Monday, 22 April 2024

हरदोई: हादसे में स्टाफ नर्स की मौत के कुछ ही देर बाद पति ने लगाई फांसी

हरदोई: हादसे में स्टाफ नर्स की मौत के कुछ ही देर बाद पति ने लगाई फांसी

हरदोई। पचकोहरा चौराहे पर हुए हादसे में स्टाफ नर्स की मौत होने का सदमा बर्दाश्त न कर पाने वाले उसके शिक्षक पति ने कुछ ही देर बाद घर पहुंच कर वहां फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। कुछ ही देर में सारा कुछ बर्बाद होने से उनके घर वालों का रो-रो कर बुरा हाल है। बताया गया है कि सुरसा थाने के 25 वर्षीय योगेश कुमार पुत्र पुत्तू लाल की शादी करीब तीन महीनें पहले ही कोतवाली शहर के धन्नुपुरवा की मणि कर्णिका गौतम के साथ हुई थी। योगेश पिहानी ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय टीकमपुर में सहायक अध्यापक था। उसकी पत्नी मणि कर्णिका टड़ियावा सीएचसी में स्टाफ नर्स थी।

बताते है कि सोमवार की सुबह दाऊदपुर से पहले योगेश स्कूल के लिए बाइक से रवाना हुआ था,उसके कुछ ही देर बाद मणि कर्णिका स्कूटी से CHC के लिए निकली। वह पचकोहरा चौराहे के पास पहुंची ही थी कि उसी बीच कोई तेज़ रफ्तार गाड़ी उसे कुचलते हुए निकल गई। जिससे मणि कर्णिका की वहीं पर दर्दनाक मौत हो गई। उधर योगेश स्कूल पहुंचा,उसी बीच उसे व्हाट्स अप ग्रुप से हादसे के बारे में पता चला। जैसा कि बताते है कि योगेश वहां से किसी को कुछ बताए बगैर बाइक से वापस लौट गया। उसके कुछ ही देर बाद पता चला कि योगेश ने घर पहुंच कर फांसी लगा कर खुद भी आत्महत्या कर ली।

पत्नी की मौत के कुछ ही देर पति के इस तरह से आत्महत्या की खबर ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। इतनी जल्दी एक हंसता-खेलता घर-बार ऐसे बर्बाद हो जाएगा, इस बारे में किसी ने ख्वाब-ओ-ख्यालों तक में नहीं सोंचा था। मणि कर्णिका और योगेश कुमार की मौत होने से जहां उनके घर वालों का रो-रो कर बुरा हाल है,वहीं न सिर्फ दाऊदपुर बल्कि उसके आस-पड़ोस के गांव वालों के आंसू नहीं रुक रहें है।

इकलौते बेटे और इकलौती बेटी की मौत से बेहाल है मां-बाप
सड़क हादसे का शिकार हुई स्टाफ नर्स मणि कर्णिका जहां अपने घर की इकलौती थी, वहीं योगेश भी घर‌वालों का इकलौता था। बेटी की मौत की खबर से उसके मायके में चीख-पुकार मची हुई थी, उसके कुछ ही देर बाद जब पता चला कि मणि कर्णिका की मौत के बाद उसके पति योगेश ने भी आत्महत्या कर ली, इतना सुनते ही वहां हर तरफ मातम बरपा हो गया। जो बातें सामने आ रहीं थी,उन्हे सुन कर जल्दी यकीन नहीं कर पा रहा था, लेकिन जब दोनों के शव आंखो के सामने आए तो वहीं आंखे पत्थर सी हो गई।


69000 भर्ती में हासिल की थी नौकरी
दाऊदपुर के पुत्तूलाल का इकलौता लाडला योगेश कुमार बचपन से ही पढ़ने-लिखने में अव्वल रहता था। बेटे की पढ़ाई में दिलचस्पी को देख कर घर वाले उससे कोई भी घरेलू काम नहीं कराते थे। योगेश ने ठान रखा था कि वह पढ़-लिख कर शिक्षक बनेगा और वही उसने साबित भी किया। उसने 69000 भर्ती में आवेदन किया और उसे सहायक अध्यापक के तौर पर उसे उसकी मेहनत का नतीजा भी मिला।

No comments:

Post a Comment

बरवर नगर के मोहल्ला बलराम नगर में सड़क पर जानवर बांधने का बना एक रिवाज

*बरवर नगर के मोहल्ला बलराम नगर में सड़क पर जानवर बांधने का बना एक रिवाज* अमित कुमार रिपोर्टर मिनर्वा न्यूज  *बरवर खीरी। नगर के ...