Saturday 28 May 2022

सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान के तहत एसएस महाविद्यालय में कराई गई निबंध प्रतियोगिता।

पूजा प्रदेश सह संपादक उत्तर प्रदेश

25 मई 2022 दिन बुधवार को एसएस महाविद्यालय के डीएलएड विभाग में सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान के उपलक्ष में एक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनुराग अग्रवाल ने कहा की सड़क सुरक्षा पिछले कुछ सालों से एक बड़ा मुद्दा रहा है। हर साल वाहनों और यातायात नियमों का पालन नहीं करने के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या काफी चिंताजनक है। इस प्रकार लोगों को उनकी सुरक्षा के लिए बनाए गए सड़क सुरक्षा कानूनों का पालन करना चाहिए। अभिभावकों को अपने बच्चों को कम उम्र से ही सड़क सुरक्षा के बारे में दिखाना चाहिए ताकि उनके दिमाग में यह विचार पैदा हो जाए कि वे इसे ना भूलें। बच्चे आदतों का पालन करते हैं और अपने आसपास के व्यवसायों को देखकर सीखते हैं। यदि वयस्क नियमों को तोड़कर उनका अनादर करते हैं तो बच्चे भी इन मूलभूत नियमों का सम्मान करना कभी नहीं सीखेंगे। बच्चों में युवा प्रभावशाली दिमाग होता है। इसलिए वयस्कों को नियमों का पालन करने और बच्चों को इसे सिखाने की पूरी कोशिश करनी चाहिए। यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है।
डीएलएड प्रभारी डॉ मनोज मिश्र ने कहा हम रोजाना अखबारों में वाहनों और सड़कों से जुड़े खतरनाक और भीषण हादसे के बारे में पढ़ते हैं। यातायात नियमों का पालन न करने के कारण मरने वालों की संख्या बहुत बड़ी है। इसलिए किसी भी तरह की दुर्घटना ना हो इसके लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। पैदल चलने वालों को नुकसान से बचाने के लिए यातायात कानून हैं। लेकिन पैदल चलने वालों को भी उन कानूनों का पालन करना चाहिए न केवल उनका पालन करते हुए यदि वे उन्हें कानूनों के विरुद्ध जाते हुए देखते हैं तो दूसरों को इसके बारे में सचेत करना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डीएलएड प्रवक्ता गौरव शर्मा ने की प्रतियोगिता में प्रथम स्थान संज्ञा मिश्रा द्वितीय स्थान दीप्ति सिंह व तृतीय स्थान संयुक्त रूप से अनामिका चौधरी और अनुराग कुमार ने प्राप्त किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्रीमती अमिता रस्तोगी श्रीमती शिवानी भारद्वाज श्रीमती नीरज गुप्ता श्रीमती रचना रस्तोगी श्रीमती प्रतिभा द्विवेदी श्री शैलेंद्र द्विवेदी श्री सर्वोत्तम शर्मा धर्मेंद्र आदि उपस्थित रहे।  कार्यक्रम के अंत में श्री गौरव शर्मा ने सभी का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में मंच संचालन का कार्य श्री अभिषेक बाजपेई जी ने किया।

Friday 27 May 2022

ग्राम गुरुदेव खेड़ा में बना भ्रष्टाचार का अड्डा

गुफरान खान ब्यूरो चीफ लखीमपुर खीरी*

*विकास खंड पसगवां की ग्राम पंचायत गुरदेव खेड़ा की जनता विकास कार्यों से कोसों दूर जनता के विकास कार्य के लिए आई हुई धनराशि को खुद के विकास में लगा रहे ग्राम प्रधान व पचायत सचिव महोदय*

वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 जम कर की गई धांधली नल मरम्मत के नाम से निकाली गई लाखों की धनराशि

05/05/2021 से 11/3/2022 तक ग्राम प्रधान व सचिव के द्वारा नल मरम्मत के नाम पर लाखों रूपये राशि खर्च हुई

