Sunday 22 May 2022

मोहम्मदी से दिल्ली जाने वाली अवैध बसों पर कब होगी कार्यवाही।

प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश
मोहम्मदी खीरी एआरटीओ साहब आखिर कब होगी मोहम्मदी क्षेत्र से दिल्ली तक चलने वाली अवैध बसों पर कार्यवाही कल आपने बहुत अच्छा कार्य किया प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर डग्गामार मैजिकों का चालान किया  टैक्सी स्टैंड बंद करवाए लेकिन मोहम्मदी से दिल्ली तक चलने वाली अवैध बसें आखिर कब बंद होगी जिन से दिल्ली से तमाम अवैध माल मोहम्मदी तक आता है अवैध रूप से सवारियां ढोई जाती हैं अमीन नगर मोहम्मदी सराय और जाने कहां-कहां से अवैध रुप से दिल्ली के लिए सवारिया ले जाती है और वहां से अवैध माल लेकर मोहम्मदी आती हैं आखिर इन पर क्यों नहीं हो रही है कार्रवाई छोटे वाहनों पर कार्रवाई और बड़े वाहनों पर दया दृष्टि ऐसा क्यों

वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद मामले में गोवा के सीएम का बड़ा बयानगोवा सीएम सावंत बोले नष्ट हुए सभी मंत्रों का हो फिर से जीर्णोद्धार।

प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश।


वाराणसी से ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर शुरू हुए विवाद की आंच अब दूसरे राज्यों तक भी पहुंच रही है। ताजा मामला गोवा के सीएम से जुड़ा हुआ है। गोवा के सीएम प्रमोद सांवत ने रविवार को कहा कि अतीत में नष्ट किए गए सभी मंदिरों का पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने राज्य में पुर्तगालियों द्वारा आक्रमण के समय नष्ट किए गए मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए बजटीय आवंटन किया है। प्रमोद सांवत के बयान के बाद राजनीति तेज हो गई है।
सीएम सावंत ने दिया बड़ा बयान
सावंत ने यह भी कहा कि गोवा सरकार राज्य में सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही है और लोगों को गोवा के मंदिरों में आने के लिए प्रेरित कर रही है। आरएसएस की साप्ताहिक पत्रिका पांचजन्य के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर यहां आयोजित एक मीडिया सम्मेलन में भाग लेते हुए गोवा के सीएम सावंत ने ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि पुर्तगाली शासन के 450 वर्षों में हिंदू संस्कृति का विनाश हुआ और कई लोगों का धर्मांतरण हुआ। राज्य के मंदिरों को नष्ट कर दिया गया था। हम इस सब का कायाकल्प करने जा रहे हैं। मेरा मानना है कि जहां भी मंदिर नष्ट हो गए हैं, उन्हें फिर से बनाया जाना चाहिए। सावंत ने आगे कहा कि उनकी सरकार गोवा में सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त काम कर रही है।

"सांस्कृतिक पर्यटन" पर जोर दे रही सरकार
सीएम सावंत ने कहा कि उनकी सरकार "सांस्कृतिक पर्यटन" पर जोर दे रही है। हर गांव में एक दो मंदिर होते हैं। हमें लोगों को समुद्र तट से मंदिर तक ले जाना है। इस दौरान यूनिफार्म सिविल कोड (यूसीसी) पर बोलते हुए सावंत ने कहा कि गोवा में पहले से ही यूनिफार्म सिविल कोड लागू है। इसे हर राज्य में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं गर्व से कहता हूं कि गोवा आजादी के बाद से यूनिफार्म सिविल कोड का पालन कर रहा है। मेरा मानना है कि अन्य सभी राज्यों को यूसीसी का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने गोवा यूसीसी पर अन्य मुख्यमंत्रियों से भी चर्चा की है।

कांग्रेस पर साधा निशाना
संबोधन के दौरान सीएम सावंत ने गोवा की मुक्ति में देरी के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार को भी दोषी ठहराया और कहा कि भारत 1947 में स्वतंत्र हुआ जबकि राज्य ने 1961 में अपनी मुक्ति हासिल की। गोवा में खनन के बारे में पूछे जाने पर सावंत ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में खनन को फिर से शुरू करने पर काम कर रही है, जो 2012 से प्रतिबंधित है।

