लिम पक्ष कुछ न मिलने का दावा कर रहा है. सर्वे में शामिल वकील ने नाम न छापने की शर्त पर बताया था कि तीन कमरों में सर्प, कलश, घंटियां, स्वास्तिक, संस्कृत के श्लोक और स्वान की मूर्तियां मिली हैं, जो उनके लिए सबसे अहम सबूत हैं. इसके अलावा हिंदू मंदिरों के खंभे मिले हैं.

17 मई को सामने आयेगा ज्ञानवापी का सच

वहीं मुस्लिम पक्ष के वकील ने सभी दावों को खारिज कर दिया है. दावे अपने-अपने हैं, लेकिन सच्चाई कोर्ट में ही सामने आएगी. कोर्ट कमिश्नर कल सेशंस कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट दाखिल करेंगे. सील बंद रिपोर्ट कोर्ट में ही खुलेगी, फिर साफ होगा कि ज्ञानवापी का सच क्या है? तहखाने से क्या मिला? गुंबद की वीडियोग्राफी में क्या कैद है?

किसी ने भी नहीं लीक की जानकारी: DM

सर्वे पूरा होने पर डीएम कौशल राज शर्मा ने कहा कि सर्वे टीम के किसी भी सदस्य द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण की जानकारी लीक नहीं की गई है, कोर्ट ही सर्वे की जानकारी का संरक्षक है. एक सदस्य को कल लगभग कुछ मिनटों के लिए सर्वे टीम से हटा दिया गया था, बाद में सर्वे टीम का हिस्सा बना लिया गया था.

हिंदू पक्ष के वकील का दावा ज्ञानवापी मस्जिद के वजुखने में मिला 12.8 फिट का शिवलिंग।


प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का काम पूरा हो गया है. मस्जिद से निकलने के बाद हिंदू पक्ष के वकीलों की ओर से शिवलिंग मिलने का दावा किया जा रहा है. सबसे पहले हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने दावा किया कि हमें कुएं में शिवलिंग मिला है.
इसके थोड़ी देर बाद हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कहा कि वजुखाने में 12 फीट 8 इंच का शिवलिंग मिला है.

हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने दावा किया कि ज्ञानवापी के वजुखाने में 12 फीट 8 इंचा का शिवलिंग मिला है. उनका दावा है, 'यह शिवलिंग नंदीजी के सामने है और पूरा पानी निकालकर देखा गया, शिवलिंग 12 फीट 8 इंच का है, जो काफी अंदर गहराई तक है, शिवलिंग जब मिला तो लोग झूम उठे और हर-हर महादेव का नारे लगे.'

मूर्तियां और कलश से लेकर शिवलिंग तक...तीन दिन का सर्वे पूरा, ज्ञानवापी के सर्वे में क्या-क्या मिला?

इससे पहले हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने फोन पर आजतक को बताया कि कुएं के अंदर शिवलिंग मिला है, उसकी प्रोटेक्शन लेने के लिए हम सिविल कोर्ट जा रहे हैं. वहीं पक्षकार सोहनलाल ने भी शिवलिंग मिलने का दावा किया है. उनका कहना है कि उम्मीद से भी कहीं ज्यादा बेहतर परिणाम मिले हैं. हालांकि इसे मुस्लिम पक्ष ने खारिज कर दिया.

हिंदू पक्षकार बोले- आज बाबा मिल गए

वादी महिला लक्ष्मी देवी के पति और सर्वे टीम में शामिल सदस्य सोहनलाल आर्य ने कहा कि आज बाबा मिल गए, इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं बोलूंगा, जो इतिहासकारों ने लिखा था वह मिल गए, जिसकी नंदी प्रतिक्षा कर रही थीं वह बाबा मिल गए, जो सोचा गया था उससे ज्यादा परिणाम मिला है, इसके बाद हम पश्चिम दीवार में 75 फीट लंबा और 35 फीट ऊंचे मलबे की जांच करने की मांग करेंगे.

शिवलिंग मिलने के दावे पर क्या बोले DM?

शिवलिंग मिलने के दावे पर वाराणसी के जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने कहा कि कोर्ट ने साफ कहा था कि सर्वे के बारे में कोई भी जानकारी लीक नहीं करनी है, अगर किसी ने कोई भी तथ्य अपने हिसाब से बताया है तो वह उनकी निजी राय है, इसको पुख्ता नहीं माना जा सकता है, सभी तथ्यों पर कोर्ट का फैसला ही सर्वमान्य होगा.

मुस्लिम पक्ष ने दावे को किया खारिज

गौरतलब है कि काशी के ज्ञानवापी में सर्वे का काम खत्म हो गया. सर्वे का काम तीन दिनों तक चला. तीसरे दिन सर्वे टीम ने नंदी की मूर्ति के पास के कुएं की पड़ताल हुई. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन का दावा है कि कुएं के अंदर शिवलिंग मिला. सर्वे टीम के वीडियोग्राफर ने भी शिवलिंग मिलने के दावे पर मुहर लगाई, लेकिन मुस्लिम पक्ष ने दावे को खारिज कर दिया.

Sunday 15 May 2022

बेहद खास है इस बार की वैशाख पूर्णिमा, ये एक काम करते ही भरभराकर बरसेगा पैसा!


लक्ष्मी गुप्ता एंकर MINERVA NEWS LIVE

आज यानी कि 16 मई को वैशाख पूर्णिमा मनाई जाएगी. इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं. इस साल वैशाख पूर्णिमा के दिन पूर्ण चंद्र ग्रहण भी लग रहा है. इस दिन किया गया एक उपाय बहुत लाभ देगा. 
वैशाख पूर्णिमा को हिंदू धर्म में बहुत अहम माना गया है. वैसे तो सारी पूर्णिमा महत्‍वपूर्ण होती हैं लेकिन वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान विष्‍णु ने गौतम बुद्ध के रूप में अवतार लिया था. उन्‍होंने ही बौद्ध धर्म की स्‍थापना की और पूरी दुनिया को शांति, प्रेम, ईमानदारी, मानवता का संदेश दिया. इसी दिन महात्‍मा बुद्ध को बोधगया में बोधि वृद्वा के नीचे बुद्धत्‍व की प्राप्ति भी हुई थी. कुछ जगहों पर इसे पीपल पूर्णिमा भी कहते हैं.

वैशाख पूर्णिमा पर ऐसे करें पूजा 
वैशाख पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले स्‍नान करें. वैसे तो इस दिन पवित्र नदियों में स्‍नान करना चाहिए लेकिन ऐसा संभव न हो तो गंगाजल मिले पानी से घर पर ही स्‍नान कर लें. फिर ईशान कोण में एक चौकी पर लाल,सफेद या पीला कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें. भगवान विष्‍णु और धन की देवी मां लक्ष्‍मी पूजा करें. उन्‍हें चंदन, अक्षत, पंचामृत, फल, फूल, पंचमेवा, कुमकुम, केसर, नारियल, पीतांबर अर्पित करें. तुलसी दल अर्पित करें. भोग लगाएं. आरती करें. पूजन के बाद दान अवश्‍य दें. वैशाख पूर्णिमा के दिन जल से भरा घड़ा, छाता, जूते, सत्तू, पकवान, फल, पंखे का दान करना उत्‍तम माना गया है.

