आइए जानते हैं पीलीभीत में स्थित गौरी शंकर मंदिर का पूरा इतिहास।
प्रीति तिवारी प्रेदश कोडिनेटर U.P./जिला ब्यूरो पीलीभीत/एंकर MINERVA NEWS LIVE NETWORK
यह मंदिर 450 वर्ष पुराना है | यह देवहा और खकरा नदी के तट पर मोहल्ला खखरा में स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि पुजारी पंडित हर प्रसाद के प्रमुख पुत्र दूसरे संतों के साथ इस स्थान पर आए थे। उस समय यहाँ एक जंगल था। उन्होंने रात में भगवान शंकर का सपना देखा था, सुबह उन्होंने शंकर भगवान् की मूर्ती देखी। धीरे-धीरे एक मंदिर बनाया गया था। हर साल शिवरात्रि, रक्षा बंधन व श्रवण माह के प्रथम सोमवार पर एक मेले का आयोजन किया जाता है। एक मंदिर के बाहरी हिस्से में एक धरमशाला स्थित है, जो द्वारिका दास बंजारा द्वारा दान किया गया था। मंदिर के पूर्वी और दक्षिणी हिस्से में दो बड़े प्रवेश द्वार हैं, जिन्हें हाफिज रहमत खान द्वारा 18वी शताब्दी में बनवाया गया था।
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