Friday 13 May 2022

C.M. योगी के सख्त निर्देश अब डग्गामार वाहनों के खिलाफ चलेगा अभियान सड़कों से हटाया जाएगा अतिक्रमण।

प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश

प्रदेश में डग्गामार वाहनों के खिलाफ अभियान चलेगा। खास कर ऐसी बसें जो जर्जर हालत में रहती हैं और वो बसें जो नियमों का उल्लंघन करते हुए यूपी से होकर गुजरती हैं।
यातायात को बेहतर बनाने के लिए सड़कों से अतिक्रमण को भी हटाया जाएगा, पार्किंग की व्यवस्था बेहतर की जाएगी और हर जिले में यातायात व्यवस्था को बेहतर करने के लिए इंटरसेप्टर उपलब्ध कराई जाएगी। इसके निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं। मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को सड़क सुरक्षा से संबंधित प्रस्तुतिकरण के बाद अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर वर्ष सैकड़ों लोगों की जान सड़क दुर्घटना में चली जाती है। इसमें सबसे मामले दोपहिया चालकों से संबंधित होते हैं। उसमें भी सबसे अधिक ओवर स्पीड के चक्कर में हादसे होते हैं। इसके अलावा गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करने, नशे में गाड़ी चलाने से भी बड़ी संख्या में दुर्घटनाएं होती हैं। इसे रोकने के लिए सभी विभागों को मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ अगले 6 दिन में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक ठोस कार्य योजना तैयार की जाए। इस दौरान मुख्यमंत्री खुद वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश भर के अफसरों के साथ-साथ नगर निकाय के अधिकारियों से भी सड़क सुरक्षा के संबंध में बात करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2018 के बाद से सड़क हादसे में कमी आई है। लेकिन इसमें और सुधार की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा के संबंध में लोगों को जागरुक करने के लिए दो चरणों में अभियान चलाया जाए। पहले लोगों को जागरुक किया जाए और दूसरे चरण में नियमों का पालन कड़ाई से कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरों में पार्किंग की व्यवस्था को और बेहतर किया जाए। अवैध टैक्सी स्टैंड की समस्या का स्थाई समाधान किया जाए। कोई बदलाव करते समय प्रभावित व्यक्ति के व्यवस्थापन का ध्यान रखा जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि अनफिट या बिना परमिट के स्कूली बसों का संचालन न हो। यातायात के संबंध में बच्चों को भी जागरुक किया जाए और इसके लिए स्कूलों और कालेजों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी तरह से प्रशिक्षित लोग ही सड़क पर गाड़ी चलाएं। सभी जिलों में ड्राइविंग टेस्टिंग एंड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट की स्थापना हो और ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनाए जाएं। उन्होंने वाहन चालान से जुड़े लंबित मामलों के निस्तारण के लिए लोक अदालत लगाई जाई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यातायात से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी क्षेत्रों का दौरा करें और लोगों से संवाद करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर मेडिकल कालेज में 30 बेड का इमरजेंसी ट्रामा केयर सेंटर बनाया जाए। एम्बुलेंस के रिस्पांस टाइम को और कम किया जाए। लखनऊ में यातायात प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान की स्थापना के लिए प्रक्रिया शुरू की जाए। प्रस्तुतिकरण के दौरान परिवहन, गृह, लोक निर्माण, नगर विकास, चिकित्सा शिक्षा, बेसिक माध्यमिक उच्च शिक्षा, एक्सप्रेस वे प्राधिकरण, एनएचएआई के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को सड़क सुरक्षा व सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के संबंध में किए जा रहे प्रयासों और उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी दी।

निपटाए अपने जरूरी काम 3 दिन के लिए रहेंगे बैंक बंद।

प्रगति बाजपई एंकर MINERVA NEWS LIVE

शुक्रवार के कामकाज के बाद बैंक तीन दिन बंद रहेंगे. इस पूरे महीने में 11 दिन तक बैंक की छुट्टी है. जानिए आने वाले दिनों में कब-कब बैंक बंद रहेंगे और क्यों?
Bank Holidays 2022: अगर आपका कोई बैंक से जुड़ा बेहद जरूरी काम (Bank Job) है तो उसे आज ही निपटा लें. कल से लेकर तीन दिन तक बैंक बंद रहेंगे. इस शनिवार से बैंकों का तीन दिन का एक लम्बा वीकेंड शुरू होने वाला है. मई के महीने में बैंकों को कुल 11 छुट्टियां मिल रही हैं.

