Friday 24 June 2022

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार संचारी रोगों की रोकथाम के लिए पूरे प्रदेश में 1 जुलाई से बड़ा अभियान शुरू करने जा रही है।

ज्योति गुप्ता सदस्य MINERVA NEWS LIVE
इंसेफेलाइटिस, डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया और कालाजार जैसी संक्रामक बीमारियों के खिलाफ प्रदेश के सभी 75 जिलों में हल्ला बोल सरीखा अभियान चलेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को सारे विभागों के अधिकारियों को इस बाबत एक आदेश जारी किया है कि सभी विभाग आपस में समन्वय बनाकर इस अभियान को सफल बनाएं ताकि प्रदेश के ऊपर बीमारू राज्य का टैग जो विपक्षी दल लगाते हैं वो ना लगे. साथ ही लोगों को भी इन बीमारियों से निजात मिले.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐसे जिले गोरखपुर से आते हैं जहां जापानी इंसेफेलाइटिस से सैकड़ों बच्चों की मौत हो जाया करती थी. मगर पिछले कुछ सालों से मौतों की संख्या में काफी गिरावट देखने को मिली है. संचारी रोगों की रोकथाम के लिए चलने वाला ये अभियान पहले पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों तक ही सीमित था मगर मुख्यमंत्री के आदेश पर अब पूरे प्रदेश में स्वास्थय विभाग अन्य विभागों के सहयोग से इसको चलाएगा. बस्ती गोरखपुर मंडल सहित 38 जिलों में जापानी इंसेफेलाइटिस का ज्यादा प्रभाव रहा है, इनमें से 18 जिलें हाई रिस्क वाले हैं.

बरसात के मौसम में फैलती हैं बीमारियां

आपको बता दें बरसात के मौसम की शुरुआत के साथ ही इस तरह की बीमारियां बहुत तेजी से फैलती हैं. गंदगी, जागरूकता का अभाव, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और प्रशासन का सुस्त रवैया इन बीमारियों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.

इंसेफेलाइटिस के लिहाज से कुशीनगर से सहारनपुर तक, डेंगू के लिहाज से मथुरा,फिरोजाबाद,आगरा, कानपुर,लखनऊ. मलेरिया के लिहाज से बरेली और आसपास के जिले. कालाजार के लिहाज से वाराणसी और निकटवर्ती जिले और चिकनगुनिया के मामले में बुंदेलखंड का पूरा क्षेत्र काफी संवेदनशील है. योगी आदित्यनाथ ने अपने अफसरों को ताकीद किया है कि अनदेखी और लापरवाही से ही इस तरह के मामले बढ़ते हैं, इसीलिए इस बार पूरे प्रदेश में 1 जुलाई से हर जिला, तहसील, ब्लॉक मुख्यालय, नगर निगम में इस अभियान की शुरुआत की जाए, साथ ही हर चिकित्सालय आदि पर सूचना विभाग और स्वास्थ्य विभाग बड़े बड़े होर्डिंग लगाए जिससे लोगों को इन बीमारियों की रोकथाम और क्या सावधानी बरतनी है इसकी पर्याप्त जानकारी मिल पाए.

इंसेफेलाइटिस से हर साल मरते हैं 2000 बच्चे

आपको बता दें कि इंसेफेलाइटिस से पूरे प्रदेश में हर साल करीब 2000 बच्चों की मौत होती थी. चार दशकों से यही स्थिति बनी हुई थी, लेकिन पिछले पांच सालों से योगी सरकार वेक्टर सर्विलांस पर काम कर रही है. जिसके बाद इसके मामलों में तेजी से कमी आई है. प्रदेश में इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर, मिनी पीकू सेंटर बनाए गए हैं. हर घर शौचालय और स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार सफाई पर खास जोर दे रही है. अभी केंद्र सरकार की हर घर नल योजना के तहत जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने पर भी काम चल रहा है. इस सारी योजनाओं के पीछे उद्देश्य बस इतना सा है कि संक्रामक रोगों से जनता को छुटकारा मिले.

‘ज्यादातर संक्रामक बीमारियों के पीछे वजह दूषित जल’

वरिष्ठ फिजिशियन डाक्टर संतराम का कहना है कि ज्यादातर संक्रामक बीमारियों के पीछे वजह दूषित जल होता है. पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हैवी वाटर है, रात में हैंडपंप का पानी बर्तन में रखिए तो सुबह तक पानी के नीचे गंदगी की एक पूरी लेयर दिखाई पड़ेगी. हर जगह आरओ और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगा पाना तो मुमकिन नहीं है, ऐसे में लोगों को पानी को उबाल कर फिर छान कर पीना चाहिए. ऐसी जगहों पर जागरूकता कार्यक्रम के जरिए ही लोगों से अपील की जा सकती है.

संचारी रोगों की रोकथाम का किया जाएगा प्रचार प्रसार

मुख्यमंत्री के आदेश पर स्कूल चलो अभियान, दस्तक अभियान के जरिए भी संचारी रोगों की रोकथाम का प्रचार प्रसार किया जाएगा. साथ ही नालों की सफाई, फॉगिंग, वेक्टर सर्विलांस के लिए नगर विकास के अधिकारियों को तुरंत काम पर लगने को बोला है. स्वास्थ्य विभाग के अफसर आंगनबाड़ी के साथ साथ ग्राम प्रधानों को भी संचारी रोगों की रोकथाम कैसे की जाए इसका प्रशिक्षण देंगे ताकि वो अपने इलाकों में लोगों को जागरूक कर सकें. मुख्यमंत्री के आदेश पर 1 जुलाई को सभी जिलों के प्रभारी मंत्री अपने जिलों में मौजूद रहेंगे और इस अभियान की शुरुआत करेंगे साथ ही आम जनमानस को जागरूक करने का काम करेंगे.

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