Friday, 29 April 2022
लखीमपुर जनपद के मैगलगंज कोतवाली क्षेत्र मैं भयंकर सड़क हादसा बस ने मारी स्कूली बच्चे को टक्कर मौके पर हुई मौत।। गुफरान खान रिपोर्टर मितौली तहसील MINERVA NEWS LIVE
Monday, 18 April 2022
उत्तराखंड के पहाड़ों पर चारों तरफ जंगल में लगी आग, पर्यटकों को ही रही असुविधा।। उत्कर्ष शुक्ला संपादक/संस्थापक
पहाड़ों में कभी आपदा, कभी जंगलों की आग से पर्यटन व्यवसायियों को भारी नुकसान हो रहा है. पिछले दो सालों से कोरोना के कारण पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से ठप था. अब तेजी से बढ़ रहा था तो वन विभाग की लापरवाही से पर्यटक डर रहे हैं. अल्मोड़ा. उत्तराखंड के पहाड़ में चारों तरफ जंगलों की आग लगने से धुंध ही धुंध है, जिससे पहाड़ में आकर पर्यटकों को हिमालय के दर्शन नहीं हो पा रहे है. पिछले 2 साल के कोरोना काल के बाद पर्यटकों का रुख पहाड़ की तरफ बढ़ा है. अगर जल्दी ही आग पर काबू नहीं पाया गया तो पर्यटकों की संख्या में कमी हो सकती है. गर्मियों में हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक पहाड़ों का रुख करते हैं, जिससे पर्यटन से जुडें लोगों को रोजगार मिलता है. लेकिन इस बार अप्रैल माह में ही सैकड़ों किलोमीटर जंगल जलकर स्वाहा हो गए हैं. पिछले सप्ताह 4 दिनों की छुट्टी से पहाड़ों में होटल पूरी तरह से पैंक हो गए थे, लेकिन जंगलों की आग होटलों तक पहुंचने का खतरा बढ़ रहा है, जिससे पर्यटक भी चितिंत हैं. होटल व्यवसायी राजेश बिष्ट का कहना है कि जंगलों की आग को बुझाने के लिए वन विभाग को अपने प्रयास तेज करने चाहिए. जंगलों की आग एक आपदा है, इसके लिए राज्य की सरकार और प्रशासन भी मदद करें, जिससे जंगलों को बचाया जा सकता है. पर्यटकों को भी राज्य के जंगलों की आग की सूचना जा रही है, जिससे लोग पहाड़ों पर कम आना चाह रहे हैं. वहीं पर्यटक मीनाक्षी का कहना है कि वह अल्मोड़ा कौसानी से हिमालय के दर्शन के लिए पहाड़ में अपने दोस्तों के साथ दिल्ली से घूमने आई थी, लेकिन चारों तरफ धुध से हिमालय के दर्शन नहीं हुए, जिससे निराशा हाथ लगी है. उधर वन विभाग के डीएफओ दीप चन्द्र पंत का कहना है कि लगातार आग बुझाने में लगे हैं, इतना ही नहीं जनप्रतिनिधियों के सहयोग की बात ही विभाग के अधिकारी कर रहे हैं. हाड़ों में कभी आपदा, कभी जंगलों की आग से पर्यटन व्यवसायियों को भारी नुकसान हो रहा है. सरकारों को पर ऐसी नीति बनानी चाहिए कि पहाड़ों में अधिक से अधिक पर्यटक आ सके. पिछले दो सालों से कोरोना के कारण पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से ठप था. अब तेजी से बढ़ रहा था तो वन विभाग की लापरवाही से पर्यटक डर रहे हैं. अब तो बस इंद्र देव के मेहरबान होने की ही उम्मीद है, तभी जंगलों की आग पूरी तरह से बुझ पाएगी.