आरबीआई के मुताबिक, भारत के कई हिस्सों में 16 मई को बैंक बंद रहने वाले हैं. इस दिन यानि सोमवार (Monday) को बुध पूर्णिमा के लिए छुट्टी दी गई है. उससे एक दिन पहले रविवार को वैसे ही बैंकों का ऑफ रहता है. रविवार से पहले 14 मई को दूसरा शनिवार होने के चलते बैंक बंद रहेंगे.

बैंकों में हर रविवार की तो छुट्टी रहती ही है, लेकिन हर शनिवार की छुट्टी नहीं होती है. बैंकों में महीने के पहले और तीसरे शनिवार को काम होता है, वहीं दूसरे और चौथे शनिवार को बैंक बंद रहते हैं.

यहं से जारी होता है सर्कुलर

महीने में आने वाली छुट्टियों का ब्यौरा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा हर महीने जारी किया जाता है. मई में पड़ने वाली छुट्टियों को 3 भागों में बांटा गया था. पहला- हॉलीडे अंडर नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट (Holiday under Negotiable Instruments Act), दूसरा- हॉलीडे अंडर नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट एंड रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट हॉलीडे (Holiday under Negotiable Instruments Act and Real Time Gross Settlement Holiday), और तीसरा- बैंक के अकाउंट्स क्लोजिंग (Banks' Closing of Accounts) के लिये रखा गया है.

11 छुट्टियों का पूरा ब्यौरा

इस महीने हॉलीडे अंडर नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत चार छुट्टियां दी गई हैं. कुल 11 छुट्टियों में से पांच छुट्टियों का इस्तेमाल किया जा चुका है. इनमें एक मई (रविवार), 2 मई (ईद-उल-फित्र), 3 मई (भगवान श्री परशुराम जयंती/रमजान-ईद (ईद उल फित्र)/बसवा जयंती/अक्षय तृतीया), 8 मई (रविवार), और नौ मई (रविंद्रनाथ टैगोर जयंती). अब रविवारों को मिला लें तो कुल 6 छुट्टियां और हैं.

14 से 16 मई तक 3 की लगातार छुट्टियों के बाद 22 मई को रविवार है. उसके बाद 28 और 29 की क्रमश: चौथे शनिवार और रविवार की छुट्टी है.

Thursday 12 May 2022

वाटर पार्क में हुआ भयंकर हादसा वाटर स्टाइल टूटने से 30 फीट नीचे गिरे आके लोग।

उत्कर्ष शुक्ला संस्थापक / संपादक 

खौफनाक फुटेज में एक सर्पिल संलग्न ट्यूब स्लाइड के एक हिस्से को ढहते हुए देखा जा सकता है स्लाइड के अंदर फंसे 16 लोगों में से आठ को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया प्रशासन ने पार्क प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है
इंडोनेशियाः इंडोनेशिया के केंजेरन पार्क में कैमरे में एक भयानक मंजर कैद हुआ है, जहां एक विशाल वाटर स्लाइड बीच से ही टूट गया जिसके बाद उसमें मौजूद लोग 30 फीट नीचे जमीन पर आ गिरे।
ये भयानक मंजर देख वहां आस-पास मौजूद लोग दंग रह गए। रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना 7 मई को घटित हुई है। हालांकि इसका वीडियो अब वायरल हो रहा है।
खौफनाक फुटेज में एक सर्पिल संलग्न ट्यूब स्लाइड के एक हिस्से को ढहते हुए देखा जा सकता है। स्लाइड में मौजूद तैराक कंक्रीट के फर्श पर गिरते ही चिल्लाते हुए दिखाई देते हैं। डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, स्लाइड के अंदर फंसे 16 लोगों में से आठ को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया और उनमें से तीन की हड्डियां टूट गईं। इस घटना पर सुराबाया शहर में स्थित वाटर पार्क ने कथित तौर पर कहा कि दुर्घटना इसलिए हुई क्योंकि स्लाइट समय के साथ खराब हो गई थी और कमजोर हो गई थी।
अधिकारियों ने यह भी स्वीकार किया कि घटना के समय स्लाइड में ज्यादा लोग मौजूद थे। वह "ओवरलोड" थी। वाटर पार्क प्रबंधन ने बताया कि सबसे हालिया रखरखाव जांच नौ महीने से अधिक समय पहले हुई थी। इस घटना के बाद सुराबाया शहर के उप महापौर, अर्मुजी ने भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हों इसके लिए क्षेत्र के अन्य मनोरंजन पार्कों के तत्काल निरीक्षण के आदेश दे दिए हैं।
मीडिया आउटलेट के अनुसार, डिप्टी मेयर ने मनोरंजन पार्कों के मालिकों को जिम्मेदारी लेने और अपने आगंतुकों की भलाई की रक्षा के लिए आवश्यक सुरक्षा उपायों का पालन करने को कहा है। डेली स्टार ने बताया कि मेयर एरी काह्यादी ने कहा, जब तक ठीक नहीं हो जाते, घायलों के उपचार का पूरा खर्च उठाया जाएगा।
इसके अलावा, श्री काह्यादी ने यह भी कहा कि दुर्घटना के लिए पार्क का प्रबंधन जिम्मेदार है। इसलिए जितने भी घायल हैं, जब तक ठीक नहीं हो जाते, इलाज के खर्च का वहन पार्क प्रबंधन करेगा। यहां तक ​​कि उन्होंने पार्क के प्रबंधन से और स्पष्टीकरण की मांग की और स्लाइड गिरने के कारणों की पुलिस जांच का आदेश दिया।