59400 रूपये S बना कर पेमेंट किया गया 05/5/2021 इसी दिनांक में 64200 रुपए नल रिवोर  के नाम पर 45000 रुपए 08/5/2021 नल मरम्मत 20000 रुपए मरम्मत के नाम पर 11/3/2022 36000 रुपए इसी  दिनांक मरम्मत कार्य के नाम पर 19950 14/7/2021 नल मरम्मत 32000 और 28 100 व 28 090 रुपए 16/2/2022 इसी दिनांक में तीन बार धन राशि निकाली गई नल मरम्मत के नाम पर

लूट का सिलसिला यहीं पर नहीं रुका फिर से 16/12/2021 को 19200 रुपए नल मरम्मत के नाम से और 34800 22/5/2021 सिर्फ A  बनाकर 19950 रुपए27/7/2021 15160 M बनाकर इसे दिनांक में दो बार पेमेंट किया गया 280 90 और 28760 व 36000 व 19950 दिनांक 09/3/2022 नल रिवोर व मरम्मत के नाम पर 35400 रुपए और 54 100 H व P बनाकर दिनांक 24/7/2021 दो बार की पेमेंट किया गया 35400 27/7/2021 HP 8000 रुपए नल मरम्मत के नाम पर

43690 रुपए व 51950 और 4284 सीमेंट पाइप खरीद की गई जबकि जनता को इन कार्यों की भनक तक नहीं है और जब जनता से बात की गई गांव वालों ने बताया हमें जानकारी तक नहीं है

खंड विकास अधिकारी सख्त होने के बावजूद भ्रष्टाचार चरम पर है देखना या है खंड विकास अधिकारी व  जिले के आला अधिकारी ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव कार्रवाई करने में सक्षम रहेंगे या मौन धारण अपनी कुर्सी से चिपके बैठे रहेंगे

Thursday 26 May 2022

मोबाइल में गेम ना खेलने देना बना मौत का कारण बड़े भाई ने की छोटे भाई की हत्या


प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर
अहमदाबाद: लगभग हम सभी लोगों ने बचपन में ही यह पढ़ा था कि विज्ञान जीवन के लिए जितना वरदानकारी है उतना ही वह अभिशाप है. आज विज्ञान ने मनुष्य और बच्चों की सोचने की क्षमता को नष्ट कर दिया है.
विज्ञान किस तरह से हमारे जीवन को खतरे में डाल रहा है उसकी एक खबर गुजरात से सामने आई और जिसने भी इसे सुना वह दंग रह गया. गुजरात (Gujarat News) के खेड़ा जिले में ऑनलाइन गेम (Online Game) खेलने के लिए मोबाइल फोन शेयर न करने की वजह से से दो भाइयों में लड़ाई हो गई और विवाद इतना बढ़ गया कि बड़े भाई ने छोटे भाई को मौत के घाट उतार दिया.

मोबाइल फोन शेयर करने को लेकर हुए झगड़े के बाद 16 वर्षीय किशोर ने अपने छोटे भाई पर पत्थर से हमला कर उसकी हत्या कर दी और शव को कुएं में फेंक दिया. पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

नाबालिग आरोपी हिरासत में

खेड़ा पुलिस के उप-निरीक्षक एसपी प्रजापति ने बताया कि घटना सोमवार को गोबलेज गांव में हुई थी. नाबालिग आरोपी को बुधवार को हिरासत में लिया गया. पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा कि आरोपी की उम्र 16 वर्ष है और उसने पत्थर से अपने भाई की हत्या कर दी और शव को कुएं में फेंक दिया.

प्रजापति के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में पता लगा है कि परिवार पड़ोसी राजस्थान के बांसवाड़ा जिले का रहने वाला है और गांव के बाहरी इलाके में एक खेत में मजदूर के रूप में काम करने के लिए गोबलेज आया था.

गेम खेलते समय शुरू हो गई लड़ाई

पुलिस अधिकारी ने बताया, ''23 मई को जब दोनों भाई बारी-बारी से मोबाइल पर गेम खेल रहे थे. उसी दौरान आरोपी ने अपने 11 वर्षीय भाई के साथ झगड़ा शुरू कर दिया क्योंकि उसने अपनी बारी आने पर मोबाइल बड़े भाई को देने से मना कर दिया. किशोर ने गुस्से में अपने छोटे भाई के सिर पर एक बड़े पत्थर से हमला कर दिया.”