हाथ की नस काटने के बाद लटकी महिला सिपाही फांसी के फंदे से।

प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश

लखनऊ: राजधानी लखनऊ के पीजीआई थाना में तैनात महिला कॉन्सटेबल ने रविवार को आत्महत्या कर ली. महिला सिपाही सरिता निषाद रविवार दोपहर में दुपट्टे का फंदा बनाकर पंखे के कुंडे से फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली.
जब बगल के कमरे में रहने वाली अन्य महिला सिपाहियों ने दरवाजा खुलावाया तो नहीं खुला. इसके बाद खिड़की से झांकरकर देखा तो सरिता फंदे पर लटक रही थी. वहीं, सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतका के मोबाइल को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है.

फंदे पर लटकने से पहले काट ली हाथ की नस
सरिता लखनऊ के पीजीआई कोतवाली में तैनात थी. पीजीआई थाना क्षेत्र के ही एकता नगर में किराए पर रहती थी. लखनऊ में उसकी पहली पोस्टिंग थी. मृतक सरिता 4 दिन के लिए अपने घर छुट्टी पर गई हुई थी और शनिवार को ही लौट कर वापस आई थी. हालांकि ऑफिस ज्वाइन करने से पहले ही उसने सुसाइड कर लिया.

क्या कहना है पुलिस का?
पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के मुताबिक, मूलरूप से फतेहाबाद निवासी सुरेंद्र चंद्र की बेटी सरिता महिला आरक्षी है. उसका चयन 2021 में हुआ था. अंडर ट्रेनिंग महिला सिपाही सरिता की 11 जनवरी 2022 से थाना पीजीआई पर तैनात हुई थी. महिला सिपाही के घर के पास और भी सिपाही रहती थीं. सरिता को फोन करने पर जब फोन नहीं उठा तो पुलिस को सूचना दी. हालांकि पहले उसने हाथ की नस काटी है. उसके बाद दुपट्टे से आत्महत्या की है. फॉरेंसिक टीम को मौके पर भेजा गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है. मौके से महिला का मोबाइल बरामद हुआ है जिसमें वीडियो कॉल की जांच की जा रही है. साथ ही सुसाइड की वजह भी तलाशी जा रही है.

भारत में 32 करोड़ से अधिक कोविड-19 टीकाकरण करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य बना।

प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश कोविड-19 टीका की 32 करोड़ से अधिक खुराक देने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने शनिवार को यहां यह दावा किया।
प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण को मात देने के लिए बेहतरीन रणनीति के तहत काम कर रही है, जिसका परिणाम है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सरकार ने शनिवार को टीकाकरण में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने बताया कि शनिवार को दोपहर 12 बजे तक अपडेट किए गए आंकड़ों के अनुसार देश में दी गई कुल 189 करोड़ खुराक में से 32.01 करोड़ उत्तर प्रदेश की है।

कोविड महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूत करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार समयबद्ध तरीके से 12 से 17 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को टीकाकरण का सुरक्षा कवच दे रही है। राज्य में अब तक 15-17 आयु वर्ग के 2,34,32,056 से अधिक बच्चों और 12-14 आयु वर्ग के 74,16,435 से अधिक बच्चों को टीके की खुराक दी जा चुकी है। राज्य में बच्चों के टीकाकरण अभियान में तेजी लाने के लिए योगी आदित्यनाथ ने आला अधिकारियों से उत्तर प्रदेश में टीकों की खुराक की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी आदेश दिए हैं।

अतिरिक्त सुरक्षा कवर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध उत्तर प्रदेश ने 10 जनवरी से फ्रंटलाइन और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ-साथ वरिष्ठ नागरिकों को एहतियाती खुराक देना शुरू किया है और अब तक राज्य में 29.35 लाख से अधिक 'एहतियाती खुराक' दी जा चुकी है।

ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान निकला कोबरा सांप, मचा हड़कंप।

प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश

बताया जाता है कि हिंदू पक्ष के मुताबिक, मस्जिद और विश्वनाथ मंदिर के बीच 10 फीट गहरा कुआं है, जिसे ज्ञानवापी कहा गया है. स्कंद पुराण में भी इसका जिक्र मिलता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव ने स्वयं लिंगाभिषेक के लिए अपने त्रिशूल से ये कुआं बनाया था. शिवजी ने यहीं अपनी पत्नी पार्वती को ज्ञान दिया था इसलिए इस जगह का नाम ज्ञानवापी या ज्ञान का कुआं पड़ा. इसे लेकर कई कहानियां किंवदंतियां इलाके में प्रचलित है. काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद अयोध्या बाबरी मस्जिद के विवाद से मिलता जुलता है.

वाराणसी. वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में कोर्ट के फैसले के बाद शनिवार सुबह 8 बजे से सर्वे का कार्य शुरू हो चुका है. इसी बीच खबर आ रही है कि सर्वे के दौरान कोबरा सांप निकलने से हड़कंप मच गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने सांप को पकड़ने वाले को बुलाया है. वहीं सांप निकलने की सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी गई है. सर्वे टीम में एडवोकेट कमिश्नर के साथ दो सहायक भी शामिल हैं. इसके अलावा वादी और प्रतिवादी के साथ ही दोनों पक्षों के वकील भी मस्जिद परिसर में सर्वे टीम के साथ मौजूद हैं. दाखिल हुए सभी लोगों के मोबाइल फोन जमा करा लिए गए हैं. फिलहाल, परिसर के एक कमरे को खोला गया है, जिसका सर्वे किया जा रहा है.

बता दें कि 56 (ग) के आधार पर मुस्लिम पक्षकारों ने कोर्ट कमिश्नर को बदलने की थी. इस मांग को सिविल जज ने खारिज कर दिया है. 61 (ग) के आधार पर मस्ज़िद के अंदर सर्वे का मुस्लिम पक्ष ने विरोध किया था. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है क‍ि मस्‍ज‍िद के सर्वे के मामले में यदि कोई बाधा बन रहा है तो प्रशासन उस पर दण्‍डात्‍मक कार्रवाई करे. बताया जाता है कि हिंदू पक्ष के मुताबिक, मस्जिद और विश्वनाथ मंदिर के बीच 10 फीट गहरा कुआं है, जिसे ज्ञानवापी कहा गया है. स्कंद पुराण में भी इसका जिक्र मिलता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव ने स्वयं लिंगाभिषेक के लिए अपने त्रिशूल से ये कुआं बनाया था.

शिवजी ने यहीं अपनी पत्नी पार्वती को ज्ञान दिया था इसलिए इस जगह का नाम ज्ञानवापी या ज्ञान का कुआं पड़ा. इसे लेकर कई कहानियां किंवदंतियां इलाके में प्रचलित है. काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद अयोध्या बाबरी मस्जिद के विवाद से मिलता जुलता है. वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश और डीएम कौशल राज खुद मौके पर मौजूद हैं. इन दो आला अधिकारियों की मौजूदगी में शांतिपूर्ण ढंग से सर्वे हो रहा है, जिसके आज ही पूरा होने की उम्मीद है।

