Friday 7 June 2024

कंगना रनौत को थप्पड़ मारने वाली इस CISF की जवान को जेल होनी चाहिए।

कंगना रनौत को थप्पड़ मारने वाली इस CISF की जवान को जेल होनी चाहिए।
माना कि कंगना रनौत ने किसान विरोधी टिप्पणियाँ की थीं और उन्होंने भाजपा के समर्थन में कई विवादास्पद बातें कही हैं। उनकी बयानबाजी और टिप्पणियाँ कई बार अश्लील और उत्तेजक हो सकती हैं, और यह भी सच है कि उनकी टिप्पणियों से कई लोगों की भावनाएँ आहत हुई हैं। लेकिन हमारे देश का संविधान हमें अपने विचार व्यक्त करने की आजादी देता है। अगर कंगना ने कोई गलत बात कही है, तो उसके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए, न कि हिंसा का सहारा लिया जाना चाहिए।

अगर आप कंगना के विचारों से असहमत हैं, तो आप उन्हें कानूनी तरीके से चुनौती दे सकते हैं। आप उन्हें समन भेज सकते हैं, नोटिस दे सकते हैं, या उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा सकते हैं। कानून और न्याय की व्यवस्था का पालन करना ही सभ्य समाज की पहचान है। यह कतई सही नहीं है कि आप अपनी नाराजगी या असहमति को व्यक्त करने के लिए हिंसा का सहारा लें।

संविधान का अनुच्छेद 21 हर व्यक्ति को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार देता है। इसका अर्थ है कि किसी भी व्यक्ति को उसके जीवन और स्वतंत्रता से बिना उचित प्रक्रिया के वंचित नहीं किया जा सकता। यह अनुच्छेद हमारी सुरक्षा की गारंटी देता है और सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति कानूनी प्रक्रिया के बिना अपने अधिकारों से वंचित न हो। अनुच्छेद 21 के अंतर्गत, किसी भी नागरिक के साथ अमानवीय या अपमानजनक व्यवहार नहीं किया जा सकता।

क्या हमें यह आजादी नहीं दी गई है कि हम अपने विचार व्यक्त कर सकें? अनुच्छेद 21 केवल हमारे जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा नहीं करता, बल्कि यह हमें अपनी बात कहने की आजादी भी देता है, भले ही वह बात किसी के खिलाफ ही क्यों न हो। इसके अलावा, अनुच्छेद 21 यह भी सुनिश्चित करता है कि हर व्यक्ति को सम्मान और गरिमा के साथ जीने का अधिकार हो।

कंगना के विचारों से असहमति होने पर भी, हमें उनके प्रति हिंसात्मक व्यवहार नहीं करना चाहिए। हमें कानूनी प्रक्रिया का सम्मान करना चाहिए और अपने संविधान का पालन करना चाहिए। अगर हम हिंसा को ही समाधान मान लेंगे, तो यह हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था और सभ्यता पर एक बड़ा धब्बा होगा। इसलिए, ऐसी घटनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और दोषी को जेल होनी चाहिए ताकि यह संदेश जाए कि कानून से ऊपर कोई नहीं है और हर व्यक्ति की स्वतंत्रता और सम्मान की रक्षा की जाएगी। 

इस तरह से ही हम एक सशक्त और सभ्य समाज का निर्माण कर सकते हैं, जहाँ हर व्यक्ति के अधिकारों और स्वतंत्रता का सम्मान हो और न्याय की प्रक्रिया का पालन हो।

~ Furkan S Khan

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