Tuesday 23 November 2021

यूपी चुनाव में भाजपा के 100 विधायकों का टिकट काटने की तैयारी, पर क्यों?प्रीति तिवारी प्रदेश कोडिनेटर U.P./जिला ब्यूरो पीलीभीत/एंकर MINERVA NEWS LIVE NETWORK

यूपी चुनाव में भाजपा के 100 विधायकों का टिकट काटने की तैयारी, पर क्यों?

प्रीति तिवारी प्रदेश कोडिनेटर U.P./जिला ब्यूरो पीलीभीत/एंकर MINERVA NEWS LIVE NETWORK

लखनऊ
यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के प्लान को धार देने के लिए अब खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ऐक्टिव हो गए हैं। वह 29 अक्टूबर को लखनऊ आ रहे हैं और मिशन यूपी को अंजाम देने के लिए यूपी बीजेपी के दिग्गजों के साथ संगठन के दूसरे नेताओं के साथ मीटिंग करेंगे। अमित शाह के इस दौरे से यूपी बीजेपी में खलबली सी मच गई है। वजह भी बड़ी है। कहा जा रहा है कि इस बार आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी अपने एक-तिहाई मौजूदा विधायकों के टिकट काट सकती है और इस बारे में पार्टी ने लगभग मन बना लिया है।
किन नेताओं पर गिरेगी गाज?



ऐसे में यह चर्चा शुरू हो गई है कि टिकट गंवाने वालों की लिस्ट में कौन-कौन से नेता शामिल हो सकते हैं। इन नेताओं की तादाद 100 तक जा सकती है। वैसे बीजेपी सूत्रों का कहना है कि इनमें वे बीजेपी विधायक शामिल हैं जो 2017 विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को मजबूत करने के लिए दूसरे दलों से बीजेपी में आए थे, लेकिन आलाकमान की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरे। इनमें कुछ ऐसा नेता भी शामिल हो सकते हैं, जिनका कामकाज संतोषजनक नहीं रहा और वे सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मोदी की छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं।


​इस फैसले से बीजेपी को कितना नुकसान?



वैसे बीजेपी के अंदर इसकी चर्चा भी हो रही है कि कहीं इतनी तादाद में विधायकों के टिकट काटने से चुनाव में पार्टी को नुकसान ना हो। इसका उल्टा असर भी हो सकता है। हालांकि जो लोग मोदी-शाह की चुनावी शैली को जानते हैं, उनका कहना है कि ऐसे खतरे लेने से दोनों दिग्गज बिल्कुल नहीं हिचकते हैं।


​बीजेपी की कुछ ऐसी रणनीति



2017 के चुनाव में बीजेपी की झोली में 312 सीटें आई थीं और 39.67 फीसदी वोट मिले थे। एक बार फिर से बीजेपी उससे बढ़कर जबर्दस्त प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने 1.5 करोड़ नए मेंबर्स जोड़ने का लक्ष्य रखा है। अभी बीजेपी के पास 2.3 करोड़ मेंबर्स हैं और इसकी संख्या बढ़ाने पर पार्टी का पूरा फोकस है।


​संभावित नुकसान के लिए यह प्लान



2014 लोकसभा चुनाव में शाह को खुद पीएम मोदी ने 'मैन ऑफ द सीरीज' घोषित किया था और शाह ने इसे साबित भी किया था। सवर्ण और गैर यादव-ओबीसी वोटों को एकजुट कर बीजेपी ने करिश्माई प्रदर्शन किया था और यूपी में बीजेपी को नई जिंदगी मिली थी। एक बार फिर से शाह कुछ ऐसी ही रणनीति बनाने में जुटे हैं। बीजेपी मेंबर्स की संख्या बढ़ाना बीजेपी की प्रमुख रणनीतियों में एक है।


​इन नेताओं का टिकट क्यों काट रही बीजेपी?



पार्टी सूत्रों का कहना है कि सीनियर नेता मौजूदा विधायकों के कामकाज का भी आकलन कर रहे हैं। इसमें विधानसभा क्षेत्र में विधायक की छवि, कामकाज और आम लोगों की राय भी ली जा रही है। इसी आधार पर इन नेताओं के टिकट बरकरार या काटने पर फैसले लिए जाएंगे। यूपी बीजेपी का कहना है कि अभी जो इसको लेकर भी अड़चन या संशय है, शाह के आने से वह दूर हो जाएगी।

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