Saturday 14 May 2022

हार नहीं तो शादी नहीं लड़की पक्ष ने लौटा दी बारात।

प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश।

सिकंदराबाद लखीमपुर खीरी दुल्हन के लिए हारना लाने पर लड़की पक्ष ने शादी से इंकार कर दिया रात भर चली मान मनोबल के बाद भी लड़की पक्ष शादी के लिए राजी नहीं हुआ अंत में दूल्हे को बैरंग लौटना पड़ा। आप लोगों ने दहेज के लिए शादियां टूटते अक्सर देखा होगा पर यहां पर दुल्हन के लिए हारना लाने पर शादी टूट गई। लड़की के पिता ने शादी से साफ इनकार कर दिया 1 गांव निवासी युवक की शादी क्षेत्र की एक गांव से 1 साल से तय थी उसी कड़ी में दूल्हा बारात लेकर लड़की के घर पहुंचा बारातियों का स्वागत वखाना पीना हुआ उसके बाद शादी की रस्में शुरू हुई इसी बीच लड़की के पिता ने हार की मांग के रख दी लड़का सब जेवर लेकर गया था हार की मांग पर बात बिगड़ने लगी लड़की के पिता को बहुत समझाने की कोशिश हुई लेकिन वह अड़ा रहा रिश्तेदारों ने भी बहुत समझाया अंत में दुल्हन ने हार मंगवाने की बात मान ली लेकिन लड़की पक्ष तुरंत हार लाने पर अड़ गया रात भर लड़की पक्ष बा लड़के पक्ष में सुल्हा की कोशिश की गई और अंत में दोनों पक्षों का सामान वापस दिला दिया गया। इस तरीके से लड़के को बिना दुल्हन के बारात बापस लानी पड़ी। लड़का शादी के लिए तैयार है लेकिन लड़की के चचेरे भाई ने कहा कि अब बात बहुत बिगड़ गई है इस पर ऐसो देवेंद्र गंगवार ने बताया कि शादी टूटने का मामला संज्ञान में नहीं आया है

Friday 13 May 2022

भूमि माफियाओं के हौसले बुलंद नही है यूपी सरकार के बाबा के बुलडोजर का डर।

भूमि माफियाओं के हौसले बुलंद नही है यूपी सरकार के बाबा के बुलडोजर का डर।


प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश


मोहम्मदी:- जी हाँ हम बात कर रहे हैं लखीमपुर खीरी की मोहम्मदी तहसील के नगर मोहम्मदी में स्थित मोहल्ला शुक्लापुर में मोहम्मदी पुवायां मार्ग पर 413 नम्बर की जमीन की जो कि चार एकड़ की खलियान की भूमि है। उसी 4 एकड़ की भूमि में बरगद का वृक्ष लगा हुआ है जिसकी पूजा वट अमावस्या के दिन महिलाएं प्रत्येक वर्ष करती है। लेकिन पूरी 4 एकड़ की भूमि पर अवैध कब्जा मकान और दुकानें बन गई है।

अब तो वट पूजा के लिए बरगद तक जाने वाले रास्ते को वहाँ के लोगो ने बंद कर दिया है। आखिर इस वर्ष महिलाएं कहाँ और कैसे करेगी वट अमावस्या पर पूजा और कब हटेगा 413 नम्बर खलियान की भूमि से अवैध कब्जा जबकि पूरे तहसील में अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया जा रहा है। अखबारों में भी निकलता है उपजिलाधिकारी मोहम्मदी इसको अपनी  फेशबुक से पोस्ट भी करते हैं। अब देखना ये है कि मोहम्मदी उपजिलाधिकारी की नजर मोहम्मदी पुवायां रोड स्थित 413 नम्बर की खलियान की जमीन जो कि अवैध कब्जा है इस पर कब पड़ती हैं।

और मोहम्मदी जनप्रतिनिधियों की नजर कब पड़ेगी इस पर ये भी देखना है 

और अपील है वट वृक्ष तक जाने वाले तीनो रास्तो को जल्द से जल्द खुलवाए।

C.M. योगी के सख्त निर्देश अब डग्गामार वाहनों के खिलाफ चलेगा अभियान सड़कों से हटाया जाएगा अतिक्रमण।

प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश

प्रदेश में डग्गामार वाहनों के खिलाफ अभियान चलेगा। खास कर ऐसी बसें जो जर्जर हालत में रहती हैं और वो बसें जो नियमों का उल्लंघन करते हुए यूपी से होकर गुजरती हैं।
यातायात को बेहतर बनाने के लिए सड़कों से अतिक्रमण को भी हटाया जाएगा, पार्किंग की व्यवस्था बेहतर की जाएगी और हर जिले में यातायात व्यवस्था को बेहतर करने के लिए इंटरसेप्टर उपलब्ध कराई जाएगी। इसके निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं। मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को सड़क सुरक्षा से संबंधित प्रस्तुतिकरण के बाद अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर वर्ष सैकड़ों लोगों की जान सड़क दुर्घटना में चली जाती है। इसमें सबसे मामले दोपहिया चालकों से संबंधित होते हैं। उसमें भी सबसे अधिक ओवर स्पीड के चक्कर में हादसे होते हैं। इसके अलावा गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करने, नशे में गाड़ी चलाने से भी बड़ी संख्या में दुर्घटनाएं होती हैं। इसे रोकने के लिए सभी विभागों को मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ अगले 6 दिन में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक ठोस कार्य योजना तैयार की जाए। इस दौरान मुख्यमंत्री खुद वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश भर के अफसरों के साथ-साथ नगर निकाय के अधिकारियों से भी सड़क सुरक्षा के संबंध में बात करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2018 के बाद से सड़क हादसे में कमी आई है। लेकिन इसमें और सुधार की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा के संबंध में लोगों को जागरुक करने के लिए दो चरणों में अभियान चलाया जाए। पहले लोगों को जागरुक किया जाए और दूसरे चरण में नियमों का पालन कड़ाई से कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरों में पार्किंग की व्यवस्था को और बेहतर किया जाए। अवैध टैक्सी स्टैंड की समस्या का स्थाई समाधान किया जाए। कोई बदलाव करते समय प्रभावित व्यक्ति के व्यवस्थापन का ध्यान रखा जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि अनफिट या बिना परमिट के स्कूली बसों का संचालन न हो। यातायात के संबंध में बच्चों को भी जागरुक किया जाए और इसके लिए स्कूलों और कालेजों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी तरह से प्रशिक्षित लोग ही सड़क पर गाड़ी चलाएं। सभी जिलों में ड्राइविंग टेस्टिंग एंड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट की स्थापना हो और ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनाए जाएं। उन्होंने वाहन चालान से जुड़े लंबित मामलों के निस्तारण के लिए लोक अदालत लगाई जाई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यातायात से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी क्षेत्रों का दौरा करें और लोगों से संवाद करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर मेडिकल कालेज में 30 बेड का इमरजेंसी ट्रामा केयर सेंटर बनाया जाए। एम्बुलेंस के रिस्पांस टाइम को और कम किया जाए। लखनऊ में यातायात प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान की स्थापना के लिए प्रक्रिया शुरू की जाए। प्रस्तुतिकरण के दौरान परिवहन, गृह, लोक निर्माण, नगर विकास, चिकित्सा शिक्षा, बेसिक माध्यमिक उच्च शिक्षा, एक्सप्रेस वे प्राधिकरण, एनएचएआई के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को सड़क सुरक्षा व सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के संबंध में किए जा रहे प्रयासों और उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी दी।

निपटाए अपने जरूरी काम 3 दिन के लिए रहेंगे बैंक बंद।

प्रगति बाजपई एंकर MINERVA NEWS LIVE

शुक्रवार के कामकाज के बाद बैंक तीन दिन बंद रहेंगे. इस पूरे महीने में 11 दिन तक बैंक की छुट्टी है. जानिए आने वाले दिनों में कब-कब बैंक बंद रहेंगे और क्यों?
Bank Holidays 2022: अगर आपका कोई बैंक से जुड़ा बेहद जरूरी काम (Bank Job) है तो उसे आज ही निपटा लें. कल से लेकर तीन दिन तक बैंक बंद रहेंगे. इस शनिवार से बैंकों का तीन दिन का एक लम्बा वीकेंड शुरू होने वाला है. मई के महीने में बैंकों को कुल 11 छुट्टियां मिल रही हैं.