Sunday, 17 April 2022
पति की मौत के बाद प्यार चढ़ा परवान, 6 मासूमों को छोड़कर प्रेमी संग भागी माँ, अनाथ हुए 6 मासूम बच्चे।। उत्कर्ष शुक्ला संस्थापक / संपादक
Friday, 15 April 2022
*अवैध शराब कारोबारियों के हौसले बुलंद खुले आम धधक रही अवैध शराब भट्ठियां*प्रिंस गुप्ता जिला ब्यूरो खीर MINERVA NEWS LIVE
Tuesday, 12 April 2022
WTO अनुमति दे तो भारत अपने भंडार से दुनिया को खाद्य सामग्री की आपूर्ति करने को तैयार: PM मोदी।। उत्कर्ष शुक्ला संस्थापक / संपादक
Sunday, 10 April 2022
गोविन्द गुप्ता को मिला स्व,रामसेवक शुक्ल स्मृति सम्मान।प्रिंस गुप्ता जिला ब्यूरो खीरी MINERVA NEWS LIVE
Saturday, 9 April 2022
*आइये बताते है हमारे उत्तर प्रदेश के बारे में क्या है उत्तर प्रदेश में प्रभु श्री राम का महत्व* उत्कर्ष शुक्ला संस्थापक / सम्पादक
*आइये बताते है हमारे उत्तर प्रदेश के बारे में क्या है उत्तर प्रदेश में प्रभु श्री राम का महत्व*
उत्कर्ष शुक्ला संस्थापक / सम्पादक
मैं हूँ उत्तर प्रदेश l राम – मात्र दो अक्षर ......लेकिन सबके जीवन में इस शब्द के अलग अलग मायने हैं, अलग-अलग विचार हैं l भारत की भूमि पर लोग श्रीराम को महान संत तुलसी की राम चरित मानस के नायक के रूप में जानते हैं l जब से धरती पर जीवन का सृजन हुआ, तब से यहाँ राम-नाम की महिमा गायी जा रही है l कण- कण में व्याप्त हैं राम l किसी ने उन्हें नहीं देखा, किन्तु महाराज तुलसीदास की लेखनी ने उनके आकर्षक व्यक्तित्व का जो खांका खींच दिया, उससे जनमानस में यह सन्देश चला गया कि श्याम वर्ण के राम के व्यक्तित्व का सम्मोहन ऐसा था कि जो उन्हें एक बार देख लेता था, उनका ही हो जाता था l
राम ब्रह्म विचार हैं, राम साकार हैं, राम निराकार हैं, राम स्वयं ब्रह्म हैं, राम ज्ञान हैं, राम असक्त से सशक्त की ओर जाने वाली नाज़ुक डोर हैं, राम मर्यादा हैं, राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं, राम जीवन के हर क्षण के लिए पाठ हैं, राम एक विश्वास हैं, राम साधना हैं, राम अनुशासन के पक्षधर हैं, राम संसार को जीतने और उस पर नियंत्रण के नहीं, बल्कि स्वयं पर जीत और स्व नियंत्रण के हितैषी हैं l अब यह रुचिकर है कि राम तो एक ही हैं परन्तु व्यक्ति के स्वभाव व आचार-विचार के कारण राम की परिभाषा भी अलग-अलग स्थापित हो गयी है l या यूँ कहें कि भक्त जैसा चाहता है, अपने भगवान को वैसा ही रचता है l जहाँ वाल्मीकि के राम “संसारी श्रेष्ठ पुरुष, धीर पुरुष और वीर पुरुष हैं, पर हैं मानव l वहीँ तुलसी के राम तुलसी के हृदयपति हैं, तुलसी के रामप्यारे हैं, राम के संगी प्यारे हैं, राम के भक्त प्यारे हैं, तुलसी के लिए तो पूरा जगत ही राममय है, तुलसी ने संसार को जो राम दिया, वह एक नायक की भांति सर्वगुण संपन्न है और उसने पुत्र, भाई, पति और महान राजा की भूमिका के लिए श्रेष्ठतम मापदंड निर्धारित कर दिया है l तुलसी के राम कण कण में हैं
"सियाराम मय सब जग जानि,
करहु प्रणाम जोरि जुग पाणि||"
यदि तुलसी के राम शील, सौन्दर्य और शक्ति, तीनों गुणों के स्वामी हैं तो कबीर के राम दशरथ के पुत्र न होकर परमब्रह्म हैं, वह निराकार हैं, वह साधना का माध्यम हैं, राम यानि ईश्वर के सहारे ही कबीर समाज में सुधार/ज्ञान की गंगा बहाना चाहते थे l
और इन सबसे ऊपर, भगवान शिव के राम ! महादेव ने जब अपने तीनों पुत्रों देव, दानव और मानव के बीच एक करोड़ श्लोकों का विभाजन कर दिया और अंत में जब उनके पास मात्र एक श्लोक बचा, जिसमें 32 अक्षर थे l दस-दस अक्षर तो महादेव ने अपने तीनों पुत्रों को दे दिए और बाकी बचे दो अक्षर “रा” और “म” अपने पास रखते हुए उन्होंने कहा – ‘अब सुखपूर्वक रहो मेरे पुत्रों ! अब इन्हीं दो अक्षरों “राम” के सहारे मैं अपना सम्पूर्ण जीवन सुख से व्यतीत करूंगा l
राम के बारे में इतनी बातें करके मैं भी राममय हो गया हूँ l अंत में, सभी को रामनवमी की हार्दिक बधाई l इस पावन अवसर पर यही आशा करता हूँ कि सभी जन भगवान राम द्वारा स्थापित आदर्शों, मर्यादाओं और नैतिकता को अपने अंतः में ले जाएँ और उनका अनुसरण करें, तभी उनका नाम लेना सार्थक होगा l जय श्री राम, जय श्री राम, जय श्री राम............
अहमदाबाद विमान हादसे में बचा एक यात्री, अस्पताल में चल रहा इलाज; 241 की मौत
अहमदाबाद विमान हादसे में बचा एक यात्री, अस्पताल में चल रहा इलाज; 241 की मौत डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुरुवार को अहमदाबाद में एअर...
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मोहम्मदी खीरी मोहम्मदी खीरी नगर के शाहजहांपुर रोड जिओ पम्प के समीप अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक सवार दो लोगों की मौत एक घायल जि...
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*वक्ते रुखसत रुखसत आंसुओं का सिलसिला रह जाऐगा* *अलविदा कह ना सकूंगा देखता रह जाऊंगा* उत्कर्ष शुक्ला संस्थापक/संपादक *जा शौक से ...
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मेरा नाम गीता शुक्ला है मैं प्रयागराज की रहने वाली हूं मेरे पिताजी का नाम कमलाकर प्रसाद शुक्ला है जो कि सीआरपीएफ में( SI) के पद पर तैनाद है ...