चंबल नदी में पानी पीने गई किशोरी को मगरमच्छ ने बनाया निवाला।


प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश।


उदी (इटावा)। चंबल में पानी पीने गई किशोरी को गुरुवार दोपहर को मगरमच्छ खींच ले गया। बचाने मूें पिता पर भी हमला कर दिया, पिता के हाथ में बेटी का आंगौछा ही आया। सूचना देनै के करीब पांच घंटे बाद अधिकारी पहुंचे और किशोरी की तलाश शुरू कराई।
देर शाम तक किशोरी का पता नहीं लगा था।
बढ़पुरा थाना क्षेत्र के गांव खेड़ा अजब सिंह निवासी जगतप बेटियों वंदाना और शालू (14) के साथ बकरी चराने चंबल नदी के पास गए थे। धुप होने से दोनों बच्चियों को प्यास लग आई। अजब सिंह उन्हें पानी पिलाने चंबल नदी पर ले गए। पानी पीकर लौटते समय बच्ची के पैर से कुछ टकराया। इस पर उसने पिता को बताया। जगपत कुछ समझ पाते तब तक मगरमच्छ ने शालू का पैर पकड़कर पानी में खींच लिया। बचाने में मगरमच्छ ने जगपत को भी घायल कर दिया। पिता के हाथ में बच्ची का अंगोछा आया। मगरमच्छ उसे पानी में खींच ले गया। सूचना पर एसडीएम सदर ने सेंक्चुअरी अधिकारियों को स्ट्रीमर बुलाकर बच्ची की तलाश कराने के निर्देश दिए। स्टीमर से बच्ची की तलाश की गई लेकिन शाम तक उसका पता नहीं चला।
ग्राम प्रधान गब्बर भदौरिया ने बताया कि गांव के बीच में तालाब है लेकिन लोग चंबल किनारे ही पशुओं को चराने ले जाते हैं। नदी में पशुओं को पानी भी पिलाने ले जाते हैं। सेंक्चुअरी के अधिकारियों ने नदी के आसपास चेतावनी बोर्ड भी नहीं लगाया है। इससे कई हादसे हो चुके हैं। ग्रामीण सुशीज सिंह भदौरिया ने बताया कि बच्ची को सुबह 10 बजे मगरमच्छ ले गया और शाम तीन बजे तलाश शुरू कराई गई। बच्ची के पिता ने रोते हुए कहा कि मगरमच्छ तो मेरी बेटी को मेरे हाथों से ले गया। एसडीएम सदर ने बताया कि बच्ची की तलाश कराई जा रही है। साथ ही यदि चंबल के पास के गांवों में तालाब नहीं है तो इसकी जांच कराई जाएगी और जल्द ही तालाब खुदवाए जाएंगे।
28 अप्रैल को बच्ची को खा गया था मगरमच्छ
भरेह थाना क्षेत्र में ख्याली पुरा गांव के विक्रम सिंह मल्लाह की 14 वर्षीय पुत्री मुस्कान 28 अप्रैल को जानवरों लेकर चंबल नदी में पानी पिलाने गई थी। मुस्कान को मगरमच्छ खा गया था। 20 दिन पहले की मगरमच्छों ने एक भैंस को मार दिया था।
लगवाए जाएंगे जागरूकता के लिए पोस्टर-बैनर
सेंक्चुअरी के डीएफओ दिवाकर श्रीवास्तव ने बताया कि घटना दुखद है। अभी तक जिन जगहों पर मगरमच्छ और घड़ियाल को लेकर जागरूकता बैनर, पोस्टर नहीं लग सके हैं। उन्हें जल्द लगवाएंगे। साथ ही चंबल के आसपास के ग्रामीणों से अपील है कि 15 जून तक मगरमच्छ अपने अंडे दैते हैं ऐसे में वह आक्रमक होते हैं। तो इस समय में नदी में जाने से बचें। आगे इन घटनाओं को रोकने के लिए जल्द स्थायी व्यवस्था कराने का भी प्रयास रहेगा।