आरबीआई के मुताबिक, भारत के कई हिस्सों में 16 मई को बैंक बंद रहने वाले हैं. इस दिन यानि सोमवार (Monday) को बुध पूर्णिमा के लिए छुट्टी दी गई है. उससे एक दिन पहले रविवार को वैसे ही बैंकों का ऑफ रहता है. रविवार से पहले 14 मई को दूसरा शनिवार होने के चलते बैंक बंद रहेंगे.

बैंकों में हर रविवार की तो छुट्टी रहती ही है, लेकिन हर शनिवार की छुट्टी नहीं होती है. बैंकों में महीने के पहले और तीसरे शनिवार को काम होता है, वहीं दूसरे और चौथे शनिवार को बैंक बंद रहते हैं.

यहं से जारी होता है सर्कुलर

महीने में आने वाली छुट्टियों का ब्यौरा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा हर महीने जारी किया जाता है. मई में पड़ने वाली छुट्टियों को 3 भागों में बांटा गया था. पहला- हॉलीडे अंडर नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट (Holiday under Negotiable Instruments Act), दूसरा- हॉलीडे अंडर नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट एंड रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट हॉलीडे (Holiday under Negotiable Instruments Act and Real Time Gross Settlement Holiday), और तीसरा- बैंक के अकाउंट्स क्लोजिंग (Banks' Closing of Accounts) के लिये रखा गया है.

11 छुट्टियों का पूरा ब्यौरा

इस महीने हॉलीडे अंडर नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत चार छुट्टियां दी गई हैं. कुल 11 छुट्टियों में से पांच छुट्टियों का इस्तेमाल किया जा चुका है. इनमें एक मई (रविवार), 2 मई (ईद-उल-फित्र), 3 मई (भगवान श्री परशुराम जयंती/रमजान-ईद (ईद उल फित्र)/बसवा जयंती/अक्षय तृतीया), 8 मई (रविवार), और नौ मई (रविंद्रनाथ टैगोर जयंती). अब रविवारों को मिला लें तो कुल 6 छुट्टियां और हैं.

14 से 16 मई तक 3 की लगातार छुट्टियों के बाद 22 मई को रविवार है. उसके बाद 28 और 29 की क्रमश: चौथे शनिवार और रविवार की छुट्टी है.

Thursday 12 May 2022

वाटर पार्क में हुआ भयंकर हादसा वाटर स्टाइल टूटने से 30 फीट नीचे गिरे आके लोग।

उत्कर्ष शुक्ला संस्थापक / संपादक 

खौफनाक फुटेज में एक सर्पिल संलग्न ट्यूब स्लाइड के एक हिस्से को ढहते हुए देखा जा सकता है स्लाइड के अंदर फंसे 16 लोगों में से आठ को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया प्रशासन ने पार्क प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है
इंडोनेशियाः इंडोनेशिया के केंजेरन पार्क में कैमरे में एक भयानक मंजर कैद हुआ है, जहां एक विशाल वाटर स्लाइड बीच से ही टूट गया जिसके बाद उसमें मौजूद लोग 30 फीट नीचे जमीन पर आ गिरे।
ये भयानक मंजर देख वहां आस-पास मौजूद लोग दंग रह गए। रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना 7 मई को घटित हुई है। हालांकि इसका वीडियो अब वायरल हो रहा है।
खौफनाक फुटेज में एक सर्पिल संलग्न ट्यूब स्लाइड के एक हिस्से को ढहते हुए देखा जा सकता है। स्लाइड में मौजूद तैराक कंक्रीट के फर्श पर गिरते ही चिल्लाते हुए दिखाई देते हैं। डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, स्लाइड के अंदर फंसे 16 लोगों में से आठ को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया और उनमें से तीन की हड्डियां टूट गईं। इस घटना पर सुराबाया शहर में स्थित वाटर पार्क ने कथित तौर पर कहा कि दुर्घटना इसलिए हुई क्योंकि स्लाइट समय के साथ खराब हो गई थी और कमजोर हो गई थी।
अधिकारियों ने यह भी स्वीकार किया कि घटना के समय स्लाइड में ज्यादा लोग मौजूद थे। वह "ओवरलोड" थी। वाटर पार्क प्रबंधन ने बताया कि सबसे हालिया रखरखाव जांच नौ महीने से अधिक समय पहले हुई थी। इस घटना के बाद सुराबाया शहर के उप महापौर, अर्मुजी ने भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हों इसके लिए क्षेत्र के अन्य मनोरंजन पार्कों के तत्काल निरीक्षण के आदेश दे दिए हैं।
मीडिया आउटलेट के अनुसार, डिप्टी मेयर ने मनोरंजन पार्कों के मालिकों को जिम्मेदारी लेने और अपने आगंतुकों की भलाई की रक्षा के लिए आवश्यक सुरक्षा उपायों का पालन करने को कहा है। डेली स्टार ने बताया कि मेयर एरी काह्यादी ने कहा, जब तक ठीक नहीं हो जाते, घायलों के उपचार का पूरा खर्च उठाया जाएगा।
इसके अलावा, श्री काह्यादी ने यह भी कहा कि दुर्घटना के लिए पार्क का प्रबंधन जिम्मेदार है। इसलिए जितने भी घायल हैं, जब तक ठीक नहीं हो जाते, इलाज के खर्च का वहन पार्क प्रबंधन करेगा। यहां तक ​​कि उन्होंने पार्क के प्रबंधन से और स्पष्टीकरण की मांग की और स्लाइड गिरने के कारणों की पुलिस जांच का आदेश दिया।

चंबल नदी में पानी पीने गई किशोरी को मगरमच्छ ने बनाया निवाला।


प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश।


उदी (इटावा)। चंबल में पानी पीने गई किशोरी को गुरुवार दोपहर को मगरमच्छ खींच ले गया। बचाने मूें पिता पर भी हमला कर दिया, पिता के हाथ में बेटी का आंगौछा ही आया। सूचना देनै के करीब पांच घंटे बाद अधिकारी पहुंचे और किशोरी की तलाश शुरू कराई।
देर शाम तक किशोरी का पता नहीं लगा था।
बढ़पुरा थाना क्षेत्र के गांव खेड़ा अजब सिंह निवासी जगतप बेटियों वंदाना और शालू (14) के साथ बकरी चराने चंबल नदी के पास गए थे। धुप होने से दोनों बच्चियों को प्यास लग आई। अजब सिंह उन्हें पानी पिलाने चंबल नदी पर ले गए। पानी पीकर लौटते समय बच्ची के पैर से कुछ टकराया। इस पर उसने पिता को बताया। जगपत कुछ समझ पाते तब तक मगरमच्छ ने शालू का पैर पकड़कर पानी में खींच लिया। बचाने में मगरमच्छ ने जगपत को भी घायल कर दिया। पिता के हाथ में बच्ची का अंगोछा आया। मगरमच्छ उसे पानी में खींच ले गया। सूचना पर एसडीएम सदर ने सेंक्चुअरी अधिकारियों को स्ट्रीमर बुलाकर बच्ची की तलाश कराने के निर्देश दिए। स्टीमर से बच्ची की तलाश की गई लेकिन शाम तक उसका पता नहीं चला।
ग्राम प्रधान गब्बर भदौरिया ने बताया कि गांव के बीच में तालाब है लेकिन लोग चंबल किनारे ही पशुओं को चराने ले जाते हैं। नदी में पशुओं को पानी भी पिलाने ले जाते हैं। सेंक्चुअरी के अधिकारियों ने नदी के आसपास चेतावनी बोर्ड भी नहीं लगाया है। इससे कई हादसे हो चुके हैं। ग्रामीण सुशीज सिंह भदौरिया ने बताया कि बच्ची को सुबह 10 बजे मगरमच्छ ले गया और शाम तीन बजे तलाश शुरू कराई गई। बच्ची के पिता ने रोते हुए कहा कि मगरमच्छ तो मेरी बेटी को मेरे हाथों से ले गया। एसडीएम सदर ने बताया कि बच्ची की तलाश कराई जा रही है। साथ ही यदि चंबल के पास के गांवों में तालाब नहीं है तो इसकी जांच कराई जाएगी और जल्द ही तालाब खुदवाए जाएंगे।
28 अप्रैल को बच्ची को खा गया था मगरमच्छ
भरेह थाना क्षेत्र में ख्याली पुरा गांव के विक्रम सिंह मल्लाह की 14 वर्षीय पुत्री मुस्कान 28 अप्रैल को जानवरों लेकर चंबल नदी में पानी पिलाने गई थी। मुस्कान को मगरमच्छ खा गया था। 20 दिन पहले की मगरमच्छों ने एक भैंस को मार दिया था।
लगवाए जाएंगे जागरूकता के लिए पोस्टर-बैनर
सेंक्चुअरी के डीएफओ दिवाकर श्रीवास्तव ने बताया कि घटना दुखद है। अभी तक जिन जगहों पर मगरमच्छ और घड़ियाल को लेकर जागरूकता बैनर, पोस्टर नहीं लग सके हैं। उन्हें जल्द लगवाएंगे। साथ ही चंबल के आसपास के ग्रामीणों से अपील है कि 15 जून तक मगरमच्छ अपने अंडे दैते हैं ऐसे में वह आक्रमक होते हैं। तो इस समय में नदी में जाने से बचें। आगे इन घटनाओं को रोकने के लिए जल्द स्थायी व्यवस्था कराने का भी प्रयास रहेगा।