उन्होंने बताया कि जब वह (छोटा भाई) बेहोश हो गया तो किशोर ने तार की मदद से उसके शरीर को पत्थर से बांधा और एकांत देखकर उसे कुएं में फेंक दिया. उसके बाद, अपने माता-पिता को बताए बिना आरोपी नाबालिग एक बस में चढ़ गया और अपने गृहनगर राजस्थान चला गया.

अधिकारी ने बताया, ''जब देर शाम तक माता-पिता को दोनों बेटे घर पर नहीं मिले तो उन्होंने अपने गृहनगर में पूछताछ की और अपने बड़े बेटे के ठिकाने के बारे में पता लगाया. जब वह उसे वापस लाए और छोटे भाई के बारे में पूछा, तो आरोपी ने उन्हें बताया कि झगड़े के बाद उसने भाई की हत्या कर दी थी.”

प्रजापति ने बताया कि बुधवार को परिवार से घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कुएं से बाहर निकाला. पुलिस ने नाबालिग आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया.

Wednesday 25 May 2022

माता पिता को प्रताड़ित करने वाले बच्चे होंगे घर से बेदखल हरिद्वार हाईकोर्ट का आदेश।

माता पिता को प्रताड़ित करने वाले बच्चे होंगे घर से बेदखल हरिद्वार हाईकोर्ट का आदेश।

लक्ष्मी गुप्ता एंकर मिनेर्वा न्यूज़ लाइव


माता-पिता की सेवा करने की बजाय उन्हें प्रताड़ित करने वाले बच्चों को सचेत होने की जरूरत है। हरिद्वार एसडीएम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए ऐसे छह बुजुर्गों के बच्चों को माता-पिता की संपत्ति से बेदखल करते हुए एक महीने के अंदर घर खाली करने के आदेश दिए हैं।
कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर पुलिस प्रशासन को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण और कल्याण अधिनियम के तहत कोई भी व्यक्ति एसडीएम कोर्ट में अपने बच्चों के खिलाफ वाद दायर कर सकता है। अधिनियम की धारा के तहत एसडीएम की ओर से सुनवाई के बाद बच्चों को उनकी संपत्ति से बेदखल कर दिया जाता है। ऐसे ही छह बुजुर्गों की ओर से हरिद्वार एसडीएम कोर्ट में वाद दायर किया गया था।
बुधवार को एसडीएम पूरण सिंह राणा इन मामलों की सुनवाई कर रहे थे। ज्वालापुर, कनखल और रावली महदूद के बुजुर्गों की ओर से कोर्ट में वाद दायर किया गया था कि उनके बच्चे उनके साथ ही रहते हैं, लेकिन न तो उनकी कोई सेवा करते हैं और न ही खाना देते हैं। उल्टे उनके साथ मारपीटकर प्रताड़ित करते हैं। जिससे उनका बुढ़ापे का जीवन नरक बन गया है।
वरिष्ठ नागरिकों की ओर से अपने बच्चों से राहत दिलाने के लिए कोर्ट से गुहार लगाई गई थी जिसमें उन्हें अपनी चल और अचल संपत्ति से बेदखल कर घरों से बाहर निकालने की मांग की गई थी। बुजुर्गों की याचिका पर सुनवाई करते हुए एसडीएम पूरण सिंह राणा ने सभी छह मामलों में बच्चों को माता-पिता की संपत्ति से बेदखल करने का फैसला सुनाया है। साथ ही 30 दिन के भीतर घर खाली करने के आदेश दिए। फैसले में कहा गया कि यदि यह लोग घर खाली नहीं करते हैं तो संबंधित थाना प्रभारियों को इस मामले में कार्रवाई करने के लिए कहा है। संवाद

धोखाधड़ी के मामलों में भी जल्द निर्णय
एसडीएम कोर्ट में कुछ मामले ऐसे भी चल रहे हैं, जिसमें धोखाधड़ी से अपने माता-पिता की संपत्ति को अपने नाम कर लिया है और उनकी ओर से बुजुर्गों को परेशान किया जा रहा है। एसडीएम पूरण सिंह राणा ने बताया कि ऐसे मामलों की भी सुनवाई अंतिम दौर में चल रही है। जल्द ही ऐसे मामलों में माता-पिता से ट्रांसफर कर गई जमीन को शून्य माना जाएगा। इस संबंध में पूरी सुनवाई होने के बाद कोर्ट की ओर से अतिशीघ्र निर्णय दे दिया जाएगा।

