Friday 10 June 2022

मोबाइल यूज करते समय आप तो नहीं करते यह गलती कम हो सकती है उम्र।


पूजा मण्डल प्रदेश सह संपादक UP
यदि आप लगातार फोन पर सर्फिंग या अलग-अलग कामों के लिए उसका इस्तेमाल करते रहते हैं, तो आपको थोड़ा अलर्ट होने की जरूरत है. आपको अपनी इस आदत को कंट्रोल करना चाहिए.
दरअसल, रिसर्चर्स का कहना है कि फोन पर अधिक समय बिताने से आपकी उम्र कम हो सकती है. अमेरिका के कैलिफोर्निया में बक इंस्टिट्यूट फॉर रिसर्च ऑन एजिंग के एक्सपर्ट ने इस संबंध में एक रिसर्च किया था.

सर्कैडियन लय बाधित होने से आती है दिक्कत

इस रिसर्च का हवाला देते हुए छपी मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है और शरीर की अन्य प्रक्रियाओं पर भी प्रभाव डाल सकती है. शोधकर्ताओं ने कहा कि आंखों पर प्रकाश के संपर्क में आने से सर्कैडियन लय बाधित हो सकती है और पुरानी बीमारी हो सकती है.

दूसरे अंगों को भी पहुंच सकता है नुकसान

चूंकि आंखें लगातार दुनिया के संपर्क में रहती हैं, इसलिए अन्य अंगों की तुलना में उनकी प्रतिरक्षा सुरक्षा मजबूत होती है. जब ये बचाव हर दिन फोन के माध्यम से भारी प्रकाश के संपर्क में आने के कारण अति सक्रिय हो जाते हैं, तो यह शरीर की आंतरिक प्रक्रियाओं को बाधित कर सकता है. यही नहीं, यह अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है.

मस्तिष्क के बाकी हिस्सों को भी करता है प्रभावित

बक इंस्टिट्यूट के प्रोफेसर और पोषण विशेषज्ञ डॉ. पंकज कपाही ने एक विज्ञप्ति में कहा, "कंप्यूटर और फोन स्क्रीन को लंबे समय तक देखना और रात में प्रकाश प्रदूषण के संपर्क में रहना सर्कैडियन घड़ियों के लिए बहुत परेशान करने वाली स्थिति है. यह आंख की सुरक्षा को खराब करता है और इसके परिणाम केवल दृष्टि से परे हो सकते हैं, शरीर और मस्तिष्क के बाकी हिस्सों को नुकसान पहुंचा सकते हैं."

सर्कैडियन की वजह से आती है गड़बड़ी

वह बताते हैं कि, शरीर की प्रत्येक कोशिका आमतौर पर किसी न किसी तरह से सर्कैडियन घड़ी पर काम करती है. यह घड़ी 24 घंटे के चक्र पर चलती है. संस्थान के एक अन्य शोधकर्ता डॉ ब्रायन हॉज ने कहा कि प्रकाश के संपर्क में आने से यह बाधित हो सकता है.

इस तरह हुई इस बात की पुष्टि

फलों की मक्खियों पर शोध करने के बाद विशेषज्ञों ने इस बात का खुलासा किया. उन्होंने शोध के दौरान मक्खियों के एक समूह को दो हिस्सों में बांट दिया था. एक को अप्रतिबंधित आहार दिया गया, जबकि दूसरे को प्रोटीन का केवल 10% प्रदान किया गया. रिसर्चर्स ने पाया कि आहार-प्रतिबंधित मक्खियों में, आंखों में फोटोरिसेप्टर से संबंधित जीन सबसे अधिक सक्रिय थे. आगे के रिसर्च में यह भी पाया गया कि जिन मक्खियों को अंधेरे में रखा गया था, वे अपने साथियों की तुलना में अधिक समय तक जीवित रहीं. इससे पता चला कि सर्कैडियन चक्र पर प्रभाव के नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं और जीवनकाल कम हो सकता है.

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