*चार धाम यात्रा में 28 तीर्थयात्रियों व 25 घोड़ों की हो चुकी मौत।*

*चार धाम यात्रा में 28 तीर्थयात्रियों व 25 घोड़ों की हो चुकी मौत।*

*लक्ष्मी गुप्ता एंकर MINERVA NEWS LIVE*

नई दिल्ली। बुजुर्ग तीर्थयात्रियों की जान पर यात्रा भारी पड़ रही है। 60 वर्ष से ऊपर आयु के 13 यात्रियों की मौतें हुई है। यही नहीं करीब 25 घोड़े और खच्चर भी दम तोड़ चुके हैं। घोड़े, खच्चरों की मौत से संचालक दहशत में हैं।
चारधाम यात्रा में रोजाना तीर्थयात्रियों की मौतें हो रही है। अब तक मृतकों की संख्या 28 हो गई है। बुजुर्ग तीर्थयात्रियों की जान पर यात्रा भारी पड़ रही है। 60 वर्ष से ऊपर आयु के 13 यात्रियों की मौतें हुई है।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा ने कहा कि यात्रा के दौरान जो भी मौतें हुई हैं, वह पैदल रूट पर हुईं। हार्ट अटैक व अन्य बीमारियां मौत का कारण रही हैं। किसी भी यात्री की अस्पतालों में मौत नहीं हुई है। चारधाम यात्रा मार्ग के अस्पतालों व मेडिकल कैंपों में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं।
रुद्रप्रयाग, चमोली व उत्तरकाशी जिलों से आई रिपोर्ट के अनुसार 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 13 यात्रियों की मौत हुई है जबकि 50 से 60 आयु वर्ग में सात, 40 से 50 आयु वर्ग में चार और 30 से 40 आयु के तीन तीर्थयात्रियों की मौत हुई है।
महानिदेशक ने कहा कि परिजनों की इच्छा के अनुसार पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। कई मृतकों के परिजन पोस्टमार्टम नहीं करना चाहते हैं। जिनके पोस्टमार्टम में मौत के सही कारणों का पता नहीं लग पाता है, उनका बिसरा सुरक्षित रखा जा रहा है।
इंसान ही नहीं जानवर भी गंवा रहे जान
चारधाम की दुर्गम राह इंसान ही नहीं जानवरों की जान पर भी भारी पड़ रही है। चारधाम यात्रा पर अभी तक 28 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, वहीं करीब 25 घोड़े और खच्चर भी दम तोड़ चुके हैं। घोड़े, खच्चरों की मौत से संचालक दहशत में हैं। वहीं पशु चिकित्साधिकारी क्षमता से अधिक कार्य को जानवरों की मौत का कारण बता रहे हैं।
यमुनोत्री पैदल मार्ग पर तीर्थयात्रियों के साथ ही अब घोड़े खच्चरों की मौत के मामले भी सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि पिछले 10 दिनों में पैदल मार्ग पर 10 घोड़े खच्चरों की भी मौत हुई है। स्थानीय निवासियों और घोड़ा-खच्चर संचालक इन मौतों का कारण यमुनोत्री धाम के दुर्गम वैकल्पिक मार्ग को बता रहे हैं।
नरेंद्र मोदी सेना के अध्यक्ष संदीप राणा, जानकीचट्टी नारायणपुरी के पूर्व प्रधान जगत सिंह रावत, महावीर पंवार का कहना है कि भिडियाली गाड़ से यमुनोत्री धाम तक का वैकल्पिक मार्ग मानकों के अनुरूप नहीं है। मार्ग पर जिला पंचायत की ओर से पानी आदि की व्यवस्था भी नहीं की गई है, जिससे घोड़े खच्चरों की मौत हो रही है। जिला पंचायत से घोड़े खच्चर संचालकों को मुआवजा दिए जाने की मांग भी की गई है।
वहीं, जानकीचट्टी में तैनात पशु चिकित्साधिकारी अभिनाष ने घोड़े खच्चरों की मौत का कारण क्षमता से अधिक कार्य को बताया है। उनके अनुसार क्षमता से अधिक कार्य व एकदम ठंडा पानी पीने से घोड़ों को कोलिक (पेट दर्द) बीमारी हुई है, जिससे इनकी मौत हुई है। डा. अभिनाष ने बताया कि अभी तक उन्हें तीन खच्चरों के मरने की सूचना मिली है।
उधर, 6 मई से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में इस वर्ष 8000 से अधिक घोड़ा-खच्चरों का पंजीकरण है। यात्रियों का दबाव बढ़ने के साथ गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़ा-खच्चरों की मौत के मामले भी सामने आने लगे हैं। बृहस्पतिवार को गौरीकुंड में 3 और सोनप्रयाग में 1 घोड़ा-खच्चर की मौत हो गई। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. आशीष रावत ने बताया कि अभी तक 15 घोड़ा-खच्चरों की मौत हो चुकी है। उन्होंने जानवरों की मौत का कारण अत्यधिक थकान और पानी की कमी बताया। उन्होंने कहा कि संचालक घोड़ा-खच्चरों से अत्यधिक काम ले रहे हैं और खाने के लिए सूखा भूसा व चना दे रहे हैं। पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है, जिस कारण फेफड़ों की झिल्ली पर दबाव पड़ने से जानवरों की मौत हो रही है।
मार्ग पर नहीं है गर्म पानी की सुविधा
यमुनोत्री पैदल मार्ग पर घोड़ों के लिए गर्म पानी की व्यवस्था के लिए पानी की टंकियों पर हीटर लगाए गए थे, लेकिन इन हीटरों को बिजली से नहीं जोड़ा गया है। अधिकांश हीटर खराब भी हो गए हैं। यदि रास्ते में घोड़ों को गर्म पानी मिलता रहे, तो इन्हें बीमारी से बचाया जा सकता है।

बिहार के एक इलेक्ट्रीशियन को चढ़ा प्यार का बुखार महबूबा से मिलने के लिए काट देता था गांव की लाइट।