Sunday 22 May 2022

मोहम्मदी से दिल्ली जाने वाली अवैध बसों पर कब होगी कार्यवाही।

प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश
मोहम्मदी खीरी एआरटीओ साहब आखिर कब होगी मोहम्मदी क्षेत्र से दिल्ली तक चलने वाली अवैध बसों पर कार्यवाही कल आपने बहुत अच्छा कार्य किया प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर डग्गामार मैजिकों का चालान किया  टैक्सी स्टैंड बंद करवाए लेकिन मोहम्मदी से दिल्ली तक चलने वाली अवैध बसें आखिर कब बंद होगी जिन से दिल्ली से तमाम अवैध माल मोहम्मदी तक आता है अवैध रूप से सवारियां ढोई जाती हैं अमीन नगर मोहम्मदी सराय और जाने कहां-कहां से अवैध रुप से दिल्ली के लिए सवारिया ले जाती है और वहां से अवैध माल लेकर मोहम्मदी आती हैं आखिर इन पर क्यों नहीं हो रही है कार्रवाई छोटे वाहनों पर कार्रवाई और बड़े वाहनों पर दया दृष्टि ऐसा क्यों

वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद मामले में गोवा के सीएम का बड़ा बयानगोवा सीएम सावंत बोले नष्ट हुए सभी मंत्रों का हो फिर से जीर्णोद्धार।

प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश।


वाराणसी से ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर शुरू हुए विवाद की आंच अब दूसरे राज्यों तक भी पहुंच रही है। ताजा मामला गोवा के सीएम से जुड़ा हुआ है। गोवा के सीएम प्रमोद सांवत ने रविवार को कहा कि अतीत में नष्ट किए गए सभी मंदिरों का पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने राज्य में पुर्तगालियों द्वारा आक्रमण के समय नष्ट किए गए मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए बजटीय आवंटन किया है। प्रमोद सांवत के बयान के बाद राजनीति तेज हो गई है।
सीएम सावंत ने दिया बड़ा बयान
सावंत ने यह भी कहा कि गोवा सरकार राज्य में सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही है और लोगों को गोवा के मंदिरों में आने के लिए प्रेरित कर रही है। आरएसएस की साप्ताहिक पत्रिका पांचजन्य के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर यहां आयोजित एक मीडिया सम्मेलन में भाग लेते हुए गोवा के सीएम सावंत ने ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि पुर्तगाली शासन के 450 वर्षों में हिंदू संस्कृति का विनाश हुआ और कई लोगों का धर्मांतरण हुआ। राज्य के मंदिरों को नष्ट कर दिया गया था। हम इस सब का कायाकल्प करने जा रहे हैं। मेरा मानना है कि जहां भी मंदिर नष्ट हो गए हैं, उन्हें फिर से बनाया जाना चाहिए। सावंत ने आगे कहा कि उनकी सरकार गोवा में सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त काम कर रही है।

"सांस्कृतिक पर्यटन" पर जोर दे रही सरकार
सीएम सावंत ने कहा कि उनकी सरकार "सांस्कृतिक पर्यटन" पर जोर दे रही है। हर गांव में एक दो मंदिर होते हैं। हमें लोगों को समुद्र तट से मंदिर तक ले जाना है। इस दौरान यूनिफार्म सिविल कोड (यूसीसी) पर बोलते हुए सावंत ने कहा कि गोवा में पहले से ही यूनिफार्म सिविल कोड लागू है। इसे हर राज्य में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं गर्व से कहता हूं कि गोवा आजादी के बाद से यूनिफार्म सिविल कोड का पालन कर रहा है। मेरा मानना है कि अन्य सभी राज्यों को यूसीसी का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने गोवा यूसीसी पर अन्य मुख्यमंत्रियों से भी चर्चा की है।