*चार धाम यात्रा में 28 तीर्थयात्रियों व 25 घोड़ों की हो चुकी मौत।*

*चार धाम यात्रा में 28 तीर्थयात्रियों व 25 घोड़ों की हो चुकी मौत।*

*लक्ष्मी गुप्ता एंकर MINERVA NEWS LIVE*

नई दिल्ली। बुजुर्ग तीर्थयात्रियों की जान पर यात्रा भारी पड़ रही है। 60 वर्ष से ऊपर आयु के 13 यात्रियों की मौतें हुई है। यही नहीं करीब 25 घोड़े और खच्चर भी दम तोड़ चुके हैं। घोड़े, खच्चरों की मौत से संचालक दहशत में हैं।
चारधाम यात्रा में रोजाना तीर्थयात्रियों की मौतें हो रही है। अब तक मृतकों की संख्या 28 हो गई है। बुजुर्ग तीर्थयात्रियों की जान पर यात्रा भारी पड़ रही है। 60 वर्ष से ऊपर आयु के 13 यात्रियों की मौतें हुई है।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा ने कहा कि यात्रा के दौरान जो भी मौतें हुई हैं, वह पैदल रूट पर हुईं। हार्ट अटैक व अन्य बीमारियां मौत का कारण रही हैं। किसी भी यात्री की अस्पतालों में मौत नहीं हुई है। चारधाम यात्रा मार्ग के अस्पतालों व मेडिकल कैंपों में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं।
रुद्रप्रयाग, चमोली व उत्तरकाशी जिलों से आई रिपोर्ट के अनुसार 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 13 यात्रियों की मौत हुई है जबकि 50 से 60 आयु वर्ग में सात, 40 से 50 आयु वर्ग में चार और 30 से 40 आयु के तीन तीर्थयात्रियों की मौत हुई है।
महानिदेशक ने कहा कि परिजनों की इच्छा के अनुसार पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। कई मृतकों के परिजन पोस्टमार्टम नहीं करना चाहते हैं। जिनके पोस्टमार्टम में मौत के सही कारणों का पता नहीं लग पाता है, उनका बिसरा सुरक्षित रखा जा रहा है।
इंसान ही नहीं जानवर भी गंवा रहे जान
चारधाम की दुर्गम राह इंसान ही नहीं जानवरों की जान पर भी भारी पड़ रही है। चारधाम यात्रा पर अभी तक 28 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, वहीं करीब 25 घोड़े और खच्चर भी दम तोड़ चुके हैं। घोड़े, खच्चरों की मौत से संचालक दहशत में हैं। वहीं पशु चिकित्साधिकारी क्षमता से अधिक कार्य को जानवरों की मौत का कारण बता रहे हैं।
यमुनोत्री पैदल मार्ग पर तीर्थयात्रियों के साथ ही अब घोड़े खच्चरों की मौत के मामले भी सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि पिछले 10 दिनों में पैदल मार्ग पर 10 घोड़े खच्चरों की भी मौत हुई है। स्थानीय निवासियों और घोड़ा-खच्चर संचालक इन मौतों का कारण यमुनोत्री धाम के दुर्गम वैकल्पिक मार्ग को बता रहे हैं।
नरेंद्र मोदी सेना के अध्यक्ष संदीप राणा, जानकीचट्टी नारायणपुरी के पूर्व प्रधान जगत सिंह रावत, महावीर पंवार का कहना है कि भिडियाली गाड़ से यमुनोत्री धाम तक का वैकल्पिक मार्ग मानकों के अनुरूप नहीं है। मार्ग पर जिला पंचायत की ओर से पानी आदि की व्यवस्था भी नहीं की गई है, जिससे घोड़े खच्चरों की मौत हो रही है। जिला पंचायत से घोड़े खच्चर संचालकों को मुआवजा दिए जाने की मांग भी की गई है।
वहीं, जानकीचट्टी में तैनात पशु चिकित्साधिकारी अभिनाष ने घोड़े खच्चरों की मौत का कारण क्षमता से अधिक कार्य को बताया है। उनके अनुसार क्षमता से अधिक कार्य व एकदम ठंडा पानी पीने से घोड़ों को कोलिक (पेट दर्द) बीमारी हुई है, जिससे इनकी मौत हुई है। डा. अभिनाष ने बताया कि अभी तक उन्हें तीन खच्चरों के मरने की सूचना मिली है।
उधर, 6 मई से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में इस वर्ष 8000 से अधिक घोड़ा-खच्चरों का पंजीकरण है। यात्रियों का दबाव बढ़ने के साथ गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़ा-खच्चरों की मौत के मामले भी सामने आने लगे हैं। बृहस्पतिवार को गौरीकुंड में 3 और सोनप्रयाग में 1 घोड़ा-खच्चर की मौत हो गई। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. आशीष रावत ने बताया कि अभी तक 15 घोड़ा-खच्चरों की मौत हो चुकी है। उन्होंने जानवरों की मौत का कारण अत्यधिक थकान और पानी की कमी बताया। उन्होंने कहा कि संचालक घोड़ा-खच्चरों से अत्यधिक काम ले रहे हैं और खाने के लिए सूखा भूसा व चना दे रहे हैं। पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है, जिस कारण फेफड़ों की झिल्ली पर दबाव पड़ने से जानवरों की मौत हो रही है।
मार्ग पर नहीं है गर्म पानी की सुविधा
यमुनोत्री पैदल मार्ग पर घोड़ों के लिए गर्म पानी की व्यवस्था के लिए पानी की टंकियों पर हीटर लगाए गए थे, लेकिन इन हीटरों को बिजली से नहीं जोड़ा गया है। अधिकांश हीटर खराब भी हो गए हैं। यदि रास्ते में घोड़ों को गर्म पानी मिलता रहे, तो इन्हें बीमारी से बचाया जा सकता है।