बिहार के एक इलेक्ट्रीशियन को चढ़ा प्यार का बुखार महबूबा से मिलने के लिए काट देता था गांव की लाइट।


लक्ष्मी गुप्ता एंकर MINERVA NEWS LIVE


पटना, 12 मई: प्यार के किस्से तो आपने बहुत सुने होंगे, लेकिन आज हम आपको ऐसे आशिक की कहानी बताने जा रहे, जिसके चक्कर में रात-रातभर पूरा गांव परेशान रहने लगा। उन्होंने जब पूरा मजरा समझा तो उनके होश उड़ गए।

साथ ही छोटे से गांव की लव स्टोरी नेशनल न्यूज बन गई।

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के पूर्णिया जिले के गणेशपुर गांव में एक इलेक्ट्रीशियन अपनी प्रेमिका से मिलने के चक्कर में रात को लाइट काट देता था। शुरू में लोगों ने इसे सामान्य प्रक्रिया समझी, लेकिन कई दिनों तक ऐसे होने पर ग्रामीण पड़ताल में जुट गए। जिस पर पता चला कि आसपास के गांवों में लाइट तो रहती है, लेकिन उनके गांव में शाम को दो-तीन घंटे के लिए लाइट कट जाती है।

कुछ दिनों बाद गणेशपुर के ग्रामीणों को ये भी पता चला कि इलेक्ट्रीशियन इश्क लड़ाने के लिए लाइट काटता है, ऐसे में उन्होंने उसे रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई। हाल ही में जब गांव की लाइट कटी तो सभी ग्रामीण इलेक्ट्रीशियन की तलाश में जुट गए। कुछ देर बाद वो प्राइमरी स्कूल में अपनी प्रेमिका के साथ पकड़ा गया।

ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर उन्होंने उसे पकड़कर उसका मुंडन करवा दिया और फिर गांव में घुमाया। बाद में उसने स्वीकार किया कि जब वो अपनी प्रेमिका से मिलना चाहता तो वो लाइट काट देता, ताकि अंधेरे में वो रोमांस कर सके। बाद में सरपंच और ग्रामीणों की मौजूदगी में उसकी शादी उसी लड़की से करवा दी गई।

स्थानीय थाना प्रभारी विकास कुमार आजाद ने कहा कि उन्हें घटना की जानकारी थी लेकिन अभी तक मामले में किसी ने शिकायत दर्ज नहीं करवाई है। मामले में एक ग्रामीण ने कहा कि वो बिजली कटौती से परेशान हो गए थे। गर्मी के दिनों में भी शाम को तीन-चार घंटे लाइट गायब रहती, जब से इलेक्ट्रीशियन की शादी हुई है, तब से शाम को बत्ती गुल होनी बंद हो गई।

योगी सरकार का बड़ा फैसला अब मदरसों में भी होगा राष्ट्रगान।

योगी सरकार का बड़ा फैसला अब मदरसों में भी होगा राष्ट्रगान


प्रगति बाजपई एंकर MINERVA NEWS LIVE


उत्तर प्रदेश के मदरसों में आज से राज्य की योगी सरकार का बड़ा फैसला लागू होने जा रहा है.

क्योंकि अब मदरसों में पढ़ाई शुरू होने से पहले राष्ट्रगान होगा. राज्य के सभी मान्यता प्राप्त सहायता और गैर अनुदानित मदरसों में राष्ट्रगान गाया जाएगा. असल में ईद की छुट्टियों के कारण आज से मदरसे खुल रहे हैं और आज से ही मदरसों में राष्ट्रगान गाया जाएगा. इसके लिए 24 मार्च को हुई बैठक में सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को इसे तुरंत लागू करने के लिए कहा गया था. लेकिन रमजान की छुट्टी शुरू होने के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के मदरसा शिक्षा परिषद की ओर से इसको लेकर निर्देश पहले ही भेजे जा चुके हैं. जिसके तहत मान्यता प्राप्त, अनुदानित प्राप्त और गैर सहायता प्राप्त मदरसों में नए सत्र से राष्ट्रगान गाने का आदेश दिया गया था. फिलहाल मदरसा बोर्ड की बैठक मार्च में हुई थी और इस बैठक में अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद ने कई फैसले लिए थे. जिसमें मदरसों में राष्ट्रगान गाने को लेकर भी फैसला किया गया था. इसके साथ ही बैठक में मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल और फाजिल की परीक्षाएं 14 से 27 मई तक कराने का फैसला किया गया था.

मदरसों में ही होंगी परीक्षाएं

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में गर्मी की छुट्टी और यूपी बोर्ड परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन का कार्य जारी है. जिसके कारण कॉलेज खाली नहीं हैं. लिहाजा मदरसा बोर्ड ने परीक्षाओं को मदरसों में ही आयोजित कराने का फैसला किया था.

छह पेपर की होगी परीक्षा

इसके अलावा मदरसा बोर्ड में अब छह पेपर की परीक्षा होगी. इसमें कक्षा 1 से 8 के पाठ्यक्रम में दीनियात के अलावा हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के प्रश्न पत्र होंगे. पिछले दिनों हुई मदरसा बोर्ड की बैठक में इस बात का भी फैसला हुआ था कि शिक्षकों की उपस्थिति के लिए हर मदरसे में बायोमीट्रिक सिस्टम लगाया जाएगा और नए सत्र से छात्रों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी शुरू की जाएगी.

टीईटी के तर्ज होगी मदरसों में अध्यापकों की नियुक्ति

यूपी मदरसा बोर्ड ने बैठक के माध्यम से टीईटी की तर्ज पर मदरसों में शिक्षकों की नियुक्ति करने का फैसला किया है और इसके लिए पहले परीक्षा देनी होगी और उसमें उत्तीर्ण होने वाले को मदरसों में नियुक्ति दी जाएगी. इसके साथ ही मदरसा बोर्ड ने फैसला किया था कि मदरसों में छात्रों की संख्या कम होने पर अन्य मदरसों में शिक्षकों का समायोजन किया जाएगा.

पीलीभीत में सच्ची घटना पर बनी पंकज त्रिपाठी की नई फिल्म शेरदिल : द पीलीभीत सागा आइये जानते हैं क्या है खास इस मूवी में।

पीलीभीत में सच्ची घटना पर बनी पंकज त्रिपाठी की नई फिल्म शेरदिल : द पीलीभीत सागा आइये जानते हैं क्या है खास इस मूवी में।