कांग्रेस पर साधा निशाना
संबोधन के दौरान सीएम सावंत ने गोवा की मुक्ति में देरी के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार को भी दोषी ठहराया और कहा कि भारत 1947 में स्वतंत्र हुआ जबकि राज्य ने 1961 में अपनी मुक्ति हासिल की। गोवा में खनन के बारे में पूछे जाने पर सावंत ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में खनन को फिर से शुरू करने पर काम कर रही है, जो 2012 से प्रतिबंधित है।

गौरतलब है कि 16 मई को जब हिंदू याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने कहा कि अदालत द्वारा अनिवार्य वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान एक शिवलिंग पाया गया है, तब वाराणसी की एक स्थानीय अदालत ने जिला प्रशासन को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर उस जगह को सील करने का निर्देश दिया था। हालांकि, मस्जिद प्रबंधन समिति के प्रवक्ता ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि वो वास्तव में एक फव्वारा है।

वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद की पहली सुनवाई आज शिवलिंग की पूजा के लिए वहां के पुजारी भी करेंगे केस फाइल।


प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश
 ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी विवाद सेशंस कोर्ट से ट्रासंफर होने के बाद आज पहली बार जिला अदालत में सुनवाई होगी.
जिला जज अजय कुमार विश्वेश की कोर्ट में पहली बार केस ओपन होगा और केस की रोजाना सुनवाई भी की जा सकती है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने जिला अदालत को 8 हफ्ते में सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया है.

दरअसल, हिंदू पक्ष की मांग है कि नंदी के सामने वाली दीवार को तोड़ा जाए जबकि मुस्लिम पक्ष की दलील है कि जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है वो फव्वारा है. हिंदू पक्ष की मांग है कि मस्जिद में मिले मंदिरों के प्रतीक चिह्नों की जांच आगे बढ़ाई जाए लेकिन मुस्लिम पक्ष की दलील है कि मस्जिद में किसी तरह की तोड़फोड़ या जांच नहीं होनी चाहिए.

काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत कुलपति पूजा-अर्चना के लिए दाखिल करेंगे अर्जी

ऐसे में जिला अदालत अब नए सिरे से दोनों पक्षों की सुनेगा. इस बीच काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत कुलपति तिवारी वाराणसी कोर्ट में ज्ञानवापी में पूजा-अर्चना के लिए अर्जी दाखिल करेंगे तो वहीं इंतजामिया कमेटी सर्वे रिपोर्ट लीक होने के मामले में कानूनी कार्रवाई की मांग करेगी. ज्ञानवापी विवाद पर आज वाराणसी के जिला जज की अदालत में पहली सुनवाई-काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत भी शिवलिंग की पूजा के लिए वाराणसी कोर्ट में केस फाइल करेंगे.

क्या थी सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी?

मुस्लिम पक्ष के वकील ने प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि एक्ट की धारा 3 के तहत किसी धार्मिक जगह का चरित्र नहीं बदला जा सकता. इस पर बेंच के अध्यक्ष जस्टिस चंद्रचूड़ ने उन्हें टोकते हुए कहा कि किसी जगह के धार्मिक चरित्र का पता लगाने का प्रयास धारा 3 का उल्लंघन नहीं है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर किसी पारसी पूजा स्थल में ईसाई धार्मिक प्रतीक क्रॉस रखा हो और मामला कोर्ट में आ जाए, तो जज उस जगह के धार्मिक स्टेटस की जांच कर सकते हैं.

जजों ने यह भी साफ किया कि मामला ज़िला जज को भेजने का अर्थ यह नहीं है कि वह अब तक मामले को सुन रहे सीनियर डिवीजन सिविल जज के काम पर कोई नकारात्मक टिप्पणी कर रहे हैं. मामले के जटिल कानूनी सवालों को देखते हुए ज़िला जज के पास इसे भेजा जा रहा है क्योंकि उन्हें सिविल मामलों में 25 से 30 साल का अनुभव होता है.

अध्यक्ष अब्बास नकवी,महामंत्री आकाश सैनी और कोषाध्यक्ष देवरंजन मिश्रा हुए निर्वाचितचुनाव अधिकारी ने दिए प्रमाण पत्रप्रेस क्लब की हुई बैठक

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