बिहार के एक इलेक्ट्रीशियन को चढ़ा प्यार का बुखार महबूबा से मिलने के लिए काट देता था गांव की लाइट।

बिहार के एक इलेक्ट्रीशियन को चढ़ा प्यार का बुखार महबूबा से मिलने के लिए काट देता था गांव की लाइट।


लक्ष्मी गुप्ता एंकर MINERVA NEWS LIVE


पटना, 12 मई: प्यार के किस्से तो आपने बहुत सुने होंगे, लेकिन आज हम आपको ऐसे आशिक की कहानी बताने जा रहे, जिसके चक्कर में रात-रातभर पूरा गांव परेशान रहने लगा। उन्होंने जब पूरा मजरा समझा तो उनके होश उड़ गए।

साथ ही छोटे से गांव की लव स्टोरी नेशनल न्यूज बन गई।

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के पूर्णिया जिले के गणेशपुर गांव में एक इलेक्ट्रीशियन अपनी प्रेमिका से मिलने के चक्कर में रात को लाइट काट देता था। शुरू में लोगों ने इसे सामान्य प्रक्रिया समझी, लेकिन कई दिनों तक ऐसे होने पर ग्रामीण पड़ताल में जुट गए। जिस पर पता चला कि आसपास के गांवों में लाइट तो रहती है, लेकिन उनके गांव में शाम को दो-तीन घंटे के लिए लाइट कट जाती है।

कुछ दिनों बाद गणेशपुर के ग्रामीणों को ये भी पता चला कि इलेक्ट्रीशियन इश्क लड़ाने के लिए लाइट काटता है, ऐसे में उन्होंने उसे रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई। हाल ही में जब गांव की लाइट कटी तो सभी ग्रामीण इलेक्ट्रीशियन की तलाश में जुट गए। कुछ देर बाद वो प्राइमरी स्कूल में अपनी प्रेमिका के साथ पकड़ा गया।

ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर उन्होंने उसे पकड़कर उसका मुंडन करवा दिया और फिर गांव में घुमाया। बाद में उसने स्वीकार किया कि जब वो अपनी प्रेमिका से मिलना चाहता तो वो लाइट काट देता, ताकि अंधेरे में वो रोमांस कर सके। बाद में सरपंच और ग्रामीणों की मौजूदगी में उसकी शादी उसी लड़की से करवा दी गई।

स्थानीय थाना प्रभारी विकास कुमार आजाद ने कहा कि उन्हें घटना की जानकारी थी लेकिन अभी तक मामले में किसी ने शिकायत दर्ज नहीं करवाई है। मामले में एक ग्रामीण ने कहा कि वो बिजली कटौती से परेशान हो गए थे। गर्मी के दिनों में भी शाम को तीन-चार घंटे लाइट गायब रहती, जब से इलेक्ट्रीशियन की शादी हुई है, तब से शाम को बत्ती गुल होनी बंद हो गई।

योगी सरकार का बड़ा फैसला अब मदरसों में भी होगा राष्ट्रगान।

योगी सरकार का बड़ा फैसला अब मदरसों में भी होगा राष्ट्रगान


प्रगति बाजपई एंकर MINERVA NEWS LIVE


उत्तर प्रदेश के मदरसों में आज से राज्य की योगी सरकार का बड़ा फैसला लागू होने जा रहा है.

क्योंकि अब मदरसों में पढ़ाई शुरू होने से पहले राष्ट्रगान होगा. राज्य के सभी मान्यता प्राप्त सहायता और गैर अनुदानित मदरसों में राष्ट्रगान गाया जाएगा. असल में ईद की छुट्टियों के कारण आज से मदरसे खुल रहे हैं और आज से ही मदरसों में राष्ट्रगान गाया जाएगा. इसके लिए 24 मार्च को हुई बैठक में सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को इसे तुरंत लागू करने के लिए कहा गया था. लेकिन रमजान की छुट्टी शुरू होने के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के मदरसा शिक्षा परिषद की ओर से इसको लेकर निर्देश पहले ही भेजे जा चुके हैं. जिसके तहत मान्यता प्राप्त, अनुदानित प्राप्त और गैर सहायता प्राप्त मदरसों में नए सत्र से राष्ट्रगान गाने का आदेश दिया गया था. फिलहाल मदरसा बोर्ड की बैठक मार्च में हुई थी और इस बैठक में अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद ने कई फैसले लिए थे. जिसमें मदरसों में राष्ट्रगान गाने को लेकर भी फैसला किया गया था. इसके साथ ही बैठक में मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल और फाजिल की परीक्षाएं 14 से 27 मई तक कराने का फैसला किया गया था.

मदरसों में ही होंगी परीक्षाएं

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में गर्मी की छुट्टी और यूपी बोर्ड परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन का कार्य जारी है. जिसके कारण कॉलेज खाली नहीं हैं. लिहाजा मदरसा बोर्ड ने परीक्षाओं को मदरसों में ही आयोजित कराने का फैसला किया था.

छह पेपर की होगी परीक्षा

इसके अलावा मदरसा बोर्ड में अब छह पेपर की परीक्षा होगी. इसमें कक्षा 1 से 8 के पाठ्यक्रम में दीनियात के अलावा हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के प्रश्न पत्र होंगे. पिछले दिनों हुई मदरसा बोर्ड की बैठक में इस बात का भी फैसला हुआ था कि शिक्षकों की उपस्थिति के लिए हर मदरसे में बायोमीट्रिक सिस्टम लगाया जाएगा और नए सत्र से छात्रों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी शुरू की जाएगी.

टीईटी के तर्ज होगी मदरसों में अध्यापकों की नियुक्ति

यूपी मदरसा बोर्ड ने बैठक के माध्यम से टीईटी की तर्ज पर मदरसों में शिक्षकों की नियुक्ति करने का फैसला किया है और इसके लिए पहले परीक्षा देनी होगी और उसमें उत्तीर्ण होने वाले को मदरसों में नियुक्ति दी जाएगी. इसके साथ ही मदरसा बोर्ड ने फैसला किया था कि मदरसों में छात्रों की संख्या कम होने पर अन्य मदरसों में शिक्षकों का समायोजन किया जाएगा.

अध्यक्ष अब्बास नकवी,महामंत्री आकाश सैनी और कोषाध्यक्ष देवरंजन मिश्रा हुए निर्वाचितचुनाव अधिकारी ने दिए प्रमाण पत्रप्रेस क्लब की हुई बैठक

अध्यक्ष अब्बास नकवी,महामंत्री आकाश सैनी और कोषाध्यक्ष देवरंजन मिश्रा हुए निर्वाचित चुनाव अधिकारी ने दिए प्रमाण पत्र प्रेस क्लब की हुई बैठक ...