गौरतलब है कि 16 मई को जब हिंदू याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने कहा कि अदालत द्वारा अनिवार्य वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान एक शिवलिंग पाया गया है, तब वाराणसी की एक स्थानीय अदालत ने जिला प्रशासन को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर उस जगह को सील करने का निर्देश दिया था। हालांकि, मस्जिद प्रबंधन समिति के प्रवक्ता ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि वो वास्तव में एक फव्वारा है।

वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद की पहली सुनवाई आज शिवलिंग की पूजा के लिए वहां के पुजारी भी करेंगे केस फाइल।


प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश
 ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी विवाद सेशंस कोर्ट से ट्रासंफर होने के बाद आज पहली बार जिला अदालत में सुनवाई होगी.
जिला जज अजय कुमार विश्वेश की कोर्ट में पहली बार केस ओपन होगा और केस की रोजाना सुनवाई भी की जा सकती है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने जिला अदालत को 8 हफ्ते में सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया है.

दरअसल, हिंदू पक्ष की मांग है कि नंदी के सामने वाली दीवार को तोड़ा जाए जबकि मुस्लिम पक्ष की दलील है कि जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है वो फव्वारा है. हिंदू पक्ष की मांग है कि मस्जिद में मिले मंदिरों के प्रतीक चिह्नों की जांच आगे बढ़ाई जाए लेकिन मुस्लिम पक्ष की दलील है कि मस्जिद में किसी तरह की तोड़फोड़ या जांच नहीं होनी चाहिए.

काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत कुलपति पूजा-अर्चना के लिए दाखिल करेंगे अर्जी

ऐसे में जिला अदालत अब नए सिरे से दोनों पक्षों की सुनेगा. इस बीच काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत कुलपति तिवारी वाराणसी कोर्ट में ज्ञानवापी में पूजा-अर्चना के लिए अर्जी दाखिल करेंगे तो वहीं इंतजामिया कमेटी सर्वे रिपोर्ट लीक होने के मामले में कानूनी कार्रवाई की मांग करेगी. ज्ञानवापी विवाद पर आज वाराणसी के जिला जज की अदालत में पहली सुनवाई-काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत भी शिवलिंग की पूजा के लिए वाराणसी कोर्ट में केस फाइल करेंगे.

क्या थी सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी?

मुस्लिम पक्ष के वकील ने प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि एक्ट की धारा 3 के तहत किसी धार्मिक जगह का चरित्र नहीं बदला जा सकता. इस पर बेंच के अध्यक्ष जस्टिस चंद्रचूड़ ने उन्हें टोकते हुए कहा कि किसी जगह के धार्मिक चरित्र का पता लगाने का प्रयास धारा 3 का उल्लंघन नहीं है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर किसी पारसी पूजा स्थल में ईसाई धार्मिक प्रतीक क्रॉस रखा हो और मामला कोर्ट में आ जाए, तो जज उस जगह के धार्मिक स्टेटस की जांच कर सकते हैं.

जजों ने यह भी साफ किया कि मामला ज़िला जज को भेजने का अर्थ यह नहीं है कि वह अब तक मामले को सुन रहे सीनियर डिवीजन सिविल जज के काम पर कोई नकारात्मक टिप्पणी कर रहे हैं. मामले के जटिल कानूनी सवालों को देखते हुए ज़िला जज के पास इसे भेजा जा रहा है क्योंकि उन्हें सिविल मामलों में 25 से 30 साल का अनुभव होता है.

सफाई के नाम पर लाखों खर्च, फिर भी गन्दगी में जीने को मजबूर तहसील मितौली के ग्रामीण

प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश

*मितौली खीरी* - उत्तर प्रदेश के जनपद लखीमपुर खीरी के मितौली कस्बे के ग्रामीण गलियों में जलभराव की वजह से नरकीय जीवन जीने को विवश है। केंद्र व राज्य सरकार एक तरफ जहाँ स्वच्छ भारत मिशन जैसे अभियान के जरिए हर रोज साफ सफाई के लिए लोगो को जागरूक कर रहे है तो वही दूसरी तरफ मितौली कस्बे के ग्रामीण गंदगी में जीने को मजबूर है। कहने को तो मितौली तहसील के दर्जा रखती है और हर साल सफाई के नाम पर लाखों खर्च भी होते है, लेकिन धरातल पर यह काम शून्य नजर आता हैं। ग्रामीणों के अनुसार नालियों की सफाई न होने की वजह से घरों का गन्दा पानी गलियों में भर जाता है। जिससे गली से गुजरने वाले राहगीरों को गन्दे पानी से होकर गुजरना पड़ता है। इस गन्दे पानी मे राहगीर व छोटे बच्चे अक्सर गिरकर घायल भी होते है लेकिन फिर भी जिम्मेदारों का इस तरफ ध्यान नही जाता। एक तरफ गलियों में भरे गन्दे पानी से जहां संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा है , तो वही दूसरी तरफ जिम्मेदार देखकर भी अंजान बने रहते है। ऐसा लगता है कि जैसे कि वो क्षेत्र में महामारी फैलने का इंतजार कर रहे हो।
अब देखना यह है कि स्वच्छ भारत मिशन का दावा करने वाले प्रसाशनिक अधिकारियों व शासन की नजर कब तक पड़ती है।

Tuesday 17 May 2022

पूर्व प्रधान के बेटे ने गोली मारकर की आत्महत्या।


प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश
बरेली, 16 मई। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के बहेडी थाना क्षेत्र के लबेदा गांव में एक पूर्व प्रधान के बेटे का शव खेत में मिला है और उसके सिर में गोली लगने का निशान है। एक पुलिस अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है, जबकि पुलिस आत्महत्या का अंदेशा जता रही है।

अधिकारियों के मुताबिक, लबेदा गांव निवासी पूर्व प्रधान प्रेमदास गंगवार के पुत्र संजय गंगवार (35) का शव सोमवार सुबह छह बजे उनके घर के सामने खेत में पड़ा मिला। उन्होंने बताया कि प्रेमदास सुबह अपने खेत में टहलने गए थे, तभी उन्होंने वहां अपने पुत्र का शव देखा। प्रेमदास ने आरोप लगाया कि संजय के सिर में गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राजकुमार अग्रवाल के अनुसार, लबेदा गांव में संजय नाम के एक युवक की सिर में गोली लगने के कारण मौत होने की सूचना मिली है। उन्होंने कहा कि पुलिस को मौके पर जो साक्ष्य मिले हैं, उससे घटना प्रथम दृष्टया आत्महत्या प्रतीत हो रही है। अग्रवाल के मुताबिक, जिस असलहे से गोली लगने की बात कही जा रही है, वह भी मौके से बरामद हुआ है। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए हैं और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

Monday 16 May 2022

पहली बार किसी मामले की हाईकोर्ट ने व्हाट्सएप के माध्यम से की केस की सुनवाई जाने क्या रही वजह।

लक्ष्मी गुप्ता एंकर MINERVA NEWS LIVE


हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार किसी जज ने व्हाट्सएप के जरिए किसी मामले की सुनवाई की है। ये हैरान कर देने वाला मामला रविवार की छुट्टी वाले दिन हुआ है।
दरअसल, मद्रास हाईकोर्ट के जज जस्टिस जी आर स्वामीनाथन रविवार को एक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए शहर से बाहर नागरकोइल गये थे। वहीं से उन्होंने वॉट्सऐप से एक मामले की सुनवाई की।



मंदिर से जुड़ा था मामला
दरअसल, मामला धर्मपुरी जिले के एक मंदिर से जुड़ा हुआ है। श्री अभीष्ट वरदराजा स्वामी मंदिर से हर साल निकलने वाली रथ यात्रा पर हिंदू धार्मिक और परमार्थ विभाग से संबद्ध निरीक्षक ने मंदिर प्रशासन और ट्रस्टी को रथयात्रा रोकने का आदेश दिया था। इस मामले में श्री अभीष्ट वरदराजा स्वामी मंदिर के वंशानुगत ट्रस्टी पी आर श्रीनिवासन ने दलील दी थी कि अगर सोमवार को उनके गांव में प्रस्तावित रथ महोत्सव आयोजित नहीं किया गया तो गांव को 'दैवीय प्रकोप' झेलना पड़ेगा। इस मामले में इमरजेंसी को देखते हुए जज जस्टिस जी आर स्वामीनाथन ने व्हाट्सएप के जरिए मामले की सुनवाई की।



व्हाट्सएप से हुई सुनवाई
उन्होंने मामले की सुनवाई की शुरुआत में ही कहा कि रिट याचिकाकर्ता की प्रार्थना की वजह से मुझे नागरकोइल से इमरजेंसी सुनवाई करनी पड़ी है और व्हाट्सएप के जरिए मामले की सुनवाई की जा रही है। सुनवाई के दौरान जस्टिस जी आर स्वामीनाथन ने नागरकोइल से मामले की सुनवाई कर रहे थे, वहीं याचिकाकर्ता के वकील वी राघवाचारी एक स्थान से और सॉलिसिटर जनरल आर षणमुगसुंदरम दूसरी जगह से इस सुनवाई में हिस्सा ले रहे थे।

सुनवाई करते हुए जस्टिस ने यह कहते हुए कि हिंदू धार्मिक और परमार्थ विभाग से संबद्ध निरीक्षक को मंदिर प्रशासन और ट्रस्टी को रथयात्रा रोकने का आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है, आदेश को खारिज कर दिया।

जज ने दिए आदेश
सुनवाई के दौरान सालिसिटर जनरल ने जज से कहा कि सरकार को महोत्सव के आयोजन से कोई दिक्कत नहीं है। सरकार की चिंता केवल आम जनता की सुरक्षा है। उन्होंने तर्क दिया कि सुरक्षा मानकों का पालन नहीं होने की वजह से तंजोर जिले में हाल में ऐसी ही एक रथ यात्रा में बड़ा हादसा हो गया था। इस पर जज ने मंदिर के अधिकारियों को निर्देश दिया कि रथ यात्रा के आयोजन के दौरान सरकार की ओर से निर्धारित नियम एवं शतरें का कड़ाई से पालन किया जाए। इसके साथ ही जज ने सरकारी विद्युत वितरक कंपनी टैनगेडको रथयात्रा शुरू होने से लेकर इसके गंतव्य पर पहुंचने तक कुछ घंटे के लिए क्षेत्र की बिजली काट देने का निर्देश दिया है।

ज्ञानवापी मस्जिद के 3 दिन के सर्वे में मूर्तियां कलश और शिवलिंग के अलावा क्या-क्या दावे हुए पेश पढ़िए और जानिए।

प्रिंस गुप्ता प्रदेश कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में तीन दिन तक चले सर्वे का काम खत्म हो गया है. तीसरे दिन सर्वे टीम ने नंदी की मूर्ति के पास के कुएं की पड़ताल हुई. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन का दावा है कि कुएं के अंदर शिवलिंग मिला और वो कब्जे में लेने के लिए सिविल कोर्ट जा रहे हैं.
हालांकि हिंदू पक्ष के दावे को मुस्लिम पक्ष ने खारिज कर दिया.

तीसरे दिन सर्वे टीम ने उस कुएं की पड़ताल की, जो नंदी की मूर्ति के पास है. प्राचीन कुएं की वीडियोग्राफी के लिए अंदर वाटर प्रूफ कैमरा डाला गया. तीसरे राउंड के साथ ही सर्वे का काम खत्म हो गया. तीन दिनों के सर्वे में ज्ञानवापी मस्जिद में तहखाने से लेकर गुंबद और पश्चिमी दीवारों की वीडियोग्राफी हुई. अब यह सबूत कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा.

वजुखाने में 12 फीट 8 इंच का शिवलिंग!

इस बीच हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने दावा किया कि ज्ञानवापी के वजुखाने में 12 फीट 8 इंचा का शिवलिंग मिला है. उनका कहना है कि यह शिवलिंग नंदीजी के सामने है और पूरा पानी निकालकर देखा गया, शिवलिंग 12 फीट 8 इंच का है, जो काफी अंदर गहराई तक है, शिवलिंग जब मिला तो लोग झूम उठे और हर-हर महादेव का नारे लगे.

हिंदू पक्षकार बोले- आज बाबा मिल गए

वादी महिला लक्ष्मी देवी के पति और सर्वे टीम में शामिल सदस्य सोहनलाल आर्य ने कहा कि आज बाबा मिल गए, इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं बोलूंगा, जो इतिहासकारों ने लिखा था वह मिल गए, जिसकी नंदी प्रतिक्षा कर रही थीं वह बाबा मिल गए, जो सोचा गया था उससे ज्यादा परिणाम मिला है, इसके बाद हम पश्चिम दीवार में 75 फीट लंबा और 35 फीट ऊंचे मलबे की जांच करने की मांग करेंगे.

तीन दिन तक चला सर्वे, सारे सबूत कैद

ज्ञानवापी मस्जिद का सच कानूनी रिकॉर्ड में दर्ज हो गया. सबूत तस्वीरों में कैद हो गए. तहखाने से लेकर गुंबद तक का वीडियो तैयार हो गया. तीन राउंड में सर्वे का काम हो गया. अब सच का इंतजार है. आज सर्वे का फाइनल राउंड था. सुबह 8 बजते ही सर्वे टीम ज्ञानवापी मस्जिद पहुंच गई. आज बाकी बजे 20 फीसदी काम को खत्म किया गया.

पहले दिन खुलवाए गए थे सभी चार तहखाने

सूत्रों के मुताबिक, नंदी के सामने बने कुएं की ओर सर्वे हुआ. कुएं में वाटर रेसिस्टेंट कैमरा डालकर अंदर की वीडियोग्राफी भी हुई. ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर सर्वे का 14 मई को हुआ. पहले दिन सुबह 8 बजे से 12 बजे तक सर्वे हुआ. राउंड-1 में सभी 4 तहखानों के ताले खुलवा कर का सर्वे किया गया.

दूसरे दिन गुंबद, नमाज स्थल और वजू स्थल का सर्वे

15 मई को दूसरे राउंड का सर्वे हुआ. दूसरे दिन भी चार घंटे सर्वे का काम चला, लेकिन कागजी कार्रवाई के कारण सर्वे टीम डेढ़ घंटे देर से बाहर निकली. राउंड -2 में गुंबदों, नमाज स्थल, वजू स्थल के साथ-साथ पश्चिमी दीवारों की वीडियोग्राफी हुई. मुस्लिम पक्ष ने चौथा ताला खोला. साढ़े तीन फीट के दरवाजे से होकर गुंबद तक का सर्वे हुआ.

तीसरे दिन का सर्वे, शिवलिंग का दावा

आज तीसरे दिन करीब 2 घंटे का काम हुआ. आज सर्वे टीम नंदी के पास के कुएं से लेकर बाकी बचे इलाकों का मुआयना किया. फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी हुई. कोर्ट की सख्ती है. लिहाजा कोई भी पक्ष सर्वे पर खुल कर नहीं बोल रहा. अंदर क्या दिखा? क्या सबूत दर्ज हुए? लेकिन दबी जुबान से दावे जरूर कर रहे हैं.

सर्प, कलश, घंटियां, स्वास्तिक, स्वान मिलने का दावा

हिंदू पक्ष दावे मजबूत होने की बात कर रहा है तो मुस्लिम पक्ष कुछ न मिलने का दावा कर रहा है. सर्वे में शामिल वकील ने नाम न छापने की शर्त पर बताया था कि तीन कमरों में सर्प, कलश, घंटियां, स्वास्तिक, संस्कृत के श्लोक और स्वान की मूर्तियां मिली हैं, जो उनके लिए सबसे अहम सबूत हैं. इसके अलावा हिंदू मंदिरों के खंभे मिले हैं.

17 मई को सामने आयेगा ज्ञानवापी का सच

वहीं मुस्लिम पक्ष के वकील ने सभी दावों को खारिज कर दिया है. दावे अपने-अपने हैं, लेकिन सच्चाई कोर्ट में ही सामने आएगी. कोर्ट कमिश्नर कल सेशंस कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट दाखिल करेंगे. सील बंद रिपोर्ट कोर्ट में ही खुलेगी, फिर साफ होगा कि ज्ञानवापी का सच क्या है? तहखाने से क्या मिला? गुंबद की वीडियोग्राफी में क्या कैद है?

किसी ने भी नहीं लीक की जानकारी: DM

सर्वे पूरा होने पर डीएम कौशल राज शर्मा ने कहा कि सर्वे टीम के किसी भी सदस्य द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण की जानकारी लीक नहीं की गई है, कोर्ट ही सर्वे की जानकारी का संरक्षक है. एक सदस्य को कल लगभग कुछ मिनटों के लिए सर्वे टीम से हटा दिया गया था, बाद में सर्वे टीम का हिस्सा बना लिया गया था.

अध्यक्ष अब्बास नकवी,महामंत्री आकाश सैनी और कोषाध्यक्ष देवरंजन मिश्रा हुए निर्वाचितचुनाव अधिकारी ने दिए प्रमाण पत्रप्रेस क्लब की हुई बैठक

अध्यक्ष अब्बास नकवी,महामंत्री आकाश सैनी और कोषाध्यक्ष देवरंजन मिश्रा हुए निर्वाचित चुनाव अधिकारी ने दिए प्रमाण पत्र प्रेस क्लब की हुई बैठक ...