*हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ईद-उल-फितर, बच्चो में दिखा उत्साह*
*गुफरान खान तहसील संवाददाता मितौली मिनर्वा न्यूज़*
*मैगलगंज (खीरी) उत्तर प्रदेश के जनपद लखीमपुर खीरी के मैगलगंज में ईद-उल-फितर का त्यौहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सुबह ईद की नमाज के बाद मुल्क में अमन व शांति के लिए दुआ मांगी गई। नमाज के बाद लोगो ने एक दूसरे को गले लगाकर बधाई दी। ईद के इस मौके पर बच्चों में खास उत्साह दिखा तथा वह रंग बिरंगे कपड़ो में नजर आए। स्थानीय पुलिस प्रशासन किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद दिखा। मो. अजीम उर्फ बबलू व मेराज कुरैशी ने लोगो से बात करते हुए कहा कि ईद का त्यौहार मुस्लिम समुदाय के साथ अन्य लोगो मे भी खुशी का पैगाम लेकर आता है।
ईद का इतिहास दरअसल जब सल्लल्लाहो अलैहिस्सलम हज़रत मुहम्मद मक्का से हिजरत करके मदीना गये तो वहां के कबिलाई लोग साल में दो दिनों कि जश्न मनाते थे और इस दिन वह अपने कबीले के राजा और बुतों की तारीफ किया करते थे।
तब अल्लाह के हुक्म से हमारे नबी ने इसकी जगह दो बार ईद उल फित्र और ईद उल अजहा अल्लाह की इबादत और तारीफ़ के साथ मनाने का ऐलान किया।
हमारे नबी ने कबीलाई लोगों को एकेश्वरवाद के बारे में समझाया और लोगों को इस बात के लिए राज़ी किया कि सारी तारीफें सिर्फ "अल्लाह" के लिए हैं। ईद उल फित्र और ईद उल अजहा में नमाज़ पढ़ने जाते पढ़ी जाने वाली दुआ इसी तारीफ़ के लिए है। "अल्लाहू अकबर अल्लाहू अकबर लाईलाह इल्लल्लाहू वल्लाहू अकबर अल्लाहू अकबर वा लिल्लाहिल हम्द" अर्थात "अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह सबसे बड़ा है। अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं है और अल्लाह सबसे बड़ा है। अल्लाह सबसे बड़ा है और सभी प्रशंसाएं अल्लाह के लिए हैं'।