Wednesday 16 December 2020

एंटी रेबीज का टीका अस्पताल में उपलब्ध नहीं जिम्मेदार कौन ?

एंटी रेबीज का टीका अस्पताल में उपलब्ध नहीं जिम्मेदार कौन ?
▪️प्रतिदिन 4 से 5 मरीज पहुंचते हैं अस्पताल में। 
▪️वैक्सीन के अभाव में निजी अस्पतालों में जाने की सलाह दी जा रही।
 बांकेगंज।   सावधान ! यदि आपको कुत्ता या बंदर काट ले तो एन्टी रेबीज इन्जेक्शन लगवाने के लिए सरकारी अस्पतालों का चक्कर छोड़ दें और सीधे निजी अस्पतालों का रुख करें क्योंकि सरकारी अस्पतालों में एंटी रेबीज वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। 
      सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बांकेगंज में कुत्ते या बन्दर के काटने पर  मरीजों को निराश होकर लौटना पड रहा है क्योंकि यहाँ पर एंटी रेबीज वैक्सीन  कई सप्ताह से उपलब्ध नहीं है । अस्पताल प्रशासन की मानें तो जब जिले पर ही वैक्सीन उपलब्ध नहीं हैं तो हमें कहाँ से प्राप्त होगी । इंडेण्ट जब भी जिले पर भेजा जाता है उसमें वैक्सीन के लिए लिखा जाता है किन्तु जिले से कम ही संख्या में वैक्सीन प्राप्त हो पा रही हैं,  जबकि इस समय कुत्ते व बन्दर से घायल व्यक्तियों की संख्या में निरन्तर बढ़ोत्तरी हो रही है। 

       आपको बताते चलें कि अस्पताल परिसर में हर दिन 4 से 5 मरीज कुत्ते से घायल हुए आते हैं । यदि एक माह की गणना की जाय तो औसतन 70 से 80 मरीज हो जाते हैं जबकि जिले से प्रयाप्त मात्रा में ही वैक्सीन उपलब्ध हो पाती है। घायल व्यक्तियों को जब सरकारी अस्पताल से निराश होकर लौटना पड़ता हैं तब वह निजी अस्पतालों को जाते हैं ,जहाँ पर रैबिज के इन्जेक्शन का मूल्य लगभग 400 रूपये के आसपास है।  वही कुछ ऐसे भी व्यक्ति हैं जो झाड़-फूक के चक्कर में पड़ जाते हैं जबकि चिकित्सकों का कहना है कि एंटी  रेबीज वैक्सीन या आलर्क निरोधी वैक्सीन  जब किसी व्यक्ति को पागल कुत्ता, गीदड़, भेड़िए, बन्दर आदि काट ले तो  मरीज को 72 घंटे के अंदर आलर्क निरोधी वैक्सीन लगवाना आवश्यक है ।  वैक्सीन न लगवाने की स्थिति में रेबीज़ रोग होने का खतरा होता है । शुरुवात में तो संक्रमण का पता नहीं चलता लेकिन कुछ माह पश्चात इसका असर दिखने लगता है जोकि जानलेवा होता है साथ ही सम्पर्क में आने वाले व्यक्तियों को भी नुकसान पहुंचता है । फिलहाल अस्पताल परिसर में आने वाले व्यक्तियों को जिले पर टीका न होने की बात कहकर संतुष्ट किया जा रहा है। जब जिले पर ही वैक्सीन उपलब्ध नहीं होगी तो अस्पतालों तक कैसे पहुंचेगी, इसके लिए जिम्मेदार कौन ?
      
"वैक्सीन यदि जिले पर उपलब्ध होगी तो हमारे यहाँ भी उपलब्ध रहेगी । जब वैक्सीन  जिले पर ही नहीं होगी तो टीका लगना भी सम्भव नहीं होगा ।"

                                 के •के• रंजन 
                 अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र,
                  बांकेगंज।

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