Thursday, 12 May 2022

चंबल नदी में पानी पीने गई किशोरी को मगरमच्छ ने बनाया निवाला।


प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश।


उदी (इटावा)। चंबल में पानी पीने गई किशोरी को गुरुवार दोपहर को मगरमच्छ खींच ले गया। बचाने मूें पिता पर भी हमला कर दिया, पिता के हाथ में बेटी का आंगौछा ही आया। सूचना देनै के करीब पांच घंटे बाद अधिकारी पहुंचे और किशोरी की तलाश शुरू कराई।
देर शाम तक किशोरी का पता नहीं लगा था।
बढ़पुरा थाना क्षेत्र के गांव खेड़ा अजब सिंह निवासी जगतप बेटियों वंदाना और शालू (14) के साथ बकरी चराने चंबल नदी के पास गए थे। धुप होने से दोनों बच्चियों को प्यास लग आई। अजब सिंह उन्हें पानी पिलाने चंबल नदी पर ले गए। पानी पीकर लौटते समय बच्ची के पैर से कुछ टकराया। इस पर उसने पिता को बताया। जगपत कुछ समझ पाते तब तक मगरमच्छ ने शालू का पैर पकड़कर पानी में खींच लिया। बचाने में मगरमच्छ ने जगपत को भी घायल कर दिया। पिता के हाथ में बच्ची का अंगोछा आया। मगरमच्छ उसे पानी में खींच ले गया। सूचना पर एसडीएम सदर ने सेंक्चुअरी अधिकारियों को स्ट्रीमर बुलाकर बच्ची की तलाश कराने के निर्देश दिए। स्टीमर से बच्ची की तलाश की गई लेकिन शाम तक उसका पता नहीं चला।
ग्राम प्रधान गब्बर भदौरिया ने बताया कि गांव के बीच में तालाब है लेकिन लोग चंबल किनारे ही पशुओं को चराने ले जाते हैं। नदी में पशुओं को पानी भी पिलाने ले जाते हैं। सेंक्चुअरी के अधिकारियों ने नदी के आसपास चेतावनी बोर्ड भी नहीं लगाया है। इससे कई हादसे हो चुके हैं। ग्रामीण सुशीज सिंह भदौरिया ने बताया कि बच्ची को सुबह 10 बजे मगरमच्छ ले गया और शाम तीन बजे तलाश शुरू कराई गई। बच्ची के पिता ने रोते हुए कहा कि मगरमच्छ तो मेरी बेटी को मेरे हाथों से ले गया। एसडीएम सदर ने बताया कि बच्ची की तलाश कराई जा रही है। साथ ही यदि चंबल के पास के गांवों में तालाब नहीं है तो इसकी जांच कराई जाएगी और जल्द ही तालाब खुदवाए जाएंगे।
28 अप्रैल को बच्ची को खा गया था मगरमच्छ
भरेह थाना क्षेत्र में ख्याली पुरा गांव के विक्रम सिंह मल्लाह की 14 वर्षीय पुत्री मुस्कान 28 अप्रैल को जानवरों लेकर चंबल नदी में पानी पिलाने गई थी। मुस्कान को मगरमच्छ खा गया था। 20 दिन पहले की मगरमच्छों ने एक भैंस को मार दिया था।
लगवाए जाएंगे जागरूकता के लिए पोस्टर-बैनर
सेंक्चुअरी के डीएफओ दिवाकर श्रीवास्तव ने बताया कि घटना दुखद है। अभी तक जिन जगहों पर मगरमच्छ और घड़ियाल को लेकर जागरूकता बैनर, पोस्टर नहीं लग सके हैं। उन्हें जल्द लगवाएंगे। साथ ही चंबल के आसपास के ग्रामीणों से अपील है कि 15 जून तक मगरमच्छ अपने अंडे दैते हैं ऐसे में वह आक्रमक होते हैं। तो इस समय में नदी में जाने से बचें। आगे इन घटनाओं को रोकने के लिए जल्द स्थायी व्यवस्था कराने का भी प्रयास रहेगा।

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