Wednesday 5 October 2022

अशोक धम्म विजयादशमी पर बुद्ध अंबेडकर मेले का आयोजन

अशोक धम्म विजयादशमी पर बुद्ध अंबेडकर मेले का आयोजन
*एस.के खान*
कस्बे के शाहबाद तिराहे पर त्रिरत्न बुद्ध विहार संतरहा मैं अशोक धम विजयादशमी के पावन पर्व पर बुध अंबेडकर मेले का आयोजन किया गया। बुद्ध अंबेडकर मेले में मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष  प्रेमवती व  विशिष्ट अतिथि के रूप में महामंत्री अनुसूचित मोर्चा अवध क्षेत्र लखनऊ पीके वर्मा व  चेयरमैन जमाल साजिद जान मौजूद रहे। मेले में 10,000 से अधिक लोगों की भीड़ उमड़ी ।जगह-जगह कैंप लगाकर सुरक्षा व्यवस्था मुस्तैद की। बौद्ध धर्म प्रचार एवं समाज सुधार नाटक कला मंडल दिस्तापुर खीरी की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। दीनदयाल वर्मा ,ऋषि प्रताप सिंह ,राहुल वर्मा, आकाश वर्मा, मोहित वर्मा, सत्य प्रकाश गौतम, मूलचंद ,नितिन कुमार ,अभिजीत वर्मा, सत्यवीर, आदि लोगों ने अतिथियों का स्वागत माल्यार्पण कर किया।
मुख्य अतिथि प्रेमावती ने बौद्ध धर्म के अनुयायियों को संबोधित करते हुए कहा कि दशहरा के दिन असल में “अशोक विजयदशमी” और धम्म चक्र परिवर्तन दिवस है।विजय दशमी बौद्धों का पवित्र त्यौहार है।
“अशोक विजयदशमी” सम्राट अशोक के कलिंग युद्ध में विजयी होने के दसवें दिन तक मनाये जाने के कारण इसे अशोक विजयदशमी कहते हैं। इसी दिन सम्राट अशोक ने बौद्ध धम्म की दीक्षा ली थी। ऐतिहासिक सत्यता है कि महाराजा अशोक ने कलिंग युद्ध के बाद हिंसा का मार्ग त्याग कर बौद्ध धम्म अपनाने की घोषणा कर दी थी। बौद्ध बन जाने पर वह बौद्ध स्थलों की यात्राओं पर गए। विशिष्ट अतिथि पीके वर्मा ने कहा कि तथागत गौतम बुद्ध के जीवन को चरितार्थ करने तथा अपने जीवन को कृतार्थ करने के निमित्त हजारों स्तूपों ,शिलालेखों व धम्म स्तम्भों का निर्माण कराया। चेयरमैन जमाल साजिद चांद ने कहा सम्राट अशोक के इस धार्मिक परिवर्तन से खुश होकर देश की जनता ने उन सभी स्मारकों को सजाया संवारा तथा उस पर दीपोत्सव किया। यह आयोजन हर्षोलास के साथ १० दिनों तक चलता रहा, दसवें दिन महाराजा ने राजपरिवार के साथ पूज्य भंते मोग्गिलिपुत्त तिष्य से धम्म दीक्षा ग्रहण की। धम्म दीक्षा के उपरांत महाराजा ने प्रतिज्ञा की, कि आज के बाद मैं शास्त्रों से नहीं बल्कि शांति और अहिंसा से प्राणी मात्र के दिलों पर विजय प्राप्त करूँगा। इसीलिए सम्पूर्ण बौद्ध जगत इसे अशोक विजय दशमी के रूप में मनाता है।
मेला कमेटी के अध्यक्ष दीनदयाल वर्मा ने कहा कि अशोक विजयदशमी के अवसर पर ही 14 अक्टूबर 1956. के दिन डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर ने नागपुर की दीक्षाभूमि पर अपने 500,000(5 लाख) समर्थको के साथ तथागत भगवान गौतम बुद्ध की शरण में आये और बौद्ध धर्म ग्रहण किया ,इस कारण इस दिन को” धम्म चक्र परिवर्तन” दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। एडिशनल एसपी दुर्गेश कुमार सिंह क्षेत्राधिकारी शिल्पी कुमारी बेनी माधव के साथ  तीन सैकड़ा पुलिसकर्मियों ने सुरक्षा व्यवस्था संभाली। दूसरी तरफ कस्बे के मोहल्ला अंबेडकरनगर में धम्म मैत्री सम्मेलन अंबेडकर पार्क में आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में पूर्व विधायक राकेश राठौर, डॉ अरुण मौर्या, चेयरमैन जमाल साजिद चांद मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डालचंद गौतम ने किया। इस मौके पर रामपाल वर्मा ,वीरेंद्र गौतम, आलम प्रसाद ,नृपेंद्र चक्रवर्ती ,डॉक्टर राम प्रसाद ,रक्षपाल ,अशोक गौतम ,उमाकांत अर्कवंशी ,संजय भारती, वेद प्रकाश, रघुवंशी, डॉक्टर सोमनाथ आदि लोग मौजूद रहे।

नवनीत कुमार राम जी

फोटो परिचय   ---बुद्ध अंबेडकर मेले में माल्यार्पण कर अतिथियों का स्वागत करते हैं रिसीव प्रताप सिंह 

कस्बे के मोहल्ला अंबेडकर नगर में धर्म मैत्री सम्मेलन का आयोजन

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