प्रीति तिवारी सह संपादक MINERVA NEWS LIVE



आदमी, जंगल और जानवर तीनों की ज़मीन एक ही है और सीमित है। 
फिल्म 'शेरदिल: द पीलीभीत सागा' की कहानी पीलीभीत टाइगर रिजर्व की सीमा से लगे गांवों में दुखद घटनाओं की वास्तविक घटना से प्रेरित है, कि कैसे परिवार को बचाने के लिए अपने जीवन का बलिदान देने के लिए बहुत साहस की आवश्यकता होती है
बॉलीवुड के मंझे हुए कलाकार अभिनेता पंकज त्रिपाठी जल्दी ही अपनी नई फिल्म 'शेरदिल: द पीलीभीत सागा' के साथ दर्शकों का मनोरंजन करने को तैयार हैं। इस फिल्म का निर्माण टी-सीरीज और रिलायंस एंटरटेनमेंट ने मैच कट प्रोडक्शन के साथ मिलकर बनाया है। इस फिल्म के सेट से तस्वीरें भी सामने आ चुकी है और मेकर्स की तरफ से फिल्म की रिलीज का ऐलान भी कर दिया गया है।
पंकज त्रिपाठी की डार्क ह्यूमर से भरपूर यह फिल्म 'शेरदिल: द पीलीभीत सागा' सच्ची घटनाओं से प्रेरित है। फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निदेशक, श्रीजीत मुखर्जी द्वारा निर्देशित किया गया है। वास्तविक घटनाओं से प्रेरित इस गाथा में पंकज त्रिपाठी के अलावा नीरज काबी और सयानी गुप्ता भी अहम भूमिकाओं में हैं।
'शेरदिल: द पीलीभीत सागा' फिल्म में शहरीकरण के प्रतिकूल प्रभावों, मानव-पशु संघर्ष और गरीबी के बारे में एक अंतर्दृष्टि पूर्ण कहानी सामने रखी जाएगी, जो जंगल के किनारे बसे एक गांव की लोगों के बारे में है। फिल्म की तस्वीरों में पंकज त्रिपाठी साधारण व्यक्ति की वेशभूषा में जंगलों में दिखाई दे रहे हैं। यह फिल्म श्रीजीत मुखर्जी का ड्रीम प्रोजेक्ट है।
फिल्म 'शेरदिल: द पीलीभीत सागा' की कहानी पीलीभीत टाइगर रिजर्व की सीमा से लगे गांवों में दुखद घटनाओं की वास्तविक घटना से प्रेरित है, कि कैसे परिवार को बचाने के लिए अपने जीवन का बलिदान देने के लिए बहुत साहस की आवश्यकता होती है और श्रीजीत मुखर्जी की यह फिल्म वीरता के इर्द-गिर्द घूमती है, जो मनुष्य और प्रकृति के संघर्ष पर केंद्रित है। यह फिल्म 24 जून, 2022 को बड़े पर्दे पर दस्तक देगी।

ताजमहल मामले में हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी

ताजमहल मामले में हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी


प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश

ताजमहल के 22 कमरों को खोलने की याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच ने याचिका कर्ता पर फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि पहले PhD करें फिर कोर्ट आएं. 


Wednesday 11 May 2022

ताजमहल नहीं है कोई मकबरा 1983 मैं रुड़की विश्वविद्यालय के सर्वे में कुछ तथ्य सामने आए क्या है वे तथ्य जानते हैं।

ताजमहल नहीं है कोई मकबरा 1983 मैं रुड़की विश्वविद्यालय के सर्वे में कुछ तथ्य सामने आए क्या है वे तथ्य जानते हैं।

प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश

ताजमहल के तहखाने में बने 20 कमरों को खोलने की याचिका पर हाईकोर्ट में बृहस्पतिवार को सुनवाई होनी है, लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और देश के नामी गिरामी संस्थानों के लिए तहखाना कई बार खुला है।
ताजमहल की मजबूती परखने के लिए समय-समय पर तहखाने में जाकर इसका सर्वे किया गया है। एएसआई ने 16 साल पहले तहखाने का संरक्षण कराया था, लेकिन इसकी मजबूती परखने के लिए नेशनल जियोग्राफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट और रुड़की विश्वविद्यालय ने वर्ष 1993 में सर्वे कराया था, जिसमें ताजमहल के तहखाने की दीवार तीन मीटर मोटी बताई गई और मुख्य गुंबद पर असली कब्रों के नीचे का हिस्सा ठोस बताया गया। रुड़की विश्वविद्यालय ने इस सर्वे में इलेक्ट्रिकल, मैग्नेटिक प्रोफाइलिंग तकनीक, शीयर वेब स्टडी और ग्रेविटी एंड जियो रडार तकनीक का उपयोग किया था।
ताजमहल पर भूकंप के प्रभाव के लिए रुड़की विश्वविद्यालय के अर्थक्वेक इंजीनियरिंग विभाग ने 1993 में सर्वे कराया। प्रोजेक्ट नंबर पी-553 ए की रिपोर्ट जुलाई 1993 में जारी की गई। भविष्य के भूकंप की स्थिति में ताजमहल को नुकसान होने की स्थिति के लिए यह सर्वे किया गया था। इसके लिए ताजमहल के तहखानों को खोला गया था, जिसमें गुंबद, मीनारों, तहखानों की दीवारों की मजबूती को जांचा गया।
13 मीटर गहरी हैं ताज और महताब बाग की नींव
नेशनल जियोग्राफिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने महताब बाग और ताजमहल का एक साथ सर्वे किया, जिसमें मेग्नेटिक प्रोफाइलिंग तकनीक के इस्तेमाल से पता चला कि ताजमहल और महताब बाग के जो हिस्से जानकारी में है, उनके अलावा नींव में कोई स्ट्रक्चर नहीं पाया गया। फाउंडेशन के कुंओं पर बोर होल ड्रिल 9.50 मीटर गहराई तक किए गए। रिफ्लेक्शन सीस्मिक जांच में ताजमहल की नींव में 90 मीटर तक सख्त चट्टानें पाई गईं।
ताजमहल और महताब बाग की नींव की गहराई नदी किनारे 13 मीटर तक पाई गई। चमेली फर्श के नीचे के कमरों पर नदी किनारे की ओर तीन मीटर तक चौड़ी दीवारें मिलीं। सर्वे में बताया गया कि मुख्य गुंबद में असली कब्रों के नीचे का हिस्सा खाली नहीं है। शीयर वेव स्टडी में यह ठोस होने की जानकारी देता है।
केवल स्टडी के लिए खोले जाएं तहखाने : केके मुहम्मद
पदमश्री से सम्मानित और आगरा सर्किल के अधीक्षण पुरातत्वविद रहे केके मुहम्मद ने अमर उजाला से अपने अनुभव साझा किए। केरल में रह रहे केके मुहम्मद ने कहा कि ताजमहल के तहखाने हमेशा से खुले हैं, केवल पर्यटकों के लिए ये बंद हैं। एएसआई उनकी देखभाल और संरक्षण अच्छे ढंग से कर रहा है। ताजमहल विश्व धरोहर है। कोई भी विवाद इसे नुकसान पहुंचाएगा। वह कई बार तहखाने में संरक्षण कार्यों के लिए गए हैं, पर उन्होंने कोई धार्मिक प्रतीक चिह्न नहीं देखा। रामबाग और एत्माद्दौला जैसे यमुना नदी किनारे बने स्मारकों में ठीक ऐसे ही तहखाने बने हैं, जिनके ऊपर स्मारक बने हुए हैं। धार्मिक रंग देने की जगह तहखाने को केवल स्टडी के लिए खोला जाए। विशेष अनुमति लेकर रिसर्च स्कॉलर को जाने दिया जाए।
कोर्ट की निगरानी में खोलकर वीडियोग्राफी की जाए : प्रो. नदीम रिजवी
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग के प्रोफेसर नदीम रिजवी ने ताजमहल को धार्मिक रंग दिए जाने पर नाराजगी जताई और कहा कि 300 साल तक ताजमहल के तहखाने और बाकी हिस्से खुले रहे। कई पीढ़ियों ने इसे देख लिया। कोई चिह्न यहां नहीं है। ताज के जो हिस्से बंद किए, वह धार्मिक कारणों से नहीं किये गए, बल्कि ताज में भीड़ और सुरक्षा कारणों से किए गए। स्मारक की संरक्षा और पर्यटकों की सुरक्षा के लिए एएसआई ने पूरे देश में स्मारकों के कुछ हिस्सों को बंद किया। प्रो. रिजवी ने कहा कि ताज के तहखाने खोलने में कोई हर्ज नहीं है, लेकिन यह कोर्ट की निगरानी में खोले जाएं और वीडियोग्राफी की जाए। तहखाने खोलने के बाद यह डर है कि कहीं कोई मूर्ति न रख दे और विवाद स्थायी हो जाए।

पत्नी ने बाथरूम में तो पति ने कमरे में लगाई फांसी आखिर क्यों।

पत्नी ने बाथरूम में तो पति ने कमरे में लगाई फांसी आखिर क्यों।

उत्कर्ष शुक्ला संस्थापक / संपादक

सागर/ गढ़ाकोटा:- चार-पांच माह पहले क्षेत्र में मोमोस का ठेला लगाने के लिए आए दंपती ने फांसी लगाकर जान दे दी। दोनों के शव अलग-अलग निर्वस्त्र अवस्था में लटके हुए मिले।
दो साल के बच्चे के रोने पर पड़ोसियों को पता चला और उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी।

जानकारी अनुसार नेपाल से केशर 26 वर्ष व उसकी पत्नी पशुपति 24 वर्ष चार-पांच माह पहले गढ़ाकोटा आए थे। यह मोमोस बनाने का काम करते थे और बस स्टैंड पर ठेला भी लगाते थे। बुधवार की सुबह रामवार्ड में इनके घर से दो साल के बच्चे के रोने की आवाज आई। लगातार रोते रहने पर पड़ोसियों ने आवाज लगाई, लेकिन घर के अंदर से कोई बाहर नहीं आया। तब पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दरवाजा खोला तो कमरे में पति केशर तथा बाथरूम के अंदर पत्नी पशुपति फांसी पर लटके हुए थे। दोनों निर्वस्त्र थे। पुलिस ने जांच उपरांत शवों को फंदे से उतारा और पोस्टमार्टम के लिए ले गए। थाना प्रभारी रजनीकांत दुबे का कहना है कि दोनों के शव फंदे पर लटके मिले हैं। इन्होंने स्वयं फांसी लगाई है या कुछ और कारण है, पुलिस इसकी जांच कर रही है। फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर मामला जांच में ले लिया है।

अवैध शराब के परिवहन पर कार राजसात

सागर। जिला दण्डाधिकारी दीपक आर्य ने अवैध शराब के परिवहन करने पर एक फोर्ड आइकान कार के राजसात की कार्रवाई की है। उन्होंने यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक के प्रस्ताव पर की है। 26 अप्रैल 2021 को थाना बहेरिया अंतर्गत झण्डा बाबा रोड केरवना के पास फोर्ड आइकान कार क्रमांक एमपी 04 सीई 4182 से चैकिंग के दौरान 90 हजार रूपये कीमत की 162 बल्क लीटर लाल मसाला अवैध शराब पाई गई थी। वाहन में अवैध शराब का परिवहन पाये जाने पर शराब व वाहन की विधिवत जप्ती की कार्रवाई की गई थी। जिला दण्डाधिकारी ने थाना प्रभारी बहेरिया से कहा है कि वे उक्त जप्तशुदा वाहन को कलेक्टर कार्यालय सागर के जिला नाजिर को सौंपे व प्रभारी अधिकारी जिला नजारात को आदेशित किया कि वाहन को प्राप्त कर नियमानुसार आम नीलामी द्वारा विक्रय कर प्राप्त राशि को शासकीय कोष में जमा करें।

बनारस की गंगा घाट के किनारे स्थित मस्जिद ज्ञानवापी के नाम पर है पर दावा है कि यह मस्जिद नहीं मंदिर है। सच जानने के लिए पूरा पढ़े लिंक को खोल कर।

बनारस की गंगा घाट के किनारे स्थित मस्जिद ज्ञानवापी के नाम पर है पर दावा है कि यह मस्जिद नहीं मंदिर है।

सच जानने के लिए पूरा पढ़े लिंक को खोल कर

प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर के सर्वे के दौरान वीडियोग्राफी करने वाले विभाष दूबे ने कई दावे किए हैं. अब उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद का नाम भी इस ओर इशारा करता है कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई होगी क्योंकि किसी मस्जिद का नाम ज्ञानवापी नहीं हो सकता.
वहीं इतिहासकार प्रोफेसर चतुर्वेदी कहते हैं कि मस्जिद निर्माण का कोई दस्तावेजी प्रमाण नहीं है और मस्जिद का नाम ज्ञानवापी हो भी नहीं सकता. ऐसा लगता है कि ज्ञानवापी कोई ज्ञान की पाठशाला रही होगी. पाठशाला के साथ मंदिर भी रहा होगा जो प्राचीन गुरुकुल परंपराओं में हमेशा हुआ करता था. उस मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनी तो उसका नाम ज्ञानवापी पड़ गया. ऐसा माना जा सकता है.

करीब 31 साल से कोर्ट में चल रहा है केस

1991 में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर सिविल कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. याचिका में कहा गया था कि 1669 में मुगल शासक औरंगजेब ने यहां मंदिर तोड़कर मस्जिद बना दी. इतने साल बाद मार्च में कोर्ट ने सर्वे करने का फैसला दिया गया. काशी विश्वनाथ मंदिर के पुरोहितों के वंशजों ने कोर्ट में याचिका दायर की है. उनके वकील विजय शंकर रस्तोत्री ने आजतक को सबूत के तौर पर नक्शा भी दिखाया.

ASI से पूछा गया कि क्या मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाया गया ? अगर मंदिर था तो किसका था ? कितने साल पुराना है ? क्या पहले भी कोई यहां ढांचा था ? 2 महीने में सर्वे करने का आदेश दिया, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी. ये मामला अभी लंबित है.

हालिया सर्वे एक अन्य मामले में कराया गया

18 अगस्त 2021 में वाराणसी की एक अदालत में 5 महिलाओं ने याचिका दायर कर कहा था कि इस मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी की मूर्ति है, यहां मंदिर बना है. हम उनकी रोज पूजा करना चाहते हैं, इसका अधिकार दिया जाए. इसके बाद कोर्ट ने सर्वे कराने का आदेश दिया था.

लेकिन डेढ़ दिन बाद ही रोकना पड़ा सर्वे

6 मई से ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे शुरू हुआ, लेकिन डेढ़ दिन बाद ही मुस्लिम पक्ष ने सर्वे के लिए अदालत की तरफ से नियुक्त किए गए कोर्ट कमिश्नर की निष्पक्षता पर सवाल उठा दिए. खूब हंगामा हुआ और सर्वे को रोकना पड़ा. उनके खिलाफ 7 मई को प्रतिवादी अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी कोर्ट पहुंच गई और उन्हें बदलने की मांग कर दी.

पूरी ईमानदारी से किया काम: एडवोकेट कमिश्नर

सर्वे के लिए कोर्ट की ओर से नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा ने आजतक से बताया कि उन्होंने पूरी ईमानदारी, निष्पक्षता और निष्ठा से अपना काम किया है. आपत्तियां आती रहती हैं जिसका निस्तारण करना कोर्ट का काम है. मैंने सारा आदेश सही से मना है. ऐसा कोई काम नहीं हुआ, जिससे आदेश का उल्लंघन हो. आदेश जो भी होगा हम उसका पालन करेंगे.

अध्यक्ष अब्बास नकवी,महामंत्री आकाश सैनी और कोषाध्यक्ष देवरंजन मिश्रा हुए निर्वाचितचुनाव अधिकारी ने दिए प्रमाण पत्रप्रेस क्लब की हुई बैठक

अध्यक्ष अब्बास नकवी,महामंत्री आकाश सैनी और कोषाध्यक्ष देवरंजन मिश्रा हुए निर्वाचित चुनाव अधिकारी ने दिए प्रमाण पत्र प्रेस क्लब की हुई